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आपदाओं से निपटने के लिए अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत : रक्षा मंत्री - रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भारत आपदा

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आपदा प्रबंधन पर आयोजित पांचवीं विश्व कांग्रेस सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कहा कि भारत आपदा में निपटने के लिए अपने पड़ोसी देशों को सहयोग देने के लिए तैयार है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

rajnath singh
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Published : Nov 24, 2021, 9:17 PM IST

नई दिल्ली: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने बुधवार को कहा कि भविष्य में आपदाओं को रोकने और उनके प्रबंधन के लिए जरूरी आधारभूत संरचना के निर्माण में और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है.

आपदा प्रबंधन(disaster management) पर पांचवीं विश्व कांग्रेस का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत आपदा से बचने के लिए ढांचा निर्माण में मित्र देशों को विशेषज्ञता की पेशकश करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है.

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक उन्होंने कहा कि सटीक उपकरण, सेंसर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता(Artificial Intelligence) के इस्तेमाल से आपदा के खतरे का क्रांतिकारी तरीके से आकलन किया जा सकता है और आपदा से पहले चेतवानी दी जा सकती है. इस दौरान रक्षामंत्री ने भविष्य की आपदा को रोकने और प्रबंधन के लिए अवसंरचना स्थापित करने के लिहाज से और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर जोर दिया.

ये पढ़ें: जम्मू-कश्मीर : सुरक्षाबलों ने TRF के टॉप कमांडर मेहरान समेत तीन आतंकियों को मार गिराया

मंत्रालय के द्वारा जारी बयान के मुताबिक राजनाथ सिंह ने वर्ष 2030 के सतत विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन पर कोविड-19 महामारी के पड़ने वाले असर का व्यापक आकलन करने एवं इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय रणनीतियों में नये विचारों को समाहित करने की जरूरत को लेकर सुझाव दिया.

रक्षामंत्री ने कहा कि भारत का दुनिया से खासतौर पर हिंद महासागर क्षेत्र से जुड़ाव मजबूत रहा है. उन्होंने मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान में भारतीय सशस्त्र बलों के सबसे पहले पहुंचने की प्रशंसा की.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने बुधवार को कहा कि भविष्य में आपदाओं को रोकने और उनके प्रबंधन के लिए जरूरी आधारभूत संरचना के निर्माण में और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है.

आपदा प्रबंधन(disaster management) पर पांचवीं विश्व कांग्रेस का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत आपदा से बचने के लिए ढांचा निर्माण में मित्र देशों को विशेषज्ञता की पेशकश करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है.

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक उन्होंने कहा कि सटीक उपकरण, सेंसर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता(Artificial Intelligence) के इस्तेमाल से आपदा के खतरे का क्रांतिकारी तरीके से आकलन किया जा सकता है और आपदा से पहले चेतवानी दी जा सकती है. इस दौरान रक्षामंत्री ने भविष्य की आपदा को रोकने और प्रबंधन के लिए अवसंरचना स्थापित करने के लिहाज से और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर जोर दिया.

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मंत्रालय के द्वारा जारी बयान के मुताबिक राजनाथ सिंह ने वर्ष 2030 के सतत विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन पर कोविड-19 महामारी के पड़ने वाले असर का व्यापक आकलन करने एवं इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय रणनीतियों में नये विचारों को समाहित करने की जरूरत को लेकर सुझाव दिया.

रक्षामंत्री ने कहा कि भारत का दुनिया से खासतौर पर हिंद महासागर क्षेत्र से जुड़ाव मजबूत रहा है. उन्होंने मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान में भारतीय सशस्त्र बलों के सबसे पहले पहुंचने की प्रशंसा की.

(पीटीआई-भाषा)

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