चंडीगढ़: हरियाणा में नूंह हिंसा और नासिर-जुनैद हत्याकांड के मुख्य आरोपी मोनू मानेसर तक आखिरकार पुलिस पहुंच ही गई. मंगलवार को नूंह पुलिस ने मोनू मानेसर को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया. नासिर और जुनैद इसी साल 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी जिले में एक बोलेरो में जिंदा जले हुए मिले थे. जिसका मुख्य आरोपी मोनू मानेसर है. तब से मोनू मानेसर पुलिस की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहा था.
नूंह पुलिस ने किया गिरफ्तार: नूंह पुलिस ने मोनू मानेसर को आईटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है. दरअसल, मोनू मानेसर पर नूंह में हुई ब्रज मंडल यात्रा से पहले वीडियो जारी कर हिंसा भड़काने का आरोप है, लेकिन मोनू मानेसर जिस वजह से सुर्खियों में आया, वह मामला भिवानी में जिंदा जलाए गए नासिर-जुनैद हत्याकांड का है. जिसमें राजस्थान पुलिस उसको पिछले 6 महीने से गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही थी. इसको लेकर हरियाणा और राजस्थान में सियासी बयानबाजी भी हुई.
8 महीने बाद हुई गिरफ्तारी: मोनू मानेसर उस वक्त सुर्खियों में आया था जब 16 फरवरी 2023 को हरियाणा के भिवानी में एक जली हुई बोलेरो गाड़ी मिली. गाड़ी में दो लोगों के कंकाल भी मिले थे. गाड़ी में मिले कंकाल राजस्थान में भरतपुर के रहने वाले नासिर और जुनैद के थे. इसके बाद से ही मोनू मानेसर का नाम इस मामले में सामने आया था और लगातार उसके बाद से ही राजस्थान पुलिस मोनू मानेसर की गिरफ्तारी को लेकर प्रयास कर रही थी. अब 8 महीने बाद हरियाणा पुलिस ने मोनू मानेसर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.
नासिर-जुनैद को जिंदा जलाने का आरोप: जुनैद और नासिर की हत्या का आरोप हरियाणा के कई गौ रक्षकों पर लगा था. इनमें सबसे चर्चित नाम मोनू मानेसर का था. इन गौ रक्षकों पर आरोप है कि इन्होंने नासिर और जुनैद को 15 फरवरी को किडनैप किया था. इसके बाद 16 फरवरी को उनके जले हुए कंकाल मिले थे. ये कंकाल भिवानी में बोलेरो गाड़ी से मिले थे. इस मामले में मोनू मानेसर और उसके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने नासिर और जुनैद के साथ पहले मारपीट की और बाद में दोनों को जिंदा जलाकर मार दिया. इस मामले में भरतपुर पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मोनू मानेसर और अन्य के खिलाफ भी FIR दर्ज की थी.
नासिर-जुनैद के परिजनों ने लगाया था आरोप: नासिर और जुनैद की हत्या के मामले में हरियाणा पुलिस पर भी उस वक्त आरोप लगाया था कि उन्होंने उनको हिरासत में नहीं लिया. इसके बाद नासिर और जुनैद को मोनू मानेसर और उसके साथी भिवानी लेकर गए. जहां पर आरोपियों ने उनको पिछली सीट पर बैठकर बोलेरो के साथ जिंदा जला दिया. हालांकि इस सब मामले की जानकारी उन्हें सोशल मीडिया के जरिए मिली थी. बोलेरो की पहचान उसके इंजन और चेसिस नंबर से पता चली थी.
मोनू मानेसर पर नूंह हिंसा का आरोप: नासिर और जुनैद की हत्या के अलावा मोनू मानेसर पर नूंह में 31 जुलाई को हुई ब्रज मंडल यात्रा में हिंसा कराने का आरोप भी है. दरअसल, मोनू मानेसर ने यात्रा से कुछ समय पहले एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया था. इस वीडियो के जरिए मोनू मानेसर लोगों से अपील कर रहा था कि वे इस यात्रा में शामिल हो. यही नहीं मोनू मानेसर ने यह भी कहा था कि वह खुद भी इस यात्रा में शामिल होगा. आरोप यह है कि उसके इस वीडियो की वजह से ही नूंह में हिंसा भड़की थी.
कौन है मोनू मानेसर?: मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है, जो खुद को बजरंग दल का नेता बताता है. गौ रक्षक के तौर पर गुरुग्राम और इसके आसपास के इलाकों में काम करता है. मोनू मानेसर हरियाणा में बजरंग दल की गौ रक्षक टास्क फोर्स के प्रमुख के तौर पर भी जाना जाता है. जानकारी के मुताबिक मोनू मानेसर पिछले 10 से 12 साल से बजरंग दल से जुड़ा हुआ है. मोनू मानेसर गौ तस्करों के खिलाफ उसकी द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की वजह से सुर्खियों में आया है.
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