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छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र: सिंहदेव के इस्तीफे और जल जीवन मिशन पर घिरी सरकार

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन टीएस सिंहदेव के इस्तीफे को लेकर हंगामेदार (TS Singhdev resignation issue echoed in the chattisgarh assembly) रहा.विपक्ष ने मंत्री के इस्तीफे, जलजीवन मिशन को लेकर सरकार को घेरा.वहीं हंगामे के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया.

CG assembly monsoon session
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र
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Published : Jul 20, 2022, 6:28 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे से भरा रहा. टीएस सिंहदेव के इस्तीफे और जल जीवन मिशन पर विपक्ष ने सरकार को घेरा. काफी शोर शराबा हुआ उसके बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई (CG Assembly proceedings adjourned till tomorrow) है. जैसे उम्मीद की जा रही थी कि टीएस सिंहदेव को लेकर सदन में हंगामा होगा ठीक वैसा ही हुआ. टीएस सिंहदेव के इस्तीफे को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवालों के तीर दागने शुरु किए. विपक्ष सरकार से जवाब चाह रही थी कि आखिर क्यों टीएस सिंहदेव को पंचायत विभाग से इस्तीफा सौंपना (TS Singhdev resignation issue) पड़ा. विपक्ष ने सवाल उठाया कि टीएस सिंहदेव के पद छोड़ने पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे. विपक्ष ने इसको व्यवस्था का प्रश्न बताकर सरकार से जवाब मांगा. हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को पहले 10 मिनट के लिए और बाद में गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया.

बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर हुए हमलावर : शून्यकाल शुरू होते ही बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर (BJP MLA Ajay Chandrakar) ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया. उन्होंने कहा, प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थिति बन गई है. मंत्री ने पत्र लिखकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सामूहिक उत्तरादायित्व के तहत उन आरोपों पर मुख्यमंत्री और दूसरे मंत्रियों का जवाब आना चाहिए. भाजपा के दूसरे विधायकों ने इस पर सवाल उठाए. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, एक मंत्री का मुख्यमंत्री को पत्र लिखना संवैधानिक संकट और व्यवस्था का प्रश्न नहीं होता. मंत्री का इस्तीफा स्वीकार करने की भी विधानसभा सचिवालय को कोई सूचना नहीं है.

बृजमोहन ने सदन में लहराई सिंहदेव के पत्र की कॉपी: पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में मंत्री टीएस सिंहदेव के पत्र की कॉपी लहराई. उन्होंने कहा कि "मंत्री ने जो आरोप लगाया है, उसकी जांच होनी चाहिये. टीएस सिंहदेव ने हड़ताल को साजिशन कराये जाने का आरोप सरकार से अविश्वास को दर्शाता है." इस बीच बृजमोहन ने मंत्री सिंहदेव के इस्तीफे को सदन में पढ़कर भी सुनाया.

ये भी पढ़ें: बदहाल कानून व्यवस्था और खाद संकट पर बघेल सरकार को घेरेगा विपक्ष: धरमलाल कौशिक

विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने सरकार को दिए निर्देश : इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि,"कोई मंत्री अपने मुख्यमंत्री को पत्र लिखे, ये व्यवस्था का मामला कैसे बनेगा. उन्होंने कहा कि ये कोई संवैधानिक संकट नहीं है. विपक्षी विधायकों ने इस मामले पर एक बार फिर कहा कि, "इस मामले में स्थिति स्पष्ट होनी चाहिये.'' विपक्ष के हंगामे के बीच मंत्री के पद छोड़ने के मामले को लेकर कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा.

जल जीवन मिशन को लेकर आरोप: नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया (Bhupesh Sarkar surrounded by Jal Jeevan Mission) कि "जल जीवन मिशन की छत्तीसगढ़ में ये स्थिति है कि देश में सूबे का नम्बर 30वां है. गरीबों के पैसे से नल कनेक्शन उस तक पहुंचना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा '' पैसा आते ही बंदरबाट शुरू हो गई. इसकी वजह से मुख्यमंत्री को टेंडर निरस्त करना पड़ा. 2020 में योजना शुरू हुई और सितम्बर 2023 में पूरा कर लिया जाना है. लक्ष्य तय हुआ है 38 लाख से अधिक घरों तक नल पहुंचाने का. जुलाई 2022 तक केवल 6 लाख लोगों को इसका फायदा दिया गया है. एक साल में 32 लाख कनेक्शन कैसे दिया जाएगा. भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, सरकार राज्यांश का पैसा ही इस योजना के लिए नहीं दे रही है. इसके बाद भाजपा के सभी विधायक खड़े होकर सवाल करने लगे. बीजेपी के रंजना साहू ने सवाल पूछते हुए कहा कि,"लक्ष्य पूरा क्यों नहीं हुआ और इसमें राज्यांश और केंद्रांश कितना है.'' बाद में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और बृजमोहन अग्रवाल ने भी इस सवाल पर सरकार को जमकर घेरा. जिसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र: जल जीवन मिशन पूरा नहीं होने पर विपक्ष का सदन से वॉकआउट



पीएचई मंत्री ने दी सफाई: पीएचई मंत्री रूद्र गुरु ने माना कि "कोविड के कारण मिशन के काम में देरी हुई. लेकिन टेंडर लगना शुरू हो गया है और समय सीमा में काम पूरा किया जाएगा.''

कब तक चलेगा सत्र : छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हुआ है. 20 जुलाई से शुरू होकर यह सत्र 27 जुलाई तक चलेगा. विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सियासी महाभारत देखने को मिला . विपक्ष ने सिंहदेव के इस्तीफे, तबादला नीति और वित्तीय अनियमितताओं के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. . सत्र का समापन 27 जुलाई को होगा. छह बैठकों के इस मानसून सत्र में कुल 894 सवाल लगे हैं. वहीं सत्र में आधा दर्जन विधेयक भी पास होंगे.

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे से भरा रहा. टीएस सिंहदेव के इस्तीफे और जल जीवन मिशन पर विपक्ष ने सरकार को घेरा. काफी शोर शराबा हुआ उसके बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई (CG Assembly proceedings adjourned till tomorrow) है. जैसे उम्मीद की जा रही थी कि टीएस सिंहदेव को लेकर सदन में हंगामा होगा ठीक वैसा ही हुआ. टीएस सिंहदेव के इस्तीफे को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवालों के तीर दागने शुरु किए. विपक्ष सरकार से जवाब चाह रही थी कि आखिर क्यों टीएस सिंहदेव को पंचायत विभाग से इस्तीफा सौंपना (TS Singhdev resignation issue) पड़ा. विपक्ष ने सवाल उठाया कि टीएस सिंहदेव के पद छोड़ने पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे. विपक्ष ने इसको व्यवस्था का प्रश्न बताकर सरकार से जवाब मांगा. हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को पहले 10 मिनट के लिए और बाद में गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया.

बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर हुए हमलावर : शून्यकाल शुरू होते ही बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर (BJP MLA Ajay Chandrakar) ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया. उन्होंने कहा, प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थिति बन गई है. मंत्री ने पत्र लिखकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सामूहिक उत्तरादायित्व के तहत उन आरोपों पर मुख्यमंत्री और दूसरे मंत्रियों का जवाब आना चाहिए. भाजपा के दूसरे विधायकों ने इस पर सवाल उठाए. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, एक मंत्री का मुख्यमंत्री को पत्र लिखना संवैधानिक संकट और व्यवस्था का प्रश्न नहीं होता. मंत्री का इस्तीफा स्वीकार करने की भी विधानसभा सचिवालय को कोई सूचना नहीं है.

बृजमोहन ने सदन में लहराई सिंहदेव के पत्र की कॉपी: पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में मंत्री टीएस सिंहदेव के पत्र की कॉपी लहराई. उन्होंने कहा कि "मंत्री ने जो आरोप लगाया है, उसकी जांच होनी चाहिये. टीएस सिंहदेव ने हड़ताल को साजिशन कराये जाने का आरोप सरकार से अविश्वास को दर्शाता है." इस बीच बृजमोहन ने मंत्री सिंहदेव के इस्तीफे को सदन में पढ़कर भी सुनाया.

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विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने सरकार को दिए निर्देश : इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि,"कोई मंत्री अपने मुख्यमंत्री को पत्र लिखे, ये व्यवस्था का मामला कैसे बनेगा. उन्होंने कहा कि ये कोई संवैधानिक संकट नहीं है. विपक्षी विधायकों ने इस मामले पर एक बार फिर कहा कि, "इस मामले में स्थिति स्पष्ट होनी चाहिये.'' विपक्ष के हंगामे के बीच मंत्री के पद छोड़ने के मामले को लेकर कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा.

जल जीवन मिशन को लेकर आरोप: नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया (Bhupesh Sarkar surrounded by Jal Jeevan Mission) कि "जल जीवन मिशन की छत्तीसगढ़ में ये स्थिति है कि देश में सूबे का नम्बर 30वां है. गरीबों के पैसे से नल कनेक्शन उस तक पहुंचना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा '' पैसा आते ही बंदरबाट शुरू हो गई. इसकी वजह से मुख्यमंत्री को टेंडर निरस्त करना पड़ा. 2020 में योजना शुरू हुई और सितम्बर 2023 में पूरा कर लिया जाना है. लक्ष्य तय हुआ है 38 लाख से अधिक घरों तक नल पहुंचाने का. जुलाई 2022 तक केवल 6 लाख लोगों को इसका फायदा दिया गया है. एक साल में 32 लाख कनेक्शन कैसे दिया जाएगा. भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, सरकार राज्यांश का पैसा ही इस योजना के लिए नहीं दे रही है. इसके बाद भाजपा के सभी विधायक खड़े होकर सवाल करने लगे. बीजेपी के रंजना साहू ने सवाल पूछते हुए कहा कि,"लक्ष्य पूरा क्यों नहीं हुआ और इसमें राज्यांश और केंद्रांश कितना है.'' बाद में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और बृजमोहन अग्रवाल ने भी इस सवाल पर सरकार को जमकर घेरा. जिसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

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पीएचई मंत्री ने दी सफाई: पीएचई मंत्री रूद्र गुरु ने माना कि "कोविड के कारण मिशन के काम में देरी हुई. लेकिन टेंडर लगना शुरू हो गया है और समय सीमा में काम पूरा किया जाएगा.''

कब तक चलेगा सत्र : छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हुआ है. 20 जुलाई से शुरू होकर यह सत्र 27 जुलाई तक चलेगा. विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सियासी महाभारत देखने को मिला . विपक्ष ने सिंहदेव के इस्तीफे, तबादला नीति और वित्तीय अनियमितताओं के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. . सत्र का समापन 27 जुलाई को होगा. छह बैठकों के इस मानसून सत्र में कुल 894 सवाल लगे हैं. वहीं सत्र में आधा दर्जन विधेयक भी पास होंगे.

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