मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने सोमवार को केंद्र सरकार से यह पता लगाने को कहा है कि फिल्म निर्माता मुश्ताक नाडियाडवाला (Film Director Mushtaq Nadiadwala) के बच्चे कहां हैं. साथ ही उच्च न्यायालय ने कहा कि निर्माता को इस मामले में दर-दर भटकने के लिए मजबूर न करें. नाडियाडवाला ने दावा किया है कि उनके दो बच्चों–नौ साल का बेटा और छह साल की एक बेटी को उनकी पाकिस्तानी पत्नी और उनके परिवार ने साल 2020 से पाकिस्तान में अवैध रूप से बंधक बना कर रखा है.
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे (Justice Revati Mohite Dere) और न्यायमूर्ति पी. के. चव्हाण (Justice P.K. Chavan) की खंडपीठ नाडियाडवाला द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनके दो नाबालिग बच्चों की सुरक्षित वापसी की सुविधा के लिए सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि अगर उनकी पत्नी पर अनुचित प्रभाव डालकर उसके परिवार ने वहां रखा है, तो उनकी पत्नी की भी वापसी सुनिश्चित की जाए. उच्च न्यायालय ने पिछले महीने केंद्रीय विदेश मंत्रालय (Union Ministry of External Affairs) को याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया था और विदेश मंत्रालय के मुख्य पासपोर्ट और वीजा (सीपीवी) कार्यालय के एक अधिकारी को नाडियाडवाला से मिलने का भी निर्देश दिया था.
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नाडियाडवाला (Mushtaq Nadiadwala) के वकील बेनी चटर्जी ने सोमवार को पीठ को बताया कि सीपीवी के संयुक्त सचिव को एक ईमेल भेजा गया था, जिन्होंने जवाब दिया कि यह मामला विदेश मंत्रालय के प्रवासी भारतीय मामलों के विभाग के दायरे में आता है. चटर्जी ने कहा कि ‘याचिकाकर्ता ने सितंबर में इस विभाग को एक मेल किया था, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है.’ विदेश मंत्रालय की ओर से पेश अधिवक्ता आशीष चव्हाण ने निर्देश प्राप्त करने के लिए और समय मांगा.
पीठ ने तब कहा कि विदेश मंत्रालय को इस मामले को ‘विरोधात्मक’ नहीं मानना चाहिए और सहयोग करना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस मुद्दे का समाधान हो. हाईकोर्ट ने कहा कि संबंधित अधिकारी ने याचिकाकर्ता को जवाब क्यों नहीं दिया? उन्हें (याचिकाकर्ता को) विदेश मंत्रालय के भीतर ही दर-दर भटकने के लिए मजबूर नहीं करें। पीठ ने यह भी कहा कि बस, फोन उठाएं और संबंधित अधिकारी से बात करें और उन्हें कुछ कदम उठाने के लिए कहें और पता करें कि बच्चे कहां हैं.
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न्यायमूर्ति डेरे ने कहा कि कम से कम कुछ संपर्क नंबर या ईमेल का पता लगाएं ताकि याचिकाकर्ता (नाडियाडवाला) और उनके बच्चों के बीच संवाद हो. पीठ ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 21 सितंबर तय करते हुए विदेश मंत्रालय को याचिका का जवाब देने और उचित कदम उठाने का निर्देश दिया. नाडियाडवाला ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि उनके बच्चों को उनकी पत्नी मरियम चौधरी और उनके परिवार ने पाकिस्तान में अवैध रूप से बंधक बना कर रखा है. उन्होंने दावा किया कि उनकी पत्नी ने भारत लौटने से इनकार कर दिया है और उनसे अलग होने का कोई भी उचित कारण बताने से भी मना कर दिया है.
याचिका के अनुसार नाडियाडवाला ने अप्रैल 2012 में पाकिस्तान में मरियम चौधरी (Mushtaq Nadiadwala Wife Maryam Choudhary) से शादी की जिसके बाद वह भारत आ गईं और भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया. दंपति के दो बच्चे हैं, जिसके बाद नवंबर 2020 में चौधरी भारत छोड़कर दोनों बच्चों के साथ पाकिस्तान चली गईं. फरवरी 2021 में उन्होंने लाहौर में एक संरक्षण याचिका दायर की, जिसमें दोनों बच्चों का वैध अभिभावक तय करने का अनुरोध किया गया था, जिसे वहां की अदालत ने स्वीकार कर लिया.
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नाडियाडवाला ने अपनी याचिका में दावा किया कि या तो चौधरी को गुमराह किया गया है या उन्हें पाकिस्तान में रहने के लिए मजबूर किया गया है. याचिका में कहा गया है कि पाकिस्तान में बच्चों को अवैध रूप से बंधक बना कर रखना न केवल दोनों देशों के आव्रजन कानूनों का घोर अपमान है, बल्कि मुख्य रूप से बच्चों के हित के उलट और उनके पालन-पोषण के विपरीत है. नाडियाडवाला ने यह भी कहा कि उनकी पत्नी के परिवार के सदस्य पाकिस्तान में प्रभावशाली लोग हैं.
(पीटीआई-भाषा)