ETV Bharat / bharat

Modi Surname Defamation Case: सुप्रीम कोर्ट से बोले राहुल गांधी, 'माफी मांगनी होती तो पहले ही मांग ली होती'

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से यह बात कहा कि वह अपनी टिप्पणी के लिए कोई माफ़ी नहीं मांगेंगे कि सभी चोरों के उपनाम मोदी क्यों हैं और आग्रह किया कि अपील लंबित रहने तक उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाई जानी चाहिए, जिससे वह लोकसभा की चल रही बैठकों में भाग ले सकेंगे.

Congress leader Rahul Gandhi
कांग्रेस नेता राहुल गांधी
author img

By

Published : Aug 2, 2023, 9:49 PM IST

नई दिल्ली: मोदी उपनाम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने हमेशा कहा है कि वह अपराध के लिए दोषी नहीं हैं और दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं है और अगर उन्हें माफ़ी मांगनी होती और अपराध को कम करना होता, तो उन्होंने बहुत पहले ही ऐसा कर लिया होता. गांधी के हलफनामे में कहा गया है कि शिकायतकर्ता, गुजरात भाजपा विधायक पूर्णेश ईश्वरभाई मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने जवाब में गांधी का वर्णन करने के लिए अहंकारी जैसे निंदनीय शब्दों का इस्तेमाल किया, क्योंकि उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया था.

राहुल गांधी के हलफनामे में कहा गया है कि बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए राहुल गांधी को बांह मरोड़ने के लिए जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत आपराधिक प्रक्रिया और परिणामों का उपयोग करना, न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है और इस न्यायालय द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. राहुल गांधी के हलफनामे में यह भी कहा गया कि उनके पास एक असाधारण मामला है, क्योंकि यह अपराध एक मामूली अपराध है.

हलफनामे में कहा गया कि एक निर्वाचित सांसद के रूप में उन्हें इससे होने वाली अपूरणीय क्षति है...दूसरी ओर, शिकायतकर्ता के साथ कोई पूर्वाग्रह नहीं हुआ है. इसलिए यह प्रार्थना की जाती है कि राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाए, जिससे वह लोकसभा की मौजूदा बैठकों और उसके बाद के सत्रों में भाग ले सकें. इसमें कहा गया है कि मानहानि भारतीय दंड संहिता के तहत 22 अपराधों में से एक है, जिसमें साधारण कारावास का प्रावधान है और यह दोषसिद्धि पर रोक के लिए एक असाधारण परिस्थिति है.

बंबई उच्च न्यायालय ने पेशी से दी अंतरिम राहत

वहीं दूसरी ओर बंबई उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वर्ष 2018 की कथित अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित मानहानि की एक शिकायत के सिलसिले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक स्थानीय अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने से मिली अंतरिम राहत की अवधि बुधवार को 26 सितंबर तक बढ़ा दी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे के संदर्भ में गांधी की कमांडर-इन-थीफ (चोरों के सरदार) संबंधी टिप्पणी मानहानि के समान है.

न्यायमूर्ति एस. वी. कोतवाल की एकल पीठ ने 2021 में स्थानीय अदालत द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली गांधी की याचिका पर सुनवाई 26 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी. न्यायमूर्ति कोतवाल ने कहा कि पहले दी गई अंतरिम राहत तब तक जारी रहेगी. शिकायतकर्ता के वकील द्वारा समय मांगे जाने के बाद गांधी की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी गई. स्थानीय अदालत ने महेश श्रीमल की ओर से दायर मानहानि की एक शिकायत पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पेश होने का निर्देश दिया था.

नई दिल्ली: मोदी उपनाम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने हमेशा कहा है कि वह अपराध के लिए दोषी नहीं हैं और दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं है और अगर उन्हें माफ़ी मांगनी होती और अपराध को कम करना होता, तो उन्होंने बहुत पहले ही ऐसा कर लिया होता. गांधी के हलफनामे में कहा गया है कि शिकायतकर्ता, गुजरात भाजपा विधायक पूर्णेश ईश्वरभाई मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने जवाब में गांधी का वर्णन करने के लिए अहंकारी जैसे निंदनीय शब्दों का इस्तेमाल किया, क्योंकि उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया था.

राहुल गांधी के हलफनामे में कहा गया है कि बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए राहुल गांधी को बांह मरोड़ने के लिए जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत आपराधिक प्रक्रिया और परिणामों का उपयोग करना, न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है और इस न्यायालय द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. राहुल गांधी के हलफनामे में यह भी कहा गया कि उनके पास एक असाधारण मामला है, क्योंकि यह अपराध एक मामूली अपराध है.

हलफनामे में कहा गया कि एक निर्वाचित सांसद के रूप में उन्हें इससे होने वाली अपूरणीय क्षति है...दूसरी ओर, शिकायतकर्ता के साथ कोई पूर्वाग्रह नहीं हुआ है. इसलिए यह प्रार्थना की जाती है कि राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाए, जिससे वह लोकसभा की मौजूदा बैठकों और उसके बाद के सत्रों में भाग ले सकें. इसमें कहा गया है कि मानहानि भारतीय दंड संहिता के तहत 22 अपराधों में से एक है, जिसमें साधारण कारावास का प्रावधान है और यह दोषसिद्धि पर रोक के लिए एक असाधारण परिस्थिति है.

बंबई उच्च न्यायालय ने पेशी से दी अंतरिम राहत

वहीं दूसरी ओर बंबई उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वर्ष 2018 की कथित अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित मानहानि की एक शिकायत के सिलसिले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक स्थानीय अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने से मिली अंतरिम राहत की अवधि बुधवार को 26 सितंबर तक बढ़ा दी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे के संदर्भ में गांधी की कमांडर-इन-थीफ (चोरों के सरदार) संबंधी टिप्पणी मानहानि के समान है.

न्यायमूर्ति एस. वी. कोतवाल की एकल पीठ ने 2021 में स्थानीय अदालत द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली गांधी की याचिका पर सुनवाई 26 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी. न्यायमूर्ति कोतवाल ने कहा कि पहले दी गई अंतरिम राहत तब तक जारी रहेगी. शिकायतकर्ता के वकील द्वारा समय मांगे जाने के बाद गांधी की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी गई. स्थानीय अदालत ने महेश श्रीमल की ओर से दायर मानहानि की एक शिकायत पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को पेश होने का निर्देश दिया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.