हैदराबाद : मार्गशीर्ष माह की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह एकादशी मोक्ष प्रदान करने वाली है अर्थात इस एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने महाराज युधिष्ठिर को इस व्रत की महिमा अपने श्री मुख से बताई है. भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि यह व्रत यह सभी इच्छाओं की पूर्ति करने वाला व्रत है इस व्रत को करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि इस व्रत को से बढ़कर कोई भी व्रत मोक्ष प्रदान करने वाला नहीं है. इसी दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है इसलिए भी यह व्रत अति महत्वपूर्ण हो जाता है गीता का पाठ करना भी मोक्ष प्राप्ति का एक साधन है अतः Mokshada ekadashi व्रत की महिमा और भी ज्यादा बढ़ जाती है. Mokshada ekadashi का व्रत 22 तारीख को रखा जाएगा. इस दिन एकादशी का प्रारंभ 22 दिसंबर 2023 को सुबह 8:15 से होगी और एकादशी की समाप्ति 23 तारीख को सुबह 7:11 पर होगी. एकादशी का पारण 23 सितंबर को दोपहर 1:22 से 3:26 PM के बीच होगा.
भूलकर भी न करें ये काम व जरूर करें ये दान
- इस दिन चावल तेल लहसुन आदि तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
- नाखून-बाल काटने से परहेज करना चाहिए.
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां तुलसी भी निर्जला व्रत रखती हैं इसलिए इस दिन तुलसी माता को जल नहीं चढ़ाना चाहिए.
- दान - मोक्षदा एकादशी के दिन गर्म कपड़े, गुड़, अन्न, धन, कंबल, घी का दान करना चाहिए. इससे जीवन में उन्नति होती है व परेशानियों का अंत होता है. नौकरी-व्यापार में प्रमोशन के योग बनते हैं.
- मोक्षदा एकादशी के दिन बुरे विचारों को त्यागें, क्रोध व हिंसा नहीं करनी चाहिए.
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