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सुनवाई के दौरान भी मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं जज, MP बार काउंसिल का CJI को पत्र

वकीलों ने शिकायत की है कि कुछ न्यायाधीश सुनवाई के दौरान भी मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं और समय सारणी का पालन नहीं करते हैं. इसको लेकर मध्य प्रदेश बार काउंसिल ने भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना से अनुरोध किया है कि राज्य में जिला अदालत के न्यायाधीशों के लिए आचार संहिता तैयार की जाए.

प्रतीकात्मक तस्वीर.
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Published : Dec 24, 2021, 8:26 AM IST

Updated : Dec 24, 2021, 9:52 AM IST

जबलपुर : मध्य प्रदेश बार काउंसिल (MP Bar Council) ने भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना (CJI N V Ramana) से अनुरोध किया है कि राज्य में जिला अदालत के न्यायाधीशों के लिए आचार संहिता तैयार की जाए (frame a code of conduct for the district court judges), क्योंकि वकीलों ने शिकायत की है कि उनमें से कुछ न्यायाधीश (Judge) सुनवाई के दौरान भी मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं (some of them remain glued to mobile phones) और समय सारणी का पालन नहीं करते.

मध्यप्रदेश की स्टेट बार काउंसिल (एसबीसीएमपी) ने सीजेआई को एक पत्र लिखा है. बार काउंसिल के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने बृहस्पतिवार को इसकी पुष्टि की.

एसबीसीएमपी एक वैधानिक निकाय है, जो कानूनी प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस जारी करता है और कदाचार के लिए अधिवक्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार रखता है.

पढ़ें : टाले जाएं यूपी चुनाव, रैलियों पर लगे पाबंदी : इलाहाबाद हाईकोर्ट का पीएम मोदी से अपील

समाचार एजेंसी से बात करते हुए वर्मा ने कहा, 'एसबीसीएमपी ने सीजेआई एनवी. रमना को एक पत्र लिखा है जिसमें राज्य में जिला अदालतों के लिए आचार संहिता की मांग की गई है.'

जबलपुर : मध्य प्रदेश बार काउंसिल (MP Bar Council) ने भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना (CJI N V Ramana) से अनुरोध किया है कि राज्य में जिला अदालत के न्यायाधीशों के लिए आचार संहिता तैयार की जाए (frame a code of conduct for the district court judges), क्योंकि वकीलों ने शिकायत की है कि उनमें से कुछ न्यायाधीश (Judge) सुनवाई के दौरान भी मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं (some of them remain glued to mobile phones) और समय सारणी का पालन नहीं करते.

मध्यप्रदेश की स्टेट बार काउंसिल (एसबीसीएमपी) ने सीजेआई को एक पत्र लिखा है. बार काउंसिल के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने बृहस्पतिवार को इसकी पुष्टि की.

एसबीसीएमपी एक वैधानिक निकाय है, जो कानूनी प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस जारी करता है और कदाचार के लिए अधिवक्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार रखता है.

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समाचार एजेंसी से बात करते हुए वर्मा ने कहा, 'एसबीसीएमपी ने सीजेआई एनवी. रमना को एक पत्र लिखा है जिसमें राज्य में जिला अदालतों के लिए आचार संहिता की मांग की गई है.'

Last Updated : Dec 24, 2021, 9:52 AM IST
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