देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा नए रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है. इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि यात्रा शुरू हुए अभी दो हफ्ते भी नहीं हुए हैं, यात्रियों की संख्या साढ़े चार लाख पार हो गई है. अभी तक 4,65,823 श्रद्धालु चारधाम में मत्था टेक चुके हैं.
यमुनोत्री धाम में यात्रियों की संख्याः चारों धामों में सबसे पहले यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट विधि विधान से श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिए गए थे. यमुनोत्री धाम की बात करें तो अभी तक 92,583 श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन कर चुके हैं. आज यानी शनिवार को 6,606 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम में मत्था टेका.
गंगोत्री धाम में यात्रियों की संख्याः गंगोत्री धाम के दर्शन करने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है. अभी तक 1,04,930 श्रद्धालु गंगोत्री धाम पहुंच चुके हैं. आज यानी शनिवार को 7,193 श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए.
केदारनाथ धाम में यात्रियों की संख्याः केदारनाथ धाम में आस्था का सैलाब देखने को मिल रहा है. अभी तक 1,58,853 श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंच चुके हैं. आज यानी शनिवार को केदारनाथ में 16,065 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए. आज श्रद्धालुओं की संख्या में काफी गिरावट देखी गई है.
बदरीनाथ धाम में यात्रियों की संख्याः भू बैकुंठ धाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ में अभी तक 1,09,457 श्रद्धालु बदरी विशाल के दर पर पहुंच चुके हैं. आज 9,341 श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ धाम में मत्था टेका. आज यानी शनिवार को 39,205 श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए.
ये भी पढ़ेंः केदारनाथ यात्रा में घोड़े खच्चरों की सीमा बढ़ाने के लिए सरकार दायर करेगी पुनर्विचार याचिका, संचालकों को आश्वासन
रात में टार्च के सहारे ग्लेशियर प्वाइंट पार करा रहे जवानः केदारनाथ में भले ही मौसम साफ हो गया हो, लेकिन ग्लेशियर प्वाइंट पर आवाजाही करने में खतरा कम नहीं हुआ है. यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरफ और डीडीआरएफ के जवान रात के समय भी यहां तैनात हैं. जो यात्रियों को सुरक्षित तरीके से रास्ता पार करवा रहे हैं.
बीते तीन और चार मई को पैदल मार्ग के भैरव गदेरा और हथनी ग्लेशियर में ग्लेशियर टूटने के कारण आवाजाही बंद हो गई थी. जिससे यात्रा प्रभावित हो गई थी. सुरक्षा जवानों ने कड़ी मेहनत करते रास्ता तैयार और यात्रा सुचारू कराई. हालांकि, अभी भी इन ग्लेशियर प्वाइंट पर आवाजाही करना खतरनाक है.
यहां पर फिसलन है. ऐसे में किसी भी यात्रा के साथ कोई दुर्घटना न हो, इसलिए यहां पर हर समय सुरक्षा जवान तैनात हैं. स्थिति यह है कि रात में टार्च के सहारे सुरक्षा जवान एक ओर जहां रास्ता तैयार कर रहे हैं तो, वहीं दूसरी ओर यात्रियों को रास्ता भी पार करवा रहे हैं.