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Mountaineer Baljeet Kaur News: बेटी के निधन की अफवाह सुनकर कांप गया था मां का कलेजा, बस अब बात होने का इंतजार

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की पवर्तारोही बलजीत कौर को खोज लिया गया है. दुनिया की सबसे ऊंची चोटी अन्नापूर्णा से बलजीत कौर लापता हो गई थी, लेकिन अब उन्हें तलाश लिया गया है. निधन की अफवाह जब मां तक पहुंची तो उनका कलेजा कांप गया था. पढे़ं पूरी खबर...

Mountaineer Baljeet Kaur News
पवर्तारोही बलजीत कौर अपने माता पिता के साथ (फाइल फोटो).
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Published : Apr 18, 2023, 8:47 PM IST

Updated : Apr 18, 2023, 9:24 PM IST

पर्वतारोही बलजीत कौर की मां.

सोलन: हिमाचल की बेटी भारतीय पर्वतारोही बलजीत कौर की मौत की खबरों से मंगलवार का दिन सुर्खियों में रहा, लेकिन पहाड़ कि बेटी पहाड़ को बौना साबित कर एक बार फिर लौट चुकी है. बलजीत कौर का इलाज नेपाल काठमांडू स्थित सिविल अस्पताल में चल रहा है. वहीं, बलजीत कौर की माता शांति देवी ने कहा है कि उन्हें पहले तो सूचना मिली कि उनकी बेटी नहीं रही, लेकिन उसके बाद पुलिस और अन्य स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया है कि उनकी बेटी सुरक्षित है और उसका इलाज चल रहा है.

Mountaineer Baljeet Kaur News
इलाज के दौरान पवर्तारोही बलजीत कौर (आज का फोटो).

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सोलन के ममलीग क्षेत्र की रहने वाली बलजीत कौर की खास बात यह है कि उन्होंने एक महीने से कम समय में एवरेस्ट समेत चार ऊंची पर्वत चोटियों पर फतह किया था. ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय पर्वतारोही बनीं. खराब मौसम के कारण टीम 6350 मीटर ऊंचाई तक ही पहुंच पाई. हालांकि एक साल बाद फिर से माउंट एवरेस्ट के लिए NCC अभियान का हिस्सा बनीं. चढ़ाई के दौरान उनकी टीम 8,548 मीटर तक पहुंच गई थी, लेकिन ऑक्सीजन मास्क खराब होने की वजह से बलजीत को वापस बुला लिया गया. हालांकि उनका हौसला नहीं टूटा और साल 2022 में बलजीत कौर ने उस समय इतिहास रच दिया जब 17 मई को वह रात 10 बजे माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए रवाना हुईं, महज पांच दिन की कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद उन्होंने अपना सपना पूरा कर लिया.

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पवर्तारोही बलजीत कौर (फाइल फोटो).

वहीं, नेपाल-तिब्बत सीमा के पास 7,161 मीटर ऊंचे माउंट पुमोरी को फतह करने की भी उपलब्धि हासिल की। 8,167 मीटर ऊंचे माउंट धौलागिरी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करने वाली भी बलजीत कौर पहली भारतीय महिला पर्वतारोही बन गईं.

सबसे कठिन है माउंट अन्नपूर्णा: बता दें कि माउंट अन्नपूर्णा एक हिमालयी पुंजक है. यह नेपाल में स्थित है और 8,000 मीटर से अधिक का एक शिखर है, जो इसे चढ़ाई करने के लिए सबसे कठिन पहाड़ों में से एक बनाता है. इसको लेकर सोलन की पर्वतारोही बलजीत कौर ने बहुत तैयारी की थी और बिना ऑक्सीजन मास्क इस चोटी को बलजीत ने फतह किया है.

बछेंद्री पाल के बाद बलजीत कौर ने भी लहराया था माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा: बता दें कि बछेंद्री पाल एवरेस्ट पर फतह करने वाली पहली भारतीय महिला थीं. बलजीत कौर ने भी एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा लहराया था. जानकारी के मुताबिक अपने करियर की शुरुआत बलजीत ने मनाली के देओ टिब्बा पर चढ़ाई करके की थी. उस समय बलजीत सिर्फ 19 साल की थी. 30 दिनों के अंदर ही लगातार 8000 मीटर की ऊंचाई वाली पांच चोटियों को फतह करने की उपलब्धि भी बलजीत कौर के नाम है. इनमें अन्नपूर्णा, कंचनजंगा, एवरेस्ट, लोतसे और मकालु चोटी शामिल थी.

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पवर्तारोही बलजीत कौर (फाइल फोटो).

बिना ऑक्सीजन मास्क माउंट एवरेस्ट फतह करना बलजीत का सपना: बलजीत ने कम समय में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर रिकॉर्ड अपने नाम किया है. माउंट मानसर पर बिना ऑक्सीजन मास्क के चढ़ चुकी बलजीत कौर का सपना माउंट एवरेस्ट को बिना ऑक्सीजन मास्क के फतह करने का है.

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पवर्तारोही बलजीत कौर (फाइल फोटो).

सामान्य परिवार से सम्बंध रखती हैं बलजीत: बलजीत कौर जिला सोलन के ममलीग के एक सामान्य परिवार से संबंध रखती हैं. साल 2003 में उनके पिता बतौर एचआरटीसी ड्राइवर रिटायर हुए हैं. वह घर पर अब खेती-बाड़ी करती हैं. बलजीत कौर की मां गृहिणी हैं और उन्हें अपने माता-पिता का माउंटेनियरिंग में आगे बढ़ने के लिए पूरा सहयोग मिलता है.

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पवर्तारोही बलजीत कौर अपने माता पिता के साथ (फाइल फोटो).

Read Also- Mountaineer Baljeet Kaur : रेस्क्यू के बाद बलजीत कौर की पहली तस्वीर, काठमांडू के अस्पताल में चल रहा इलाज

पर्वतारोही बलजीत कौर की मां.

सोलन: हिमाचल की बेटी भारतीय पर्वतारोही बलजीत कौर की मौत की खबरों से मंगलवार का दिन सुर्खियों में रहा, लेकिन पहाड़ कि बेटी पहाड़ को बौना साबित कर एक बार फिर लौट चुकी है. बलजीत कौर का इलाज नेपाल काठमांडू स्थित सिविल अस्पताल में चल रहा है. वहीं, बलजीत कौर की माता शांति देवी ने कहा है कि उन्हें पहले तो सूचना मिली कि उनकी बेटी नहीं रही, लेकिन उसके बाद पुलिस और अन्य स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया है कि उनकी बेटी सुरक्षित है और उसका इलाज चल रहा है.

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इलाज के दौरान पवर्तारोही बलजीत कौर (आज का फोटो).

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सोलन के ममलीग क्षेत्र की रहने वाली बलजीत कौर की खास बात यह है कि उन्होंने एक महीने से कम समय में एवरेस्ट समेत चार ऊंची पर्वत चोटियों पर फतह किया था. ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय पर्वतारोही बनीं. खराब मौसम के कारण टीम 6350 मीटर ऊंचाई तक ही पहुंच पाई. हालांकि एक साल बाद फिर से माउंट एवरेस्ट के लिए NCC अभियान का हिस्सा बनीं. चढ़ाई के दौरान उनकी टीम 8,548 मीटर तक पहुंच गई थी, लेकिन ऑक्सीजन मास्क खराब होने की वजह से बलजीत को वापस बुला लिया गया. हालांकि उनका हौसला नहीं टूटा और साल 2022 में बलजीत कौर ने उस समय इतिहास रच दिया जब 17 मई को वह रात 10 बजे माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए रवाना हुईं, महज पांच दिन की कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद उन्होंने अपना सपना पूरा कर लिया.

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पवर्तारोही बलजीत कौर (फाइल फोटो).

वहीं, नेपाल-तिब्बत सीमा के पास 7,161 मीटर ऊंचे माउंट पुमोरी को फतह करने की भी उपलब्धि हासिल की। 8,167 मीटर ऊंचे माउंट धौलागिरी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करने वाली भी बलजीत कौर पहली भारतीय महिला पर्वतारोही बन गईं.

सबसे कठिन है माउंट अन्नपूर्णा: बता दें कि माउंट अन्नपूर्णा एक हिमालयी पुंजक है. यह नेपाल में स्थित है और 8,000 मीटर से अधिक का एक शिखर है, जो इसे चढ़ाई करने के लिए सबसे कठिन पहाड़ों में से एक बनाता है. इसको लेकर सोलन की पर्वतारोही बलजीत कौर ने बहुत तैयारी की थी और बिना ऑक्सीजन मास्क इस चोटी को बलजीत ने फतह किया है.

बछेंद्री पाल के बाद बलजीत कौर ने भी लहराया था माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा: बता दें कि बछेंद्री पाल एवरेस्ट पर फतह करने वाली पहली भारतीय महिला थीं. बलजीत कौर ने भी एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा लहराया था. जानकारी के मुताबिक अपने करियर की शुरुआत बलजीत ने मनाली के देओ टिब्बा पर चढ़ाई करके की थी. उस समय बलजीत सिर्फ 19 साल की थी. 30 दिनों के अंदर ही लगातार 8000 मीटर की ऊंचाई वाली पांच चोटियों को फतह करने की उपलब्धि भी बलजीत कौर के नाम है. इनमें अन्नपूर्णा, कंचनजंगा, एवरेस्ट, लोतसे और मकालु चोटी शामिल थी.

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पवर्तारोही बलजीत कौर (फाइल फोटो).

बिना ऑक्सीजन मास्क माउंट एवरेस्ट फतह करना बलजीत का सपना: बलजीत ने कम समय में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर रिकॉर्ड अपने नाम किया है. माउंट मानसर पर बिना ऑक्सीजन मास्क के चढ़ चुकी बलजीत कौर का सपना माउंट एवरेस्ट को बिना ऑक्सीजन मास्क के फतह करने का है.

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पवर्तारोही बलजीत कौर (फाइल फोटो).

सामान्य परिवार से सम्बंध रखती हैं बलजीत: बलजीत कौर जिला सोलन के ममलीग के एक सामान्य परिवार से संबंध रखती हैं. साल 2003 में उनके पिता बतौर एचआरटीसी ड्राइवर रिटायर हुए हैं. वह घर पर अब खेती-बाड़ी करती हैं. बलजीत कौर की मां गृहिणी हैं और उन्हें अपने माता-पिता का माउंटेनियरिंग में आगे बढ़ने के लिए पूरा सहयोग मिलता है.

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पवर्तारोही बलजीत कौर अपने माता पिता के साथ (फाइल फोटो).

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Last Updated : Apr 18, 2023, 9:24 PM IST
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