चेन्नई : 'मिशन अरिकोम्बन' के 10 दिनों बाद तमिलनाडु वन विभाग के एक दल ने उसका पता लगा लिया है और चार जून की रात को थेनी के पूसनमपट्टी में उसे इंजेक्शन देकर बेसुध कर दिया. तमिलनाडु में पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुप्रिया साहा ने सोमवार को बताया कि अभी हाथी को उचित स्थान पर ले जाने के प्रयास किए जा रहे हैं. जंगली हाथी को सोमवार को सुबह बेसुध किया गया. कुमबुम वन क्षेत्र में उसके होने का पता चला था. चार पशु चिकित्सकों का एक दल पिछले कुछ दिनों से हाथी की गतिविधि और उसके स्वास्थ्य पर नजर रख रहा है. बताया जा रहा है कि हाथी को मेघमलाई के वेल्लीमलाई के घने जंगल में छोड़ा जाएगा.
'अरिकोम्बन' को केरल में चावल के लिए उसके प्यार और राशन की दुकानों पर हमला करने के लिए पहचाना जाता है. साहू ने कहा, "जंगली हाथी अरिकोम्बन को वन्य पशु चिकित्सकों और वन विभाग के अधिकारियों के एक दल ने कुमबुम ईस्ट रेंज में आज सुबह सुरक्षित तरीके से इंजेक्शन दे कर बेसुध कर दिया." उन्होंने इस अभियान की तस्वीरें पोस्ट करते हुए कहा, "हाथी को एक उचित जगह पर स्थानांतरित किया जा रहा है जहां तमिलनाडु वन विभाग उसकी निगरानी करता रहेगा." केरल वन विभाग ने 29 अप्रैल को पेरियार बाघ अभयारण्य में 'अरिकोम्बन' को स्थानांतरित किया था और वह 30 अप्रैल को तमिलनाडु वन क्षेत्र में आ गया था.
मदुरै हाई कोर्ट में याचिका : तमिलनाडु के थेनी निवासी गोपाल ने अरिकोम्बन हाथी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए मदुरै हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. इस याचिका में हाथी को केरल सरकार को सौंपने और अगर सरकार निर्देश लेने माना करे, तो हाथी का शिकार करने का आदेश देने की मांग की थी, क्योंकि यह हाथी वन्यजीव अधिनियम के अनुसार, मानव जीवन और संपत्ति के लिए खतरा है.
यह याचिका सोमवार को जस्टिस सुब्रमण्यम और विक्टोरिया गौरी की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए दायर की गई. उस समय, तमिलनाडु सरकार ने कहा, 'अरिकोम्बन हाथी से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है और कालाकाडु मुंडनथुराई के वन क्षेत्र में अरिकोम्बन हाथी को छोड़ने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.' न्यायाधीशों ने तमिलनाडु सरकार की दलीलें दर्ज कीं और मामले को बंद करने का आदेश दिया.
(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)