मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना के पास सुखोई-30 और मिराज 2000 विमान 28 जनवरी को दुर्घटनाग्रस्त हुए थे. इस घटना के बाद से ही वायु सेना के कई बड़े अधिकारी मौके पर पहुंच कर हर एंगल से जांच कर रहे हैं. वहीं घटना के तीन बाद आज यानि की 31 जनवरी को घटनास्थल से 500 फीट दूर एक खाई में क्रैश विमान का दूसरा इंजन मिला है. 500 फीट की गहरी खाई में नीचे उतरना आसान नहीं था, इसलिए एयरफोर्स की टीम ने खुद ही एक-एक पेड़ काटकर क्रैश विमान के इंजन का मलबा निकाला.
ट्रकों में लादकर ले गए मलबा: जानकारी के मुताबिक 500 फीट से अधिक गहरी खाई में नीचे उतरने का रास्ता नहीं था. वहीं घना जंगल होने की वजह से यहां तक क्रेन, जेसीबी भी नहीं पहुंच सकती थी. इसलिए एयरफोर्स की टीम खुद ही एक-एक पेड़ काटकर क्रैश विमान के इंजन का मलबा निकाला और देर शाम उसे ट्रक में लादकर रवाना हो गई. आपको बता दें कि 28 जनवरी को सुबह 10 बजे पहाड़गढ़ के जाजीपुरा गांव में ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरने के बाद फाइट्स जेट्स मिराज-2000 और सुखोई-30 एक-दूसरे के बेहद नजदीक आकर आपस में टकराकर क्रैश हो गए थे. क्रैश होने के बाद सुखाई तो पहाड़गढ़ से 90 किमी दूर भरतपुर के पिंगौरा गांव में जाकर गिरा. वहीं मिराज विमान पहाड़गढ़ में ही गिर गया था. घटना के तत्काल बाद ही एयरफोर्स की टीम ने पूरे इलाके को अपने कब्जे में लेकर सर्चिंग शुरू कर दी थी. क्रैश विमान का मलबा और अन्य सामान भी ट्रकों में भरकर ले जाया गया, लेकिन सोमवार को बारिश के दौरान भी एयरफोर्स का सर्चिंग अभियान जारी रहा.
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पेड़ काटकर किया मलबा रिकवर: एयरफोर्स की टीम जाजीपुरा गांव के नजदीक स्थित 500 फीट गहरी खाई में लगातार काम कर रही है. मंगलवार को टीम ने पेड़ों के तने काटकर वहां मिले इंजन के मलबे बाहर को निकाला और उसे ट्रक में भरकर पहाड़गढ़ से रवाना हो गए. यहां बता दें कि सुखोई के मलबे को ले जाने के लिए 3 ट्रक की जरूरत पड़ी