इंदौर। देशभर में लगातार बढ़ रही छेड़छाड़ और यौन शोषण की घटनाओं के बीच अब छात्राओं और युवतियों को निर्भया बनाने के साथ अब आत्मरक्षा के गुर भी सिखाए जा रहे हैं. इंदौर में निर्भया दिवस पर सामाजिक संस्था ज्वाला द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहली बार एक ही मंच पर करीब 17,900 छात्राओं ने निर्भया की ट्रेनिंग लेने के साथ आत्मरक्षा का संकल्प भी लिया है. स्वच्छ शहर को सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में आयोजित इस कार्यक्रम को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है.
छात्राओं ने सीखे आत्मरक्षा के गुर: देश में महिला सशक्तिकरण के अभियान के मद्देनजर इंदौर में आज शनिवार को एक साथ 17,900 छात्राओं और युवतियों ने न केवल आत्मरक्षा के गुर सीखे, बल्कि छेड़छाड़ अथवा संकट की स्थिति में सेल्फ डिफेंस कैसे किया जा सकता है इसके लिए भी अलग-अलग चरणों में आयोजित वर्कशॉप में भी सामूहिक रूप से भागीदारी की. दरअसल अपनी तरह के इस आयोजन में पहली बार एक साथ एक मंच पर संस्था ज्वाला द्वारा हजारों छात्रों को सेल्फ डिफेंस की वर्कशॉप में आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी गई
सेल्फ डिफेंस के लिए आगे आने का संदेश: इसके अलावा ट्रेनिंग में संकट में आवाज निकालने के तरीके, पीक पॉइंट पर हमला करके कैसे बचाना और स्वयं को कैसे छुड़ाना है, इस सब की जानकारी छात्राओं और युवतियों को दी गई. यह पहला मौका था जब एक साथ हजारों छात्राओं ने एक मंच पर उतरकर सेल्फ डिफेंस के लिए आगे आने का संदेश दिया. इस दौरान छात्राओं ने स्टेडियम में तिरंगा भी बनाया. वहीं, जुंबा एरोबिक्स और अन्य व्यायाम के जरिए स्वस्थ रहने के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं में बचाव के दौरान अपने पास रहने वाली सामग्री के उपयोग आदि की भी ट्रेनिंग ली. इस दौरान कार्यक्रम में मौजूदा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सभी छात्रों को आत्मरक्षा की शपथ भी दिलवाई. इस आयोजन को लिम्का बुक को वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने निर्भया अभियान के तहत रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया है.
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शहर में चिन्हित होंगे असुरक्षित स्थान: अपनी तरह के इस आयोजन के अवसर पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने छात्रों को आत्मरक्षा की शपथ दिलाई. वही, इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी के मुताबिक, शहर को सुरक्षित बनाने के लिए आयोजित ज्वाला संस्था के कार्यक्रम के बाद शहर में ऐसे स्थान चिन्हित किए जाएंगे जो छात्राओं और युवतियों के लिहाज से असुरक्षित हैं. ऐसे स्थानों को सुरक्षित कैसे बनाया जा सकता है इस पर भी आगे काम किया जाएगा. वहीं, क्षेत्र में आवश्यकता अनुसार लाइटिंग के अलावा सुरक्षा की अन्य व्यवस्थाएं विकसित की जाएगी. जिससे इंदौर स्वच्छ शहर के साथ भविष्य में सुरक्षित शहर के रूप में भी स्थापित हो सके.