देहरादून: मानसून जाते-जाते उत्तराखंड में भारी तबाही मचा रहा है. गढ़वाल और कुमाऊं के तमाम हिस्से इसकी चपेट में हैं. गढ़वाल मंडल में इससे सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. यहां बारिश से केवल लोगों की जान ले रही है बल्कि आर्थिक रूप से भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. मौसम विभाग की मानें तो अगले 3 दिनों तक उत्तराखंड के कई जनपदों में ऐसे ही हालात बने रहेंगे. राजधानी देहरादून सहित कई जिलों में आज सुबह से भारी बारिश हो रही है.
मानसून में मौत के आंकड़े: मौसम विभाग की मानें तो रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, देहरादून जैसे जनपदों में अभी फिलहाल 2 से 3 दिनों तक बारिश बनी रहेगी. साल 2023 का मानसून उत्तराखंड को कई जख्म और कई दर्द देकर जा रहा है. मौजूदा समय में यहां बारिश कई जानें ले चुकी है. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार मौतों का आंकड़ा 31 है, मगर वास्तव में मौत का आंकड़ा इससे कई ज्यादा है. एक आंकड़े के मुताबिक अल्मोड़ा जिले में 96 घर बारिश की चपेट में आए हैं. चमोली में 20 घरों को नुकसान हुआ है. चमोली में बारिश से 3 लोगों की जान गई है. चंपावत में भी 13 घरों को नुकसान हुआ है. देहरादून में भी मानसून की बारिश ने 3 लोगों की जान ली है. इससे 140 घरों को नुकसान पहुंचा है. नैनीताल में भी 1 व्यक्ति की मौत हुई है. 3 लोग घायल हुए हैं. 60 घर बारिश से प्रभावित हुए हैं. बागेश्वर में दो लोगों की मृत्यु हुई है. 45 घरों को नुकसान हुआ है. हरिद्वार में 5 लोगों की मौत हुई है. 329 घर बारिश से प्रभावित हुए हैं.
पौड़ी जिले में मानसून की बारिश से एख व्यक्ति की मृत्यु हुई है. 61 घर बारिश से प्रभावित हुए हैं. पिथौरागढ़ में भी एक व्यक्ति की मौत हुई है. 73 घर बारिश और मलबे की भेंट चढ़े हैं. रुद्रप्रयाग में तीन लोगों की मृत्यु हुई है. टिहरी में भी एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है. उधम सिंह नगर में चार लोग बारिश का शिकार हुए हैं. उत्तरकाशी में सात लोगों की बारिश के कारण जान चली गई. 279 घर इससे प्रभावित हुए हैं. टिहरी में भी 80 घरों को बारिश से नुकसान हुआ है.
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बारिश की वजह से हुए सड़क हादसे: मानसून का बारिश में रुद्रप्रयाग में 20 लोगों की मौत हुई. प्रशासन के हिसाब से 16 लोग लापता हैं. जिस तरह से समय बीत रहा है तो अंदेशा लगाया जा सकता है कि लापता लोगों का बचना मुमकिन नहीं है. मौजूदा मानसून सीजन में सड़क हादसों में 43 लोगों की मौत अलग-अलग जनपदों में हुई है. इसी मानसून सीजन में जोशीमठ में करंट लगने से भी 16 लोगों की मौत हो चुकी है. लक्सर में बाढ़ की वजह से आज भी 50 से ज्यादा गांव दलदल और पानी के बीच में फंसे हुए हैं. जहां राहत और बचाव कार्य आज भी जारी है.
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जगह जगह पानी भरने से नुकसान: बारिश का आलम यह है कि राजधानी देहरादून के पछवा दून में अचानक पानी आने की वजह से कई बार सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं. जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मौजूदा मानसून सीजन में हरिद्वार के रानीपुर मोड़, देहरादून के घंटाघर इलाके में भी जलभराव की स्थिति बनी. जिसके कारण व्यापारियों को अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ा. मानसून का सबसे ज्यादा असर चारधाम यात्रा पर पड़ रहा है. बीते 50 दिनों से चारधाम यात्रा बहुत धीमी गति से चल रहा है. बारिश, भूस्खलन के कारण चमोली, रुद्रप्रयाग जैसे जिलों में सड़कें बाधित हो रही हैं. जिसके कारण बार बार चारधाम यात्रा को रोका जा रहा है.
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डे टू डे रिपोर्ट ले रहे सीएम धामी: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी बारिश से हो रहे नुकसान और हादसों को लेकर बेहद चिंतित हैं. सीएम धामी ने आफत के मानसून में अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिये हैं. साथ ही उन्होंने आपदा प्रबंधन की टीमों को क्विक रिस्पॉन्स टाइम कम करने के निर्देश दिये हैं. इसके साथ ही आपदा में फंसे लोगों की तत्तकाल मदद पहुंचाने, मुआवजा देने, के साथ ही दूसरे जरूरी कामों के लिए सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं. सीएम धामी ने गढ़वाल कमिश्नर और आपदा सचिव से डे टू डे रिपोर्ट देने के लिए भी कहा है.