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सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष में नहीं, समिति पर किसान करें फैसला : कृषि राज्यमंत्री - Kailash Choudhary SC verdict sarva manya

कृषि कानून पर किसानों और केंद्र के बीच जारी गतिरोध के बीच कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय का आदेश हमारी इच्छा के विपरीत है. उन्होंने कहा कि सरकार कानून को लागू रखना चाहती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का आदेश सर्वमान्य है.

कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी
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Published : Jan 12, 2021, 8:18 PM IST

Updated : Jan 12, 2021, 9:51 PM IST

नई दिल्ली : कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को सुलझाने के लिए एक निष्पक्ष समिति गठित की गई है, यह देश भर में सभी किसानों, विशेषज्ञों की राय लेने के बाद रिपोर्ट तैयार करेगी.

उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है. आगामी 15 जनवरी को निर्धारित बैठक पर कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान संघों को यह तय करना है कि वो क्या चाहते हैं.

अदालत का फैसला सर्वमान्य

उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा गतिरोध समाप्त करने के लिए गठित समिति को 'निष्पक्ष' बताया. राजस्थान से निर्वाचित सांसद कैलाश चौधरी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि शीर्ष न्यायालय का जो भी फैसला होगा वह 'कानूनों को उनके मौजूदा स्वरूप' में क्रियान्वयन सुनिश्चित करने से संबंधित होगा. उन्होंने कहा, 'उच्चतम न्यायालय का आदेश हमारी इच्छा के विपरीत है. हम चाहते हैं कि ये कानून जारी रहें. हालांकि अदालत का फैसला सर्वमान्य है.'

चार सदस्यीय 'सुप्रीम समिति'

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी और किसान संगठनों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए चार-सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया.

किसानों का समिति में आने से इनकार

अदालत के आदेश के बाद किसान संगठनों ने कहा कि उन्हें कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं हैं और वे समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे और अपना आंदोलन जारी रखेंगे.

देश भर के विशेषज्ञों की राय

चौधरी ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर केंद्र सरकार की तरफ से पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, 'हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं. निश्चित तौर पर एक निष्पक्ष समिति का गठन किया गया है जो सभी किसानों के साथ देश भर के विशेषज्ञों की राय लेगी.'

आत्मनिर्भर बनेंगे किसान

उन्होंने कहा कि समिति सभी के विचारों को समाहित कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी ओर उसके आधार पर उच्चतम न्यायालय फैसला करेगी. उन्होंने कहा, 'नए कृषि कानून किसानों के हित में बनाए गए हैं. आने वाले दिनों में ये कानून किसानों को आत्मनिर्भर बनाएंगे.'

सरकार वार्ता के लिए तैयार

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार 15 जनवरी को किसान संगठनों के साथ निर्धारित वार्ता जारी रखेगी, चौधरी ने कहा, 'हम वार्ता के लिए तैयार हैं. अब किसान नेताओं को तय करना है कि वे चाहते हैं कि नहीं.' उन्होंने कहा, 'हम अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं. लेकिन हम वार्ता के लिए हमेशा तैयार हैं.'

अदालत के फैसलों का इंतजार

उन्होंने कहा कि जो किसान इन कानूनों का लाभ उठा रहे हैं उन्हें अब अदालत के फैसले का इंतजार करना पड़ेगा. उन्होंने कहा, 'सरकार किसानों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध है और आने वाले दिनों में किसानों को इन नए कानूनों का लाभ जरूर मिलेगा.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को सुलझाने के लिए एक निष्पक्ष समिति गठित की गई है, यह देश भर में सभी किसानों, विशेषज्ञों की राय लेने के बाद रिपोर्ट तैयार करेगी.

उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है. आगामी 15 जनवरी को निर्धारित बैठक पर कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान संघों को यह तय करना है कि वो क्या चाहते हैं.

अदालत का फैसला सर्वमान्य

उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा गतिरोध समाप्त करने के लिए गठित समिति को 'निष्पक्ष' बताया. राजस्थान से निर्वाचित सांसद कैलाश चौधरी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि शीर्ष न्यायालय का जो भी फैसला होगा वह 'कानूनों को उनके मौजूदा स्वरूप' में क्रियान्वयन सुनिश्चित करने से संबंधित होगा. उन्होंने कहा, 'उच्चतम न्यायालय का आदेश हमारी इच्छा के विपरीत है. हम चाहते हैं कि ये कानून जारी रहें. हालांकि अदालत का फैसला सर्वमान्य है.'

चार सदस्यीय 'सुप्रीम समिति'

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी और किसान संगठनों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए चार-सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया.

किसानों का समिति में आने से इनकार

अदालत के आदेश के बाद किसान संगठनों ने कहा कि उन्हें कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं हैं और वे समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे और अपना आंदोलन जारी रखेंगे.

देश भर के विशेषज्ञों की राय

चौधरी ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर केंद्र सरकार की तरफ से पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, 'हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं. निश्चित तौर पर एक निष्पक्ष समिति का गठन किया गया है जो सभी किसानों के साथ देश भर के विशेषज्ञों की राय लेगी.'

आत्मनिर्भर बनेंगे किसान

उन्होंने कहा कि समिति सभी के विचारों को समाहित कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी ओर उसके आधार पर उच्चतम न्यायालय फैसला करेगी. उन्होंने कहा, 'नए कृषि कानून किसानों के हित में बनाए गए हैं. आने वाले दिनों में ये कानून किसानों को आत्मनिर्भर बनाएंगे.'

सरकार वार्ता के लिए तैयार

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार 15 जनवरी को किसान संगठनों के साथ निर्धारित वार्ता जारी रखेगी, चौधरी ने कहा, 'हम वार्ता के लिए तैयार हैं. अब किसान नेताओं को तय करना है कि वे चाहते हैं कि नहीं.' उन्होंने कहा, 'हम अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं. लेकिन हम वार्ता के लिए हमेशा तैयार हैं.'

अदालत के फैसलों का इंतजार

उन्होंने कहा कि जो किसान इन कानूनों का लाभ उठा रहे हैं उन्हें अब अदालत के फैसले का इंतजार करना पड़ेगा. उन्होंने कहा, 'सरकार किसानों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध है और आने वाले दिनों में किसानों को इन नए कानूनों का लाभ जरूर मिलेगा.'

(पीटीआई-भाषा)
Last Updated : Jan 12, 2021, 9:51 PM IST
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