जबलपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने आरएसएस के गुरु गोलवलकर को लेकर एक ट्वीट किया था. इसके बाद दिग्विजय सिंह के खिलाफ मध्य प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर एफआईआर दर्ज की गई थीं. दिग्विजय सिंह की ओर से इन मामलों के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. हाई कोर्ट ने दिग्विजय सिंह के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि एक ही मामले में अलग-अलग कानून में शिकायत पर सुनवाई नहीं की जा सकती है. Digvijay Singh relief from High Court
गुरु गोलवलकर पर की थी टिप्पणी : बता दें कि कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने बीते दिनों गुरु गोलवलकर के बारे में सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ पोस्ट शेयर की थीं. इनमें उन्होंने कुछ फोटो भी शेयर की थी. इन फोटो के वायरल होने के बाद दिग्विजय सिंह को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लोगों के साथ ही भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोगों ने जमकर विरोध किया था. इन लोगों का कहना था कि उनकी भावनाएं आहत हुई हैं. इसलिए इन लोगों ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग थानों में एफआईआर कराई थीं. Digvijay Singh relief from High Court
दिग्विजय के वकील पहुंचे हाईकोर्ट : इनमें से पांच मामलों को लेकर दिग्विजय सिंह के वकील एडवोकेट विभोर खंडेलवाल जबलपुर हाईकोर्ट पहुंचे. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पुराने दृष्टांत को आधार बनाकर कोर्ट से इस बात की राहत चाही थी कि एक ही मामले में प्रदेश के अलग-अलग थानों में जो एफआईआर हुई हैं उन्हें खत्म करके मात्र एक मुख्य एफआईआर के मामले में सुनवाई की जानी चाहिए. कोर्ट ने इसे मानते हुए दिग्विजय सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया है और मात्र एक मामले में अब दिग्विजय सिंह के खिलाफ यह मामला आगे चलेगा. Digvijay Singh relief from High Court
ALSO READ: |
उज्जैन में दर्ज है केस : बता दें कि दिग्विजय सिंह के खिलाफ धारा 151 धारा 500 धारा 505 धारा 461 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा एससी एसटी एक्ट की धारा 31 यू के तहत उज्जैन में भी एक मामला दर्ज हुआ. जिसमें उज्जैन के एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता ने यह कहते हुए मामला दर्ज करवाया था कि इन्होंने मेरी भावनाओं को भी आहत किया है और मैं एक अनुसूचित जाति से संबंध रखता हूं. इसलिए यह मामला उनके खिलाफ उज्जैन के अनुसूचित जाति जनजाति थाने में दर्ज किया गया. Digvijay Singh relief from High Court