भोपाल : मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने एक्सप्रेस-वे परियोजना (313 किलोमीटर लंबे अटल प्रगति पथ) के लिए अधिग्रहित की जा रही निजी जमीन के बदले सरकारी जमीन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
राज्य सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि अटल पथ निर्माण से प्रभावित लोगों को निजी जमीन के बदले सरकारी जमीन दी जाएगी.
इसमें कहा गया है कि प्रभावित लोगों को दी जाने वाली सरकारी जमीन निजी जमीन की कीमत से दोगुनी होगी. इसी तरह अधिग्रहीत संपत्तियों (भवन) का दोगुना मूल्य उसके मालिकों को दिया जाएगा.
बयान में कहा गया कि प्रस्तावित अटल प्रगति पथ मध्य प्रदेश के श्योपुर, मुरैना और भिंड जिलों से होकर गुजरेगा. यह परियोजना केंद्र की भारतमाला परियोजना में शामिल है.
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राज्य सरकार इस परियोजना के लिए भूमि निःशुल्क उपलब्ध करा रही है.
तीनों जिलों में 1,300 हेक्टेयर निजी भूमि, 1,523 हेक्टेयर सरकारी भूमि और 270 हेक्टेयर वन भूमि की आवश्यकता होगी. कुल 3093 हेक्टेयर भूमि में से 1,523 हेक्टेयर भूमि पहले ही सितंबर 2020 में केंद्र को हस्तांतरित की जा चुकी है.
बयान में कहा गया है कि कुल 270 हेक्टेयर वन भूमि के डायवर्जन की प्रक्रिया चल रही है. इस परियोजना के लिए सारी जमीन सौंपने का काम दिसंबर 2021 तक पूरा किया जाना है.
(पीटीआई)