भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सियासी दांव ने बीजेपी को चौंका दिया है. कांग्रेस का मानना है कि अगर एक ही परिवार के दो लोग आमने-सामने होते हैं तो वोटों का बंटवारा होगा. ऐसे में पार्टी के परंपरा वोट बैंक के साथ बड़ी संख्या में वे वोट भी मिलेंगे जो कभी पार्टी को हासिल नहीं होते हैं. प्रदेश की कई सीटों पर कांग्रेस ने बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ उन्हीं के रिश्तेदारों का कार्ड खेलकर नए समीकरण बनाने की कोशिश की है. हालांकि इससे कहीं-कहीं पर पार्टी के पुराने नेताओं में असंतोष के स्वर भी सुनाई दिए हैं. वहीं कई नेताओं को धर्मसंकट की स्थिति का सामना करना पड़ेगा.
सागर व होशंगाबाद सीट पर रोचक मुकाबला : सागर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक शैलेद्र जैन भाजपा के प्रत्याशी हैं. कांग्रेस ने शैलेंद्र के छोटे भाई की पत्नी निधि जैन को उम्मीदवार बनाया है. यानि चुनाव में मुकाबला जेठ-बहू के बीच है. निधि जैन इससे पहले महापौर का चुनाव भी लड़ चुकी हैं. उनके पति सुनील जैन देवरी से विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस के इस दांव से जैन समाज के वोट दोनों प्रत्याशियों के बीच बंटने की संभावना है. वहीं, होशंगाबाद विधानसभा सीट (2008 से पहले इटारसी विस सीट) पिछले 33 साल से भाजपा के कब्जे में है. बीते 10 सितंबर को पूर्व विधायक गिरिजाशंकर कांग्रेस में शामिल हुए. अब वह कांग्रेस के प्रत्याशी हैं. दूसरी तरफ, डॉ. सीताशरण शर्मा को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है. ये दोनों भाई चुनाव में ताल ठोक रहे हैं.
देवतालाब से गिरीश गौतम के सामने भतीजा : रीवा जिले की देवतालाब सीट पर बीजेपी के गिरीश गौतम मैदान में हैं. उनके सामने भतीजे पद्मेश गौतम को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है. पद्मेश जिला पंचायत के सदस्य हैं. पिछले विस चुनाव में कांग्रेस देवतालाब में तीसरे स्थान पर थी, जबकि गिरीश गौतम सिर्फ 1,180 वोटों से जीते थे. उधर, निवाड़ी सीट पर कांग्रेस ने अमित राय को प्रत्याशी बनाया है. अमित कुछ दिन पहले तक भाजपा में थे. वह जिला पंचायत में सदस्य भी रहे. अमित की मां सरोज राय भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. यहां भाजपा के अनिल जैन हैं.
दोनों दलों के ये तर्क : इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का कहना है कि कुछ फैसले अपने विवेक से लिए हैं उन पर विश्वास करना चाहिए. प्रचंड जीत हमारी पहली प्राथमिकता है. दूसरी तरफ, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि बीजेपी हमेशा परिवादवाद का विरोध करती रही है, लेकिन जो जिताऊ कैंडिडेट है, उसे पार्टी ने मैदान में उतारा है. राजनीति में रिश्तेदारों के बीच मुकाबला एक संयोग है.
जातियों को देखकर तय किए प्रत्याशी :
- दिमनी सीट से नरेंद्र सिंह तोमर बनाम रवीद्र सिंह तोमर
- खातेगांव आशीष शर्मा बनाम दीपक जोशी
- उज्जैन दक्षिण मोहन यादव व बनाम चेतन यादव
- पिछोर प्रीतम लोधी बनाम अरविंद सिंह लोधी