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Chardham Yatra: अब तक 5.86 लाख श्रद्धालुओं ने किए चारधाम के दर्शन, 26 यात्रियों की मौत

उत्तराखंड में इन दिनों चारधाम यात्रा चरम पर है. आज शाम तक 5 लाख 86 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन किए हैं. वहीं, अब तक 26 यात्रियों की मौत हो चुकी है.

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Published : May 9, 2023, 8:57 PM IST

देहरादून: 22 अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा पर रिकॉर्ड यात्री पहुंच रहे हैं. हालांकि, बीच में मौसम खराब होने से यात्रा पर इसका असर पड़ा था. इसके बावजूद चारधाम पहुंचने वाले यात्रियों का आंकड़ा 5 लाख 86 हजार 449 पहुंच चुका है. वहीं, चारधाम यात्रा पर आने वाले 26 यात्रियों की आज सुबह तक मौत हो चुकी है.

यमुनोत्री-गंगोत्री धाम में भक्तों की भीड़: 22 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलते के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो गया. आज यमुनोत्री धाम में 7108 और गंगोत्री धाम में 7717 भक्तों ने दर्शन किए. इसी के साथ यमुनोत्री धाम में आने वाले भक्तों की संख्या 1 लाख 13 हजार 910 पहुंच गई. जबकि गंगोत्री धाम आने वाले भक्तों का आंकड़ा 1 लाख 28 हजार 724 पहुंच गया.

केदारनाथ-बदरीनाथ में उमड़ा भक्तों का सैलाब: 25 अप्रैल को बाबा केदार के कपाट और 27 अप्रैल को बदरी विशाल के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए. आज केदारनाथ पहुंचने वाले भक्तों की संख्या 9 हजार 645. जबकि बदरीनाथ धाम पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 10 हजार 414 है. इसी के साथ अब तक 2 लाख 5 हजार 260 भक्तों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन कर लिए हैं. वहीं, बदरी विशाल के दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या 1 लाख 38 हजार 555 हो चुकी है.

केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर भैरव गदेरा ग्लेशियर प्वाइंट पर यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन ने मेट बिछा दी है. ताकि यात्रियों को चलने में कोई दिक्कत न हो और वह आराम से आवाजाही कर सकें. यात्रियों की सुविधा के लिए यहां पर हर समय सुरक्षा जवान भी तैनात किए गए हैं. कई बार यहां पर पहाड़ी से गिरकर बोल्डर भी आ रहे हैं, जिससे दुर्घटना का भी खतरा बना हुआ है.
ये भी पढ़ें: पुनर्निर्माण सामग्री लेकर वायुसेना का चिनूक हेलीकॉप्टर पहुंचा केदारनाथ, मौसम साफ होते ही यात्री धाम हुए रवाना

बता दें कि बीते 3 और 4 मई को केदारनाथ पैदल मार्ग के कुबेर और भैरव गदेरा में ग्लेशियर ग्लेशियर टूट गया था. जिस कारण दो दिनों तक पैदल यात्रा प्रभावित रही और चार दिनों तक घोड़े-खच्चरों की आवाजाही नहीं हो पाई. सुरक्षा को देखते हुए यहां पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ के जवानों ने यात्रियों को आवाजाही कराई. लगातार खतरे को देखते हुए फिलहाल इन ग्लेशियर प्वाइंटों पर मेट बिछा दी गई है. मेट में चलने से यात्रियों को कुछ सहूलियत मिलेगी और फिसलने का खतरा भी कम रहेगा.

यहां पर हर समय सुरक्षा जवान यात्रियों को रास्ता पार कराने के लिए मौजूद हैं. वहीं, दूसरी ओर पैदल मार्ग पर कई जगह लगातार हो रही बर्फबारी और बारिश के कारण बोल्डर भी गिर रहे हैं. जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है. धाम में बर्फबारी रूकने का नाम नहीं ले रही है.

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा पिछले सप्ताह दो स्थानों पर ग्लेशियर टूट गए थे. ग्लेशियर टूटने के बाद अब पैदल मार्ग को दुरूस्त किया गया है. यहां पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा जवानों को भी तैनात किया गया है. साथ ही मेट भी बिछा दी गई है, जिससे तीर्थयात्रियों को आवागमन में आसानी होगी.

देहरादून: 22 अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा पर रिकॉर्ड यात्री पहुंच रहे हैं. हालांकि, बीच में मौसम खराब होने से यात्रा पर इसका असर पड़ा था. इसके बावजूद चारधाम पहुंचने वाले यात्रियों का आंकड़ा 5 लाख 86 हजार 449 पहुंच चुका है. वहीं, चारधाम यात्रा पर आने वाले 26 यात्रियों की आज सुबह तक मौत हो चुकी है.

यमुनोत्री-गंगोत्री धाम में भक्तों की भीड़: 22 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलते के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो गया. आज यमुनोत्री धाम में 7108 और गंगोत्री धाम में 7717 भक्तों ने दर्शन किए. इसी के साथ यमुनोत्री धाम में आने वाले भक्तों की संख्या 1 लाख 13 हजार 910 पहुंच गई. जबकि गंगोत्री धाम आने वाले भक्तों का आंकड़ा 1 लाख 28 हजार 724 पहुंच गया.

केदारनाथ-बदरीनाथ में उमड़ा भक्तों का सैलाब: 25 अप्रैल को बाबा केदार के कपाट और 27 अप्रैल को बदरी विशाल के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए. आज केदारनाथ पहुंचने वाले भक्तों की संख्या 9 हजार 645. जबकि बदरीनाथ धाम पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 10 हजार 414 है. इसी के साथ अब तक 2 लाख 5 हजार 260 भक्तों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन कर लिए हैं. वहीं, बदरी विशाल के दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या 1 लाख 38 हजार 555 हो चुकी है.

केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर भैरव गदेरा ग्लेशियर प्वाइंट पर यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन ने मेट बिछा दी है. ताकि यात्रियों को चलने में कोई दिक्कत न हो और वह आराम से आवाजाही कर सकें. यात्रियों की सुविधा के लिए यहां पर हर समय सुरक्षा जवान भी तैनात किए गए हैं. कई बार यहां पर पहाड़ी से गिरकर बोल्डर भी आ रहे हैं, जिससे दुर्घटना का भी खतरा बना हुआ है.
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बता दें कि बीते 3 और 4 मई को केदारनाथ पैदल मार्ग के कुबेर और भैरव गदेरा में ग्लेशियर ग्लेशियर टूट गया था. जिस कारण दो दिनों तक पैदल यात्रा प्रभावित रही और चार दिनों तक घोड़े-खच्चरों की आवाजाही नहीं हो पाई. सुरक्षा को देखते हुए यहां पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ के जवानों ने यात्रियों को आवाजाही कराई. लगातार खतरे को देखते हुए फिलहाल इन ग्लेशियर प्वाइंटों पर मेट बिछा दी गई है. मेट में चलने से यात्रियों को कुछ सहूलियत मिलेगी और फिसलने का खतरा भी कम रहेगा.

यहां पर हर समय सुरक्षा जवान यात्रियों को रास्ता पार कराने के लिए मौजूद हैं. वहीं, दूसरी ओर पैदल मार्ग पर कई जगह लगातार हो रही बर्फबारी और बारिश के कारण बोल्डर भी गिर रहे हैं. जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है. धाम में बर्फबारी रूकने का नाम नहीं ले रही है.

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा पिछले सप्ताह दो स्थानों पर ग्लेशियर टूट गए थे. ग्लेशियर टूटने के बाद अब पैदल मार्ग को दुरूस्त किया गया है. यहां पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा जवानों को भी तैनात किया गया है. साथ ही मेट भी बिछा दी गई है, जिससे तीर्थयात्रियों को आवागमन में आसानी होगी.

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