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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने दो चीनी नागरिकों को किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. सूत्रों के मुताबिक, दोनों चीनी नागरिकों चार्ली पेंग और कार्टर ली को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की हिरासत पर भेज दिया गया.

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Published : Jan 17, 2021, 12:15 PM IST

Updated : Jan 17, 2021, 5:24 PM IST

ईडी के शिकंजे में दो चीनी नागरिक, सरकार को पहुंचा रहे थे करोड़ों का नुकसान
ईडी के शिकंजे में दो चीनी नागरिक, सरकार को पहुंचा रहे थे करोड़ों का नुकसान

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लगभग 1,000 करोड़ रुपये के एक कथित हवाला रैकेट से जुड़े घोटाले में धनशोधन जांच के सिलसिले में चीन के दो नागरिकों को गिरफ्तार किया है.

आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने चार्ली पेंग उर्फ ​​लुओ सांग (42) और कार्टर ली को 15 जनवरी को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया. उन्हें शनिवार को दिल्ली की एक स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें 14 दिन की हिरासत में भेज दिया.

पेंग के खिलाफ ईडी का मामला पिछले साल आयकर विभाग की जांच और 2018 में उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी से उपजा है.

पेंग का नाम पिछले साल हिमाचल प्रदेश में दो व्यक्तियों को हिरासत में लिए जाने के संबंध में सामने आया था, जो कथित तौर पर उसके निर्देश पर तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे.

आयकर विभाग ने गत अगस्त में चीन के नागरिक और उसके कुछ कथित सहयोगियों के खिलाफ छापेमारी की थी, जिसमें बैंकर भी शामिल थे.

सूत्रों ने आरोप लगाया था कि पेंग के पास एक फर्जी भारतीय पासपोर्ट था. कर अधिकारियों ने दावा किया था कि उसने पिछले दो-तीन वर्षों में चीन से हवाला राशि इधर-उधर करने के लिए जाली कंपनियों का जाल बनाया था.

सूत्रों ने कहा था कि उसके दिखावे का व्यवसाय मेडिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक सामान और कुछ अन्य वस्तुओं के आयात और निर्यात का था.

सूत्रों ने कहा कि पेंग को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने सितंबर 2018 में धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया था और वह कथित रूप से एक अवैध मनी चेंजर चला रहा था.

यह भी पढ़ें- एफडीआई, फेमा के उल्लंघन के लिए अमेजन, फ्लिपकार्ट के खिलाफ कार्रवाई करेगी ईडी

सूत्रों ने कहा था कि ईडी और आई-टी विभाग दोनों इस आरोपों की जांच कर रहे हैं कि क्या पेंग दिल्ली में रहने वाले कुछ तिब्बतियों को 'रिश्वत' दे रहा था.

पिछले साल अगस्त में सीबीडीटी ने एक बयान में संलिप्त इकाइयों की पहचान बताए बिना कहा था कि उसकी छापेमारी इस विश्वसनीय सुराग पर आधारित थी कि कुछ चीनी व्यक्तियों और उनके भारतीय सहयोगी शेल इकाइयों के माध्यम से धनशोधन और हवाला लेनदेन में शामिल थे.

उसने कहा था कि चीनी कंपनियों की सहायक कंपनियों और उससे संबंधित इकाइयों ने भारत में खुदरा शोरूम के व्यवसाय खोलने के लिए शेल इकाइयों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी अग्रिम राशि ली है.

सीबीडीटी ने कहा था कि हांगकांग और अमेरिकी डॉलर से जुड़े विदेशी हवाला लेनदेन के साक्ष्य का भी खुलासा हुआ है. उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा ली के खिलाफ इसी तरह के आरोप की जांच की जा रही है.

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लगभग 1,000 करोड़ रुपये के एक कथित हवाला रैकेट से जुड़े घोटाले में धनशोधन जांच के सिलसिले में चीन के दो नागरिकों को गिरफ्तार किया है.

आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने चार्ली पेंग उर्फ ​​लुओ सांग (42) और कार्टर ली को 15 जनवरी को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया. उन्हें शनिवार को दिल्ली की एक स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें 14 दिन की हिरासत में भेज दिया.

पेंग के खिलाफ ईडी का मामला पिछले साल आयकर विभाग की जांच और 2018 में उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी से उपजा है.

पेंग का नाम पिछले साल हिमाचल प्रदेश में दो व्यक्तियों को हिरासत में लिए जाने के संबंध में सामने आया था, जो कथित तौर पर उसके निर्देश पर तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे.

आयकर विभाग ने गत अगस्त में चीन के नागरिक और उसके कुछ कथित सहयोगियों के खिलाफ छापेमारी की थी, जिसमें बैंकर भी शामिल थे.

सूत्रों ने आरोप लगाया था कि पेंग के पास एक फर्जी भारतीय पासपोर्ट था. कर अधिकारियों ने दावा किया था कि उसने पिछले दो-तीन वर्षों में चीन से हवाला राशि इधर-उधर करने के लिए जाली कंपनियों का जाल बनाया था.

सूत्रों ने कहा था कि उसके दिखावे का व्यवसाय मेडिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक सामान और कुछ अन्य वस्तुओं के आयात और निर्यात का था.

सूत्रों ने कहा कि पेंग को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने सितंबर 2018 में धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया था और वह कथित रूप से एक अवैध मनी चेंजर चला रहा था.

यह भी पढ़ें- एफडीआई, फेमा के उल्लंघन के लिए अमेजन, फ्लिपकार्ट के खिलाफ कार्रवाई करेगी ईडी

सूत्रों ने कहा था कि ईडी और आई-टी विभाग दोनों इस आरोपों की जांच कर रहे हैं कि क्या पेंग दिल्ली में रहने वाले कुछ तिब्बतियों को 'रिश्वत' दे रहा था.

पिछले साल अगस्त में सीबीडीटी ने एक बयान में संलिप्त इकाइयों की पहचान बताए बिना कहा था कि उसकी छापेमारी इस विश्वसनीय सुराग पर आधारित थी कि कुछ चीनी व्यक्तियों और उनके भारतीय सहयोगी शेल इकाइयों के माध्यम से धनशोधन और हवाला लेनदेन में शामिल थे.

उसने कहा था कि चीनी कंपनियों की सहायक कंपनियों और उससे संबंधित इकाइयों ने भारत में खुदरा शोरूम के व्यवसाय खोलने के लिए शेल इकाइयों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी अग्रिम राशि ली है.

सीबीडीटी ने कहा था कि हांगकांग और अमेरिकी डॉलर से जुड़े विदेशी हवाला लेनदेन के साक्ष्य का भी खुलासा हुआ है. उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा ली के खिलाफ इसी तरह के आरोप की जांच की जा रही है.

Last Updated : Jan 17, 2021, 5:24 PM IST
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