रुद्रपुर: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में काली नदी के तटबंध की मरम्मत कर रहे भारतीय मजदूरों पर रविवार को नेपाल की ओर से पथराव हुआ (stone pelting from Nepal) है. पिथौरागढ़ के धारचूला में हुई इस घटना से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया (stone pelting on Indian laborers) है. पूरे मामले में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट (Union Minister Ajay Bhatt) ने कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है.
दरअसल, रुद्रपुर में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने धारचूला में काली नदी किनारे तटबंध निर्माण के दौरान हुए पथराव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दो मित्र राष्ट्रों के बीच वार्ता चलती रहती है.
उन्होंने आगे कहा कि मित्र राष्ट्र की भावना और नेपाल को भारत की भावना का सम्मान करने की हमेशा से एक परंपरा रही है. सरकारों के बीच वार्ताएं चलती है. दो मित्रों के बीच अगर वार्ता चलती है तो उसे तूल नहीं दिया जाता है. ये आपस की बाते हैं और इस पर ज्यादा टिप्पणी करना ठीक नहीं है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि आज भारत आत्मनिर्भर हो चुका है. भारत में बनने वाले तमाम सुरक्षा उपकरणों से देश की जरूरतें तो पूरी हो ही रही है उसके बाद उत्पाद अन्य देशों को निर्यात भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज भारत ने विश्व के समक्ष अपनी आर्थिक स्थिति को ठीक तरीके संभाला है.
क्या है मामला: गौर हो कि बीते रविवार को पिथौरागढ़ धारचूला के झूलाघाट में काली नदी में चैनलाइज निर्माण कार्य कर रहे भारतीय मजदूरों के ऊपर नेपाली नागरिकों द्वारा पथराव किया गया था, जिसमें एक भारतीय मजदूर घायल हुआ है. रविवार हुई घटना के बाद से भारत-नेपाल सीमा पर विवाद उत्पन्न हो गया है. इस बीच गुस्साए व्यापारियों ने झूला पुल को बंद कर नेपाली नागरिकों को भारत में आने से भी रोका.
काफी हंगामे के बाद जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के आपसी समझौते के बाद झूला पुल को दोनों देशों के नागरिकों के लिए दोबारा खोला गया. काली नदी में बाढ़ सुरक्षा चैनेलाइज काम को रोकने के लिए नेपाली नागरिकों द्वारा सात बार पथराव की घटना को अंजाम दिया गया है, ऐसे में भारतीय नागरिकों में रोष है. घटना की बार-बार पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए दोनों देशों के प्रशासनिक अधिकारी अब बैठक करने जा रहे हैं.