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अब भारत से कैलाश पर्वत के दर्शन करना होगा आसान, सितंबर तक पूरा होगा ये काम

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से शिव भक्तों के लिए खुशखबरी आई है. कैलाश पर्वत के दर्शन करना अब बेहद आसान होने वाला है. जी हां, अब शिव भक्तों को चीन जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी. भक्त अब भारत के लिपुलेख से ही कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकेंगे. इसके लिए बीआरओ ने नाभीढांग में सड़क का काम शुरू कर दिया है, जो आगामी सितंबर तक पूरा हो जाएगा.

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कैलाश पर्वत के दर्शन
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Published : Jul 21, 2023, 8:30 PM IST

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): अब कैलाश पर्वत के दर्शन करना शिव भक्तों के लिए आसान होने वाला है. आगामी सितंबर महीने से लोग भारतीय क्षेत्र यानी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकेंगे. इसके लिए तेजी से सड़क कटिंग का काम किया जा रहा है.

दरअसल, सीमा सड़क संगठन यानी बीआरओ ने पिथौरागढ़ जिले के नाभीढांग में केएमवीएन हट्स से भारत चीन सीमा पर स्थित लिपुलेख दर्रे तक सड़क काटने का काम शुरू कर दिया है, जो सितंबर महीने तक पूरा हो जाएगा.
ये भी पढ़ेंः कैलाश पर्वत दर्शन के लिए चीन का वीजा भूल जाइए, अब कुमाऊं की इन दो चोटियों से दिखेंगे भगवान शिव

बीआरओ की हीरक परियोजना के मुख्य अभियंता विमल गोस्वामी के मुताबिक, पिथौरागढ़ के नाभीढांग में केएमवीएन हट्स से लिपुलेख दर्रा तक करीब साढ़े 6 किलोमीटर लंबी सड़क कटिंग का काम शुरू कर दिया है. कटिंग पूरी होने के बाद सड़क के किनारे 'कैलाश व्यू प्वाइंट' तैयार हो जाएगा. केंद्र सरकार ने हीरक परियोजना को 'कैलाश व्यू प्वाइंट' विकसित करने की जिम्मेदारी दी है.

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कैलाश पर्वत

बीआरओ के अभियंता विमल गोस्वामी की मानें तो सड़क कटिंग का काफी काम पूरा हो चुका है. अगर मौसम अनुकूल रहा तो सितंबर महीने तक यह काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद शिवभक्त आसानी से भगवान शिव के निवास स्थान कहने वाले कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकेंगे.
ये भी पढ़ेंः अब उत्तराखंड के लिपुलेख से होंगे कैलाश पर्वत के दर्शन, पहाड़ी से साफ दिख रहा बाबा भोले का 'घर'

बता दें कि लिपुलेख दर्रे के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा होती थी, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस रूट से यात्रा स्थगित कर दी गई थी. जो अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. कैलाश मानसरोवर यात्रा लिपुलेख दर्रे से आखिरी बार 2019 में आयोजित की गई थी. जबकि, 2020 में कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी थी.

वहीं, कैलाश पर्वत तक पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग खोजा गया. जिसे बनाने के लिए भारत सरकार सफल भी हुई है. यही वजह है कि अब पिथौरागढ़ के नाभीढांग से सड़क कटिंग किया जा रहा है. माना जा रहा है कि अगर सड़क कटिंग का काम पूरा हो जाता है, तो कैलाश पर्वत के दर्शन करने में आसानी होगी.
इनपुट (पीटीआई)

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): अब कैलाश पर्वत के दर्शन करना शिव भक्तों के लिए आसान होने वाला है. आगामी सितंबर महीने से लोग भारतीय क्षेत्र यानी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकेंगे. इसके लिए तेजी से सड़क कटिंग का काम किया जा रहा है.

दरअसल, सीमा सड़क संगठन यानी बीआरओ ने पिथौरागढ़ जिले के नाभीढांग में केएमवीएन हट्स से भारत चीन सीमा पर स्थित लिपुलेख दर्रे तक सड़क काटने का काम शुरू कर दिया है, जो सितंबर महीने तक पूरा हो जाएगा.
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बीआरओ की हीरक परियोजना के मुख्य अभियंता विमल गोस्वामी के मुताबिक, पिथौरागढ़ के नाभीढांग में केएमवीएन हट्स से लिपुलेख दर्रा तक करीब साढ़े 6 किलोमीटर लंबी सड़क कटिंग का काम शुरू कर दिया है. कटिंग पूरी होने के बाद सड़क के किनारे 'कैलाश व्यू प्वाइंट' तैयार हो जाएगा. केंद्र सरकार ने हीरक परियोजना को 'कैलाश व्यू प्वाइंट' विकसित करने की जिम्मेदारी दी है.

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बीआरओ के अभियंता विमल गोस्वामी की मानें तो सड़क कटिंग का काफी काम पूरा हो चुका है. अगर मौसम अनुकूल रहा तो सितंबर महीने तक यह काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद शिवभक्त आसानी से भगवान शिव के निवास स्थान कहने वाले कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकेंगे.
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बता दें कि लिपुलेख दर्रे के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा होती थी, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस रूट से यात्रा स्थगित कर दी गई थी. जो अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. कैलाश मानसरोवर यात्रा लिपुलेख दर्रे से आखिरी बार 2019 में आयोजित की गई थी. जबकि, 2020 में कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी थी.

वहीं, कैलाश पर्वत तक पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग खोजा गया. जिसे बनाने के लिए भारत सरकार सफल भी हुई है. यही वजह है कि अब पिथौरागढ़ के नाभीढांग से सड़क कटिंग किया जा रहा है. माना जा रहा है कि अगर सड़क कटिंग का काम पूरा हो जाता है, तो कैलाश पर्वत के दर्शन करने में आसानी होगी.
इनपुट (पीटीआई)

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