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मोरबी पुल हादसा: कोयली गांव के बहन-भाई भी हुए हादसे का शिकार, परिवार शोक में डूबा

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Published : Nov 1, 2022, 10:47 PM IST

गुजरात (Gujarat) के मोरबी (Morbi) में हुए पुल हादसे में 130 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इन लोगों में कोयली गांव (Koyli Village) की निवासी भूमिकाबेन और उनका छोटा भाई भी शामिल है, जो अब अपने परिवार को शोक में डुबाकर चले गए हैं.

कोयली गांव के बहन-भाई भी हुए हादसे का शिकार
कोयली गांव के बहन-भाई भी हुए हादसे का शिकार

मोरबी (गुजरात): बीती 30 अक्टूबर की शाम को मोरबी (Morbi) में हैंगिंग ब्रिज पर हुई त्रासदी से कई परिवार आहत हैं. कोयली गांव (Koyli Village) निवासी भूमिकाबेन अपने छोटे भाई के साथ यहां घूमने आई थीं. जहां पुल ढहने की त्रासदी ने दोनों भाइयों और बहनों की जान ले ली. कोयली गांव में लोग मौत का मातम मना रहे हैं.

किसी ने भविष्यवाणी नहीं की थी कि रविवार की रात मोरबी का केबल ब्रिज काल के गाल में चला जाएगा. शाम के करीब साढ़े छह बजे जब हल्का अंधेरा छा गया, तब करीब 10 सेकेंड तक चली इस त्रासदी में 130 से ज्यादा परिवारों की जिंदगी हमेशा के लिए एक अंधेरे में डूब गई. पश्चिम में सूर्यास्त का समय था और इस हादसे में कई जानें चली गईं.

कोयली के भाई-बहन ने इस पूरे घटनाक्रम के दौरान भी सोढिया परिवार को बेकाबू कर दिया. इस आपदा में कोयली गांव के एक भाई-बहन की भी मच्छु नदी में डूबने से मौत हो गई. इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार कोयली गांव निवासी भूमिबेन रैधानभाई सोढिया और उनके छोटे भाई भौतिक हैंगिंग ब्रिज पर टहलने गए थे.

पढ़ें: Gujarat Bridge Collapse : पीएम मोदी ने किया मोरबी घटनास्थल का मुआयना, घायलों और पीड़ितों से पूछा हाल

लेकिन उन दोनों को यह नहीं पता था कि आदज वे इस पुल के नीचे नदी में डूबने से काल के कहर का शिकार हो जाएंगे. भूमिबेन और भौतिक की दुखद मौत ने सोढिया परिवार को निराशा में डाल दिया है. मोरबी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति की एक दुखद कहानी है, जो एक दूसरे से अलग है. आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, मोरबी पुल आपदा में अब तक 136 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच 170 लोगों को बचा लिया गया है, जबकि 17 घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है.

मोरबी (गुजरात): बीती 30 अक्टूबर की शाम को मोरबी (Morbi) में हैंगिंग ब्रिज पर हुई त्रासदी से कई परिवार आहत हैं. कोयली गांव (Koyli Village) निवासी भूमिकाबेन अपने छोटे भाई के साथ यहां घूमने आई थीं. जहां पुल ढहने की त्रासदी ने दोनों भाइयों और बहनों की जान ले ली. कोयली गांव में लोग मौत का मातम मना रहे हैं.

किसी ने भविष्यवाणी नहीं की थी कि रविवार की रात मोरबी का केबल ब्रिज काल के गाल में चला जाएगा. शाम के करीब साढ़े छह बजे जब हल्का अंधेरा छा गया, तब करीब 10 सेकेंड तक चली इस त्रासदी में 130 से ज्यादा परिवारों की जिंदगी हमेशा के लिए एक अंधेरे में डूब गई. पश्चिम में सूर्यास्त का समय था और इस हादसे में कई जानें चली गईं.

कोयली के भाई-बहन ने इस पूरे घटनाक्रम के दौरान भी सोढिया परिवार को बेकाबू कर दिया. इस आपदा में कोयली गांव के एक भाई-बहन की भी मच्छु नदी में डूबने से मौत हो गई. इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार कोयली गांव निवासी भूमिबेन रैधानभाई सोढिया और उनके छोटे भाई भौतिक हैंगिंग ब्रिज पर टहलने गए थे.

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लेकिन उन दोनों को यह नहीं पता था कि आदज वे इस पुल के नीचे नदी में डूबने से काल के कहर का शिकार हो जाएंगे. भूमिबेन और भौतिक की दुखद मौत ने सोढिया परिवार को निराशा में डाल दिया है. मोरबी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति की एक दुखद कहानी है, जो एक दूसरे से अलग है. आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, मोरबी पुल आपदा में अब तक 136 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच 170 लोगों को बचा लिया गया है, जबकि 17 घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है.

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