नरसिंहपुर। जिले के एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. नरसिंहपुर में DRI ने तीन साल से थाने में खड़ी कबाड़ हुई दो फोर व्हीलरों से साढ़े चार करोड़ की ड्रग्स (हशीश) बरामद की है. दरअसल साल 2020 में जबलपुर DRI ने दो चार पहिया वाहनों से 117 किलो हशीश बरामद कर सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था. वह ड्रग्स को नेपाल से नेशनल हाइवे 44 के जरिये चेन्नई लेकर जा रहे थे. इस कार्रवाई के बाद स्मगलिंग में जब्त दोनों वाहनों को पुलिस ने थाने में खड़ा किया था.
वाहन सुपुर्दगी के लिए परिजनों ने दिया था आवेदन: वहीं स्मगलिंग के आरोपियों के परिवार द्वारा जब्त गाड़ी सुपुर्दगी लेने के आवेदन दिया था. इसके बाद पुलिस को शक हुआ कि आखिरकार आरोपियों के परिवार वाले इन कबाड़ गाड़ियों को वापस क्यों लेना चाहते हैं. इसी दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी की थाने में खड़ी जब्त गाड़ियों में और हशिश मौजूद है. जिसके बाद पुलिस ने न्यायालय से अनुमति लेने के बाद दोनों वाहनों की मैकेनिकल जांच करवाई, जहां से लगभग साढ़े चार करोड़ की 86.35 किलो हशीश बरामद हुई है.
नरसिंहपुर पुलिस सवालों के घेरे में: हाईकोर्ट से स्वीकृति लेकर DRI और आरोपियों की मौजूदगी में और हशीश निकाली. जांच में कार की बॉडी के नीचे बेल्डिंग कर चेम्बर बनाकर 86.35 किलो हशीश रखी गई थी. जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया. इसका मूल्य लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये बताया जा रहा है. इस मामले के बाद एक बार फिर नरसिंहपुर पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है. हैरानी की बात है कि इतनी बड़ी लापरवाही आखिर पुलिस से कैसे हो गई. जबलपुर आईजी उमेश कुमार जोगा ने बताया कि ''अक्टूबर 2020 में हशीश की तस्करी के आरोप में 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर करीब 7 करोड़ की ड्रग्स बरामद की थी, तभी से कारें थाने में खड़ी थीं. लेकिन कारों में और हशीश मिलने की सूचना पर एक बार फिर तीन साल बाद इन जब्त गाड़ियों से 86 किलो हशीश बरामद की है.''