नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय कांग्रेस सहित 14 राजनीतिक दलों की उस याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा, जिसमें विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों के मनमाने इस्तेमाल का आरोप लगाया गया है और भविष्य के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है.
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई कार्यसूची के अनुसार, विपक्षी दलों की याचिका पर प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ पांच अप्रैल को सुनवाई करेगी. न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला भी पीठ का हिस्सा हैं.
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने 24 मार्च को मामले की तत्काल सुनवाई के लिए याचिका का उल्लेख किया था. वरिष्ठ अधिवक्ता ने 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के सत्ता में आने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर मामलों की संख्या में वृद्धि का उल्लेख किया था.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि विपक्षी दलों के नेताओं और असहमति के अपने मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल करने वाले अन्य नागरिकों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाइयां की जाती हैं.
एक याचिकाकर्ता की ओर से जारी एक बयान में आरोप लगाया गया है, 'राजनीतिक असंतोष को पूरी तरह से कुचलने और प्रतिनिधि लोकतंत्र के मौलिक परिसर को खत्म करने के उद्देश्य से सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियों को एक चुनिंदा और लक्षित तरीके से तैनात किया जा रहा है.' वकील शादान फरासत के माध्यम से दायर याचिका में कुछ आंकड़ों का हवाला दिया गया है.
याचिका दायर करने वाले दलों में कांग्रेस के अलावा द्रविड़ मुनेत्र कषगम, राष्ट्रीय जनता दल, भारत राष्ट्र समिति, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), झारखंड मुक्ति मोर्चा, जनता दल (यूनाइटेड), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस शामिल हैं.
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(PTI)