चेन्नई : कोरोना वैक्सीन की बर्बादी के मामले में तमिलनाडु का नाम पहले स्थान पर आने से जुड़ी एक रिपाेर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भास्कर ने लोगों से अपील की कि वे इस मुद्दे काे ज्यादा तुल न दें यह काेई बड़ा मुद्दा नहीं है.
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में कोरोना टीकाकरण की 10 लाख खुराकें अभी उपलब्ध हैं.
विजय भास्कर ने कहा कि केंद्र सरकार से वैक्सीन की छह लाख खुराकें खरीदी गई हैं, टीके की एक लाख खुराकें 18 अप्रैल को राज्य काे मिली हैं.
बता दें कि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत केंद्र सरकार से मिली रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ने ये बातें कहीं. इस रिपाेर्ट पर राज्यभर के डॉक्टरों और जनता ने आश्चर्य जताते हुए सवाल खड़े किए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में बर्बाद हुए कोरोना वैक्सीन की 44 लाख खुराक में से तमिलनाडु के 12.10 प्रतिशत मामले हैं. इस पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की खुराकें जल्द ही उन जिलों में भेजी जाएंगी, जहां इसकी कमी देखने काे मिल रही है.
वहीं मेडिकल एसोसिएशन फॉर सोशल इक्वालिटी के महासचिव रवींद्रनाथ ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसके लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. केंद्र सरकार ने कहा कि सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मचारी टीका लगवाएं. इसकी वजह लोग टीकाकरण अभियान से दूर हाे गए इसलिए बहुत सारी खुराक बर्बाद हो गई.
प्रमुख स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा कि कोविड के टीके की बर्बादी काे ज्यादा तुल नहीं देना चाहिए. उन्हाेंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि 10 टीकें उपलब्ध हैं और केवल छह लाेग टीकें लेते हैं. शेष चार टीकें कोई लेने वाला काेई नहीं ताे वे बर्बाद हो जाते हैं.
इस साल 16 जनवरी को देश में टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था. इसके तहत लाेगाें काे वैक्सीन दी जा रही है.