नई दिल्ली : सरकार ने सोमवार को लोकसभा में जानकारी दी कि इस साल पड़ोसी देशों के कितने नागरिकों को रोजगार वीजा उपलब्ध कराया गया. सरकार ने बताया कि 8 दिसंबर 2022 तक चीन के 2,118 नागरिक, श्रीलंका के 1,210, म्यांमार के 42, बांग्लादेश के 373 और अफगानिस्तान के केवल एक नागरिक को रोजगार वीजा दिया गया.
यह जानकारी श्रम और रोजगार मंत्रालय के राज्य मंत्री (एमओएस) और भाजपा सांसद रामेश्वर तेली (BJP MP Rameshwar Teli) ने इस सवाल का जवाब देते हुए साझा की कि 'क्या सरकार के पास पड़ोसी देशों के ऐसे प्रवासी मजदूरों की सही संख्या की सूची है.'
यह पूछे जाने पर कि क्या बांग्लादेश, नेपाल आदि जैसे पड़ोसी देशों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को विनियमित करने के लिए सरकार द्वारा कोई योजना लागू की जा रही है? मंत्री ने उत्तर दिया कि 'भारत सरकार पड़ोसी देश बांग्लादेश, नेपाल आदि से पलायन करने वाले मजदूरों को विनियमित करने के लिए कोई विशेष योजना लागू नहीं कर रही है.'
पड़ोसी देशों के नागरिकों को उपलब्ध कराए गए रोजगार वीजा के संबंध में वर्षवार आंकड़े दिए गए. वर्ष 2019 में 9,878 चीनी लोगों को रोजगार वीजा दिया गया था, जबकि 2020 में यह 1151 और 2021 में 1836 था. इसी तरह 2019 में 15 अफगान नागरिकों को रोजगार वीजा दिया गया. जबकि 2020 और 2021 में चार-चार नागरिकों को रोजगार वीजा दिया गया.
श्रीलंका के नागरिकों की बात की जाए तो 2019 में 2528 को वीजा दिया गया. 2020 में 750 जबकि 2021 में 577 लोगों को रोजगार वीजा दिया गया. इसी तरह 2019 में 431 बांग्लादेशी, 2020 में 141 और 2021 में 155 रोजगार वीजा जारी किए गए. म्यांमार के 216 नागरिकों को 2019 में, 59 को 2020 में जबकि 18 को 2021 में रोजगार वीजा दिया गया.
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