सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) : केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बुधवार को बंगाल सफारी नॉर्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल्स पार्क के निरीक्षण के दौरान एक साल के बाघ को एक साल के लिए गोद लिया और उसका नाम अग्निवीर रखा. पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, मंत्री ने गंगटोक से वापस जाते समय बंगाल सफारी का निरीक्षण किया. इस दौरान चौबे ने दत्तक ग्रहण कार्यक्रम के तहत लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए एक बाघ को गोद लिया.
मंत्री ने कहा कि उन्होंने केदारनाथ धाम आपदा 2013 में प्रकृति का रौद्र रूप देखा है. चौबे ने कहा, "प्रकृति के संरक्षण के लिए सभी को जागरूक होना चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं न हों. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में केंद्र ने जानवरों के संरक्षण के लिए व्यापक कदम उठाए हैं. " मंत्री ने "आजादी का अमृत महोत्सव" के अवसर पर लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के साथ केदारनाथ त्रासदी के पीड़ितों की याद में एक बाघ को गोद लिया है. साथ ही कहा कि पर्यावरण संतुलन में जानवरों की अहम भूमिका होती है, इसलिए उनका संरक्षण आवश्यक है.
इसके लिए लोगों को नियमित रूप से जागरूक करने की भी आवश्यकता है. इस अवसर पर अधिकारियों को नियमित रूप से "जीवा जंतु संरक्षण अभियान" के बारे में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए. " मंत्रालय ने कहा कि मंत्री चौबे को बंगाल सफारी के निरीक्षण के दौरान पशुओं के रख-रखाव के बारे में भी बताया गया.
गोद लेने के कार्यक्रम के तहत यहां कुल 70 लोगों ने जानवरों को गोद लिया है. लोगों को अधिक से अधिक जानवरों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए उन्होंने एक बाघ को गोद लिया और गोद लिए गए बाघ के रखरखाव के लिए दो लाख का भुगतान ऑनलाइन के माध्यम से किया. पीसीसीएफ पश्चिम बंगाल सौमित्र दास गुप्ता ने चौबे का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा बाघ को गोद लेने से दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी. इस दौरान आईजी आईआरओ कोलकाता, डीएफओ वाइल्डलाइफ दार्जिलिंग, बंगाल सफारी नॉर्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल्स पार्क के सहायक निदेशक समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.
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एएनआई