नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress president Mallikarjun Kharge) और वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा (senior leader Priyanka Gandhi Vadra) की यात्रा से उत्साहित पार्टी मिजोरम में अभियान को आगे बढ़ाएगी. हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे 29 और 30 अक्टूबर को राज्य में प्रचार करने के लिए तैयार हैं, वहीं प्रियंका गांधी के 3 और 4 नवंबर को मिजोरम जा सकती हैं. दोनों नेताओं की राज्य की पहली यात्रा होगी.
बता दें कि मिजोरम की सभी 40 विधानसभा सीटों पर 7 नवंबर को मतदान होगा. नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. कांग्रेस अपने धर्मनिरपेक्ष गठबंधन पर भरोसा कर रही है जिसमें दो क्षेत्रीय संगठन ज़ोरम नेशनलिस्ट पार्टी और मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी शामिल हैं. चूंकि दोनों क्षेत्रीय दलों के पास व्यापक समर्थन आधार नहीं है, इसलिए कांग्रेस उनके समर्थन से सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस को पूर्वोत्तर राज्य में त्रिकोणीय लड़ाई से फायदा होने की उम्मीद है. इसे ध्यान में रखते हुए राहुल ने सत्तारूढ़ एमएनएफ और विपक्षी जेडपीएम दोनों पर निशाना साधते हुए कहा था कि दोनों में से किसी एक के लिए वोट का मतलब भाजपा के लिए पिछले दरवाजे से प्रवेश है.
इस बारे में कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री ललथनहवला ने कहा कि राहुल की हालिया यात्रा ने राज्य में कांग्रेस में हलचल पैदा कर दी है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे हैं जो मिजोरम में बेहद लोकप्रिय थे. उन्होंने कहा कि हमारे तीन शीर्ष नेताओं का अभियान निश्चित रूप से चुनाव को हमारे पक्ष में कर देगा. उन्होंने कहा कि यह एक त्रिकोणीय लड़ाई है और कांग्रेस का मुख्य मुद्दा विकास है जिसे राज्य में उपेक्षित किया गया है. उन्होंने कहा कि राहुल ने स्थानीय लोगों को जन कल्याण का आश्वासन देने के लिए कांग्रेस शासित राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में शासन मॉडल का हवाला दिया था.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि अपने अभियान के दौरान खड़गे और प्रियंका दोनों द्वारा कांग्रेस के सत्ता में आने पर राज्य के आदिवासी लोगों की भूमि, जंगलों और अधिकारों की रक्षा के लिए एक नए कानून का वादा करने की उम्मीद है. एआईसीसी के एक पदाधिकारी ने कहा कि एमएनएफ और जेडपीएम ऐसा कोई कानून पारित नहीं करेंगे क्योंकि वे भाजपा का अनुसरण करते हैं, जो वनवासियों के अधिकारों को हड़प रही है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि खड़गे और प्रियंका उत्तर-पूर्वी राज्यों में भाजपा की पैठ और मई से मणिपुर में सामाजिक संघर्ष के मद्देनजर स्थानीय मिज़ो संस्कृति और पहचान को संरक्षित करने पर पार्टी की चिंता को भी उजागर कर सकते हैं. राहुल ने अपने अभियान के दौरान मणिपुर संकट को उजागर किया था. सीडब्ल्यूसी सदस्य ने कहा कि हालांकि इस मुद्दे का अब मिजोरम में कोई प्रभाव नहीं है.
ललथनहवला ने कहा कि मणिपुर से अधिकांश शरणार्थी मिजोरम पहुंच गए हैं और स्थानीय लोगों द्वारा उनकी देखभाल की जा रही है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मणिपुर संकट यहां कोई बड़ा मुद्दा है. हालांकि मेघालय विधानसभा में सीएलपी नेता रोनी वी लिंगदोह ने कहा कि मणिपुर संकट की गूंज पूरे उत्तर पूर्वी क्षेत्र में है. दूसरी तरफ लिंगदोह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले सात महीनों में मणिपुर का दौरा नहीं किया है, लेकिन चुनावों की वजह से वह 30 अक्टूबर को मिजोरम की यात्रा कर सकते हैं.
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