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MP में 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डॉक्टर्स, 2 घंटे OPD को रखा बंद - 3 मई से डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल

मध्यप्रदेश में सरकार की वादाखिलाफी से नाराज प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों ने 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. ऐसे में स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा सकती हैं. बता दें ये सभी डॉक्टर्स DACP लागू करने और प्रशासनिक दखलअंदाजी जैसे आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

mp doctors protest
हड़ताल पर डॉक्टर्स
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Published : May 2, 2023, 4:07 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार की वादाखिलाफी से नाराज मध्य प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों ने 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. प्रदेश में आज कई जिलों में डॉक्टर्स ने दो घंटे ओपीडी बंद रखकर विरोध जताया है. ऐसे में सवाल यह है कि डॉक्टर हड़ताल पर जाते हैं, तो ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं का क्या होगा. हालांकि कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग गंभीर मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट करने की तैयारी में है. जबकि ग्वालियर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल जयरोग्य प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि हड़ताल के दौरान मरीजों को परेशानी ना उठानी पड़े. इसका इंतजाम पहले ही किया जाए.

आर-पार की लड़ाई में डॉक्टर्स: दरअसल, राजधानी भोपाल में यह सभी मेडिकल कॉलेज के बाहर लगे पंडालों में डॉक्टर्स एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मेडिकल टीचर एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने पिछली बार इनकी मांगों के समाधान का निर्णय लिया था. जिसके बाद उन्होंने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी थी, लेकिन 2 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार का वही रवैया है. ऐसे में अब आर-पार की लड़ाई है. मेडिकल टीचर्स की इस हड़ताल को प्रदेश भर में डॉक्टर्स का समर्थन मिला है. जबकि आईएमए ने भी उनके समर्थन में अपना पत्र जारी किया है. मध्य प्रदेश में 13 मेडिकल कॉलेज हैं. सभी जिलों में डॉक्टर्स ने मंगलवार को 2 घंटे 11 से लेकर 1 बजे तक काम बंद रखा. जबकि बुधवार से सभी हड़ताल पर रहेंगे.

डॉक्टरों के अवकाश हुए रद्द: वहीं दूसरी और स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में गंभीर ऑपरेशन को टाल दिया है, और उन्हें आगे की डेट देने को कहा है. जबकि गंभीर रूप से भर्ती मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. ऐसे में बुधवार से प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ सकती है. अगर ग्वालियर संभाग की बात करें तो गजरा राजा मेडिकल कॉलेज समूह के सबसे बड़े जयरोग्य अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त रखने के निर्देश संभागीय कमिश्नर ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रबंधन को दिए हैं. निर्देश मिलते ही आनन-फानन में (GRMC) में डॉक्टरों के ग्रीष्मकालीन अवकाश रद्द कर दिए गए हैं. हड़ताल के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल ना हो इसके इंतजाम की अभी से तैयारी में शुरू कर दी गई है.

कुछ खबरें यहां पढ़ें

आयुष विभाग के डॉक्टरों की लगेगी ड्यूटी: जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के डीन ने कहा है कि मरीजों को कोई परेशानी ना हो, इसलिए आयुष विभाग के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने के लिए पत्र लिखा है. इमरजेंसी, ट्रामा और आईसीयू पूरी तरह संचालित रहेगा. मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी. वहीं डॉक्टर 17 अप्रैल से ओपीडी में आने वाले मरीजों के पर्चों पर दवाईयों के साथ-साथ अपनी मांगे पूरी करो के मैसेज भी लिख रहें थे. बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान और डॉक्टर्स के बीच बातचीत हुई, लेकिन प्रमोशन की अवधि को लेकर बात नहीं बन सकी. साथ ही DACP को लेकर पिछली बैठक में जो आम सहमति बनी थी, उसे भी मानने से मना कर दिया है. जिसके चलते अब प्रदेश के डॉक्टरों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार की वादाखिलाफी से नाराज मध्य प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों ने 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. प्रदेश में आज कई जिलों में डॉक्टर्स ने दो घंटे ओपीडी बंद रखकर विरोध जताया है. ऐसे में सवाल यह है कि डॉक्टर हड़ताल पर जाते हैं, तो ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं का क्या होगा. हालांकि कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग गंभीर मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट करने की तैयारी में है. जबकि ग्वालियर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल जयरोग्य प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि हड़ताल के दौरान मरीजों को परेशानी ना उठानी पड़े. इसका इंतजाम पहले ही किया जाए.

आर-पार की लड़ाई में डॉक्टर्स: दरअसल, राजधानी भोपाल में यह सभी मेडिकल कॉलेज के बाहर लगे पंडालों में डॉक्टर्स एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मेडिकल टीचर एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने पिछली बार इनकी मांगों के समाधान का निर्णय लिया था. जिसके बाद उन्होंने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी थी, लेकिन 2 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार का वही रवैया है. ऐसे में अब आर-पार की लड़ाई है. मेडिकल टीचर्स की इस हड़ताल को प्रदेश भर में डॉक्टर्स का समर्थन मिला है. जबकि आईएमए ने भी उनके समर्थन में अपना पत्र जारी किया है. मध्य प्रदेश में 13 मेडिकल कॉलेज हैं. सभी जिलों में डॉक्टर्स ने मंगलवार को 2 घंटे 11 से लेकर 1 बजे तक काम बंद रखा. जबकि बुधवार से सभी हड़ताल पर रहेंगे.

डॉक्टरों के अवकाश हुए रद्द: वहीं दूसरी और स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में गंभीर ऑपरेशन को टाल दिया है, और उन्हें आगे की डेट देने को कहा है. जबकि गंभीर रूप से भर्ती मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. ऐसे में बुधवार से प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ सकती है. अगर ग्वालियर संभाग की बात करें तो गजरा राजा मेडिकल कॉलेज समूह के सबसे बड़े जयरोग्य अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त रखने के निर्देश संभागीय कमिश्नर ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रबंधन को दिए हैं. निर्देश मिलते ही आनन-फानन में (GRMC) में डॉक्टरों के ग्रीष्मकालीन अवकाश रद्द कर दिए गए हैं. हड़ताल के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल ना हो इसके इंतजाम की अभी से तैयारी में शुरू कर दी गई है.

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आयुष विभाग के डॉक्टरों की लगेगी ड्यूटी: जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के डीन ने कहा है कि मरीजों को कोई परेशानी ना हो, इसलिए आयुष विभाग के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने के लिए पत्र लिखा है. इमरजेंसी, ट्रामा और आईसीयू पूरी तरह संचालित रहेगा. मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी. वहीं डॉक्टर 17 अप्रैल से ओपीडी में आने वाले मरीजों के पर्चों पर दवाईयों के साथ-साथ अपनी मांगे पूरी करो के मैसेज भी लिख रहें थे. बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान और डॉक्टर्स के बीच बातचीत हुई, लेकिन प्रमोशन की अवधि को लेकर बात नहीं बन सकी. साथ ही DACP को लेकर पिछली बैठक में जो आम सहमति बनी थी, उसे भी मानने से मना कर दिया है. जिसके चलते अब प्रदेश के डॉक्टरों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है.

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