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NIA के पास पर्याप्त बुनियादी ढांचा, देश में साबइर अपराध घटे : गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय - parliament news

लोकसभा में एनआईए के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचे से संबंधित सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पर्याप्त बुनियादी ढांचा मुहैया कराया गया है.

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नित्यानंद राय
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Published : Dec 21, 2021, 5:20 PM IST

Updated : Dec 21, 2021, 5:40 PM IST

नई दिल्ली : देश में साइबर और अन्य अपराधों में काफी कमी आई है और हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) को पर्याप्त बुनियादी ढांचा मुहैया कराया गया है. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि एनआईए द्वारा उठाए गए प्रभावी उपायों के साथ, आंतरिक और साइबर अपराध अब शून्य हो गए हैं.

वर्ष 2013 में चार आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 23 लोग मारे गए और सौ से अधिक घायल हुए, मंत्री ने कहा, तब से देश इन स्थानों पर कोई आतंकी घटना नहीं हुई है.

मंत्री नित्यानंद राय का बयान

राय ने आगे कहा, 2010 में, कुल 95 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित थे, जो 2020 में घटकर 53 जिले रह गए और 2021 में इन 53 जिलों में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है.

उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्रालय में एक विशेष वामपंथी उग्रवाद प्रकोष्ठ का गठन किया गया है.

मंत्री ने यह भी कहा कि एनआईए को पर्याप्त बुनियादी ढांचा सहायता प्रदान की गई है और संशोधित एनआईए अधिनियम के तहत, अब एक व्यक्ति को भी आतंकवादी घोषित किया जा सकता है और केंद्रीय जांच एजेंसी आतंकी लिंक की जांच के लिए विदेश जा सकती है.

सरकार द्वारा साइबर अपराधों को बहुत गंभीरता से लेने का उल्लेख करते हुए राय ने कहा कि एनआईए में आईटी पेशेवरों को नियुक्त किया गया है और इसकी सक्रिय और प्रभावी जांच के साथ, भारत में साइबर अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि अब एनआईए के देश में 12 स्थानों पर शाखा कार्यालय हैं.

पढ़ें :- विपक्षी लोकतंत्र को तार-तार करते हैं : गिरिराज सिंह

मंत्री ने यह भी कहा कि एनआईए अधिनियम 2020 में संशोधित प्रावधानों के तहत, एनआईए डीजी को आरोपी की संपत्ति को जब्त करने की शक्ति दी गई है और मामलों के त्वरित जांच के लिए विशेष अदालतों को नामित किया गया है.

पहले, एनआईए अधिनियम के तहत केवल एक संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था, लेकिन अब एक व्यक्ति को भी आतंकवादी के रूप में नामित किया जा सकता है.

कानूनों के अंतर्गत 'राष्ट्र विरोधी' शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है

सरकार ने लोकसभा में कहा कि कानूनों के अंतर्गत राष्ट्र विरोधी शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन आपातकाल के दौरान सबसे पहले 1976 में संविधान में इसे शामिल किया गया और फिर एक साल बाद हटा भी दिया गया.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एआईएमआईएम के नेता और हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

ओवैसी ने सवाल किया था कि क्या उच्चतम न्यायालय ने 'राष्ट्र विरोधी' गतिविधियों से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए कोई दिशानिर्देश तय किए हैं?

राय ने कहा, कानूनों के अंतर्गत 'राष्ट्र विरोधी' शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है.

उन्होंने कहा कि संविधान (42वां संशोधन) अधनियम, 1976 के तहत इसका उल्लेख किया गया था और आपातकाल के दौरान अनुच्छेद 31 डी के तहत 'राष्ट्र विरोधी गतिविधि' को परिभाषित किया गया. इसके बाद संविधान (43वां संशोधन) अधिनियम, 1977 के तहत अनुच्छेद 31डी को हटा दिया गया.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : देश में साइबर और अन्य अपराधों में काफी कमी आई है और हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) को पर्याप्त बुनियादी ढांचा मुहैया कराया गया है. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि एनआईए द्वारा उठाए गए प्रभावी उपायों के साथ, आंतरिक और साइबर अपराध अब शून्य हो गए हैं.

वर्ष 2013 में चार आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 23 लोग मारे गए और सौ से अधिक घायल हुए, मंत्री ने कहा, तब से देश इन स्थानों पर कोई आतंकी घटना नहीं हुई है.

मंत्री नित्यानंद राय का बयान

राय ने आगे कहा, 2010 में, कुल 95 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित थे, जो 2020 में घटकर 53 जिले रह गए और 2021 में इन 53 जिलों में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है.

उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्रालय में एक विशेष वामपंथी उग्रवाद प्रकोष्ठ का गठन किया गया है.

मंत्री ने यह भी कहा कि एनआईए को पर्याप्त बुनियादी ढांचा सहायता प्रदान की गई है और संशोधित एनआईए अधिनियम के तहत, अब एक व्यक्ति को भी आतंकवादी घोषित किया जा सकता है और केंद्रीय जांच एजेंसी आतंकी लिंक की जांच के लिए विदेश जा सकती है.

सरकार द्वारा साइबर अपराधों को बहुत गंभीरता से लेने का उल्लेख करते हुए राय ने कहा कि एनआईए में आईटी पेशेवरों को नियुक्त किया गया है और इसकी सक्रिय और प्रभावी जांच के साथ, भारत में साइबर अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि अब एनआईए के देश में 12 स्थानों पर शाखा कार्यालय हैं.

पढ़ें :- विपक्षी लोकतंत्र को तार-तार करते हैं : गिरिराज सिंह

मंत्री ने यह भी कहा कि एनआईए अधिनियम 2020 में संशोधित प्रावधानों के तहत, एनआईए डीजी को आरोपी की संपत्ति को जब्त करने की शक्ति दी गई है और मामलों के त्वरित जांच के लिए विशेष अदालतों को नामित किया गया है.

पहले, एनआईए अधिनियम के तहत केवल एक संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था, लेकिन अब एक व्यक्ति को भी आतंकवादी के रूप में नामित किया जा सकता है.

कानूनों के अंतर्गत 'राष्ट्र विरोधी' शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है

सरकार ने लोकसभा में कहा कि कानूनों के अंतर्गत राष्ट्र विरोधी शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन आपातकाल के दौरान सबसे पहले 1976 में संविधान में इसे शामिल किया गया और फिर एक साल बाद हटा भी दिया गया.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एआईएमआईएम के नेता और हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

ओवैसी ने सवाल किया था कि क्या उच्चतम न्यायालय ने 'राष्ट्र विरोधी' गतिविधियों से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए कोई दिशानिर्देश तय किए हैं?

राय ने कहा, कानूनों के अंतर्गत 'राष्ट्र विरोधी' शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है.

उन्होंने कहा कि संविधान (42वां संशोधन) अधनियम, 1976 के तहत इसका उल्लेख किया गया था और आपातकाल के दौरान अनुच्छेद 31 डी के तहत 'राष्ट्र विरोधी गतिविधि' को परिभाषित किया गया. इसके बाद संविधान (43वां संशोधन) अधिनियम, 1977 के तहत अनुच्छेद 31डी को हटा दिया गया.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Dec 21, 2021, 5:40 PM IST
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