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जुबैर की जमानत याचिका खारिज, 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया - कौन हैं मोहम्मद जुबैर

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फैक्ट चेक से जुड़ी वेबसाइट Alt news के संस्थापक मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दी है. उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने ये फैसला सुनाया.

मोहम्मद जुबैर
मोहम्मद जुबैर
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Published : Jul 2, 2022, 3:21 PM IST

Updated : Jul 2, 2022, 4:56 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फैक्ट चेक से जुड़ी वेबसाइट Alt news के संस्थापक मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दी है. उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने ये फैसला सुनाया. सुनवाई के दौरान जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट को उन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की सूची बताई जो जब्त किए गए थे. उन्होंने कहा कि अभी तक साइबर क्राइम विभाग ने उन डिवाइस का प्रतिरुप (क्लोन) तैयार नहीं किया.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि जुबैर स्पेशल सेल के दफ्तर में फोन के साथ आया था. जब फोन का परीक्षण किया गया तो पाया गया कि एक दिन पहले वो दूसरा सिम इस्तेमाल कर रहा था. उसे जब नोटिस मिला तो उसने वो सिम निकाल लिया और नये मोबाइल में डाल दिया. जांच अभी अहम मोड़ पर है. अतुल श्रीवास्तव ने एफसीआरए की धारा 35 का जिक्र करते हुए कहा कि अगर आप विदेश के किसी व्यक्ति से चंदा लेते हैं तो आप इस कानून का उल्लंघन करते हैं. श्रीवास्तव ने कहा कि जुबैर ने रेजर गेटवे के जरिये पाकिस्तान, सीरिया इत्यादि से धन हासिल किया. अभी इसकी जांच चल रही है. हमें आगे और हिरासत की जरूरत पड़ सकती है.

वृंदा ग्रोवर ने कहा कि पूरी प्रक्रिया गलत है. ये मामला अभियोजन के लायक नहीं है. पहले धारा 153ए और 295 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. क्या मोबाइल फोन का सिम कार्ड बदलना अपराध है. क्या फोन को फार्मेट करना अपराध है. क्या चालाक होना अपराध है. ग्रोवर ने कहा कि स्पेशल सेल ने कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है. स्पेशल सेल जनवरी 2022 में खरीदे गए फोन का टैक्स रसीद ले लिया. क्या फोन खरीदने की मनाही है. यह किस तरीके से संदेहास्पद हो गया. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक डाटा का परीक्षण जरूर होना चाहिए लेकिन वो कानून के मुताबिक होने चाहिए. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से छेड़छाड़ और बदलाव की जा सकती है.

इसे भी पढ़ेंः नूपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद दिल्ली पुलिस ने बयान जारी कर दी ये सफाई

ग्रोवर ने कहा कि जुबैर को बुलाया गया दूसरे मामले में और गिरफ्तार किया गया किसी दूसरे मामले में. स्पेशल सेल की जांच दुर्भावनापूर्ण है. इस पर कोर्ट को गौर करना चाहिए. उन्होंने जुबैर को जमानत देने की मांग की. आज जुबैर की पुलिस हिरासत खत्म हो रही थी जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जुबैर के खिलाफ नई धाराएं जोड़ी हैं. स्पेशल सेल ने जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 201 और एफसीआरए की धारा 35 की धाराओं को भी जोड़ा है. 28 जून को कोर्ट ने जुबैर को दाे जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया था. जुबैर को 27 जून को गिरफ्तार किया गया था. जुबैर ने पुलिस हिरासत के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था.

एक जुलाई को जुबैर की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि आजकल फेमस होने के लिए धार्मिक विरोध का ट्रेंड बन गया है. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि आरोपी के मोबाइल से सारे ऐप डिलीट कर दिए गए हैं. ये खाली फोन लेकर आए थे. तब ग्रोवर ने कहा था कि ये दूसरा केस है वो दूसरा था. हर केस में आरोपी को सुरक्षा मिली हुई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस अगर आरोप लगा रही है तो उसे बताए. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि शिकायतकर्ता महज एक सूचनाकर्ता है. वो अनाम नहीं है. उसका पूरा डिटेल मौजूद है.

इसे भी पढ़ेंः Alt News के संस्थापक जुबैर की गिरफ्तारी का एडिटर्स गिल्ड और एमनेस्टी ने किया विरोध

बिना डिटेल के कोई ट्विटर अकाउंट नहीं चला सकता है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे लैपटॉप और वो उपकरण रिकवर करना है जहां से ये पोस्ट की गई है. आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है, इसलिए पुलिस को पूछताछ के लिए पांच दिनों की रिमांड दी जाए. पुलिस के मुताबिक जुबैर को 27 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. पूछताछ के बाद 27 जून की शाम को जुबैर को गिरफ्तार कर लिया गया था. उसके बाद रात में ही ड्यूटी मजिस्ट्रेट के बुराड़ी स्थित आवास पर पेश किया गया था जहां ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया था.

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फैक्ट चेक से जुड़ी वेबसाइट Alt news के संस्थापक मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दी है. उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने ये फैसला सुनाया. सुनवाई के दौरान जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट को उन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की सूची बताई जो जब्त किए गए थे. उन्होंने कहा कि अभी तक साइबर क्राइम विभाग ने उन डिवाइस का प्रतिरुप (क्लोन) तैयार नहीं किया.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि जुबैर स्पेशल सेल के दफ्तर में फोन के साथ आया था. जब फोन का परीक्षण किया गया तो पाया गया कि एक दिन पहले वो दूसरा सिम इस्तेमाल कर रहा था. उसे जब नोटिस मिला तो उसने वो सिम निकाल लिया और नये मोबाइल में डाल दिया. जांच अभी अहम मोड़ पर है. अतुल श्रीवास्तव ने एफसीआरए की धारा 35 का जिक्र करते हुए कहा कि अगर आप विदेश के किसी व्यक्ति से चंदा लेते हैं तो आप इस कानून का उल्लंघन करते हैं. श्रीवास्तव ने कहा कि जुबैर ने रेजर गेटवे के जरिये पाकिस्तान, सीरिया इत्यादि से धन हासिल किया. अभी इसकी जांच चल रही है. हमें आगे और हिरासत की जरूरत पड़ सकती है.

वृंदा ग्रोवर ने कहा कि पूरी प्रक्रिया गलत है. ये मामला अभियोजन के लायक नहीं है. पहले धारा 153ए और 295 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. क्या मोबाइल फोन का सिम कार्ड बदलना अपराध है. क्या फोन को फार्मेट करना अपराध है. क्या चालाक होना अपराध है. ग्रोवर ने कहा कि स्पेशल सेल ने कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है. स्पेशल सेल जनवरी 2022 में खरीदे गए फोन का टैक्स रसीद ले लिया. क्या फोन खरीदने की मनाही है. यह किस तरीके से संदेहास्पद हो गया. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक डाटा का परीक्षण जरूर होना चाहिए लेकिन वो कानून के मुताबिक होने चाहिए. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से छेड़छाड़ और बदलाव की जा सकती है.

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ग्रोवर ने कहा कि जुबैर को बुलाया गया दूसरे मामले में और गिरफ्तार किया गया किसी दूसरे मामले में. स्पेशल सेल की जांच दुर्भावनापूर्ण है. इस पर कोर्ट को गौर करना चाहिए. उन्होंने जुबैर को जमानत देने की मांग की. आज जुबैर की पुलिस हिरासत खत्म हो रही थी जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जुबैर के खिलाफ नई धाराएं जोड़ी हैं. स्पेशल सेल ने जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 201 और एफसीआरए की धारा 35 की धाराओं को भी जोड़ा है. 28 जून को कोर्ट ने जुबैर को दाे जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया था. जुबैर को 27 जून को गिरफ्तार किया गया था. जुबैर ने पुलिस हिरासत के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था.

एक जुलाई को जुबैर की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि आजकल फेमस होने के लिए धार्मिक विरोध का ट्रेंड बन गया है. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि आरोपी के मोबाइल से सारे ऐप डिलीट कर दिए गए हैं. ये खाली फोन लेकर आए थे. तब ग्रोवर ने कहा था कि ये दूसरा केस है वो दूसरा था. हर केस में आरोपी को सुरक्षा मिली हुई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस अगर आरोप लगा रही है तो उसे बताए. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि शिकायतकर्ता महज एक सूचनाकर्ता है. वो अनाम नहीं है. उसका पूरा डिटेल मौजूद है.

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बिना डिटेल के कोई ट्विटर अकाउंट नहीं चला सकता है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे लैपटॉप और वो उपकरण रिकवर करना है जहां से ये पोस्ट की गई है. आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है, इसलिए पुलिस को पूछताछ के लिए पांच दिनों की रिमांड दी जाए. पुलिस के मुताबिक जुबैर को 27 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. पूछताछ के बाद 27 जून की शाम को जुबैर को गिरफ्तार कर लिया गया था. उसके बाद रात में ही ड्यूटी मजिस्ट्रेट के बुराड़ी स्थित आवास पर पेश किया गया था जहां ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया था.

Last Updated : Jul 2, 2022, 4:56 PM IST
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