लखनऊ : परिवहन विभाग अब 16 साल से ऊपर की आयु के युवाओं के ड्राइविंग लाइसेंस फिर से जारी करने की तैयारी कर रहा है. डेढ़ से दो दशक पहले ही 50 सीसी इंजन तक की क्षमता वाले वाहन कंपनियों ने मैनुफैक्चर करना बंद कर दिया है. जिससे परिवहन विभाग ने 16 साल से 18 साल के बीच बनने वाले ड्राइविंग लाइसेंस पर भी रोक लगा दी थी. अब युवा नाॅन गियर इलेक्ट्रिक वाहन चला रहे हैं जो 50 सीसी क्षमता के हैं, जबकि उनके पास डीएल नहीं है. ऐसे में अब उनका ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जा सकता है. मोटर व्हीकल एक्ट में इतनी कम क्षमता वाले वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का प्राविधान है. राजधानी समेत देशभर में अब कम उम्र के किशोर गाड़ी चला रहे हैं. उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री का कहना है कि 'फिर से परिवहन विभाग में 16 साल की उम्र के किशोरों के लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था शुरू की जाएगी. जब 18 साल के हो जाएंगे तब ड्राइविंग लाइसेंस गियर वाला बन जाएगा, तब तक नाबालिग नॉन गियर गाड़ी चला सकेंगे.' परिवहन मंत्री का तर्क है कि कम उम्र के बच्चे अभी बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चला रहे हैं तो ड्राइविंग लाइसेंस भी उनके पास होना ही चाहिए, इसलिए 16 से 18 साल की उम्र वाले लाइसेंस परिवहन विभाग जारी करेगा.
18 साल से कम उम्र के किशोरों के लिए खुशखबरी है. अब 16 से 18 साल की उम्र वाले नाबालिग भी ड्राइविंग लाइसेंस लेकर गाड़ी चला सकेंगे. उन्हें चेकिंग के दौरान डरने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि अगर इसी लाइसेंस पर गियर वाली गाड़ी या फिर 50 सीसी से ज्यादा इंजन क्षमता वाली गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाएंगे तो कार्रवाई भी होगी. उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने पिछले काफी वर्षों से बंद पड़ी 16 साल से 18 साल के बीच लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था को फिर से शुरू करने के लिए कहा है. परिवहन मंत्री का कहना है कि 'अब मार्केट में कई कंपनियों की नॉन गियर इलेक्ट्रिक गाड़ियां आ गई हैं. ऐसे में इन गाड़ियों को काफी संख्या में स्कूली बच्चे चला रहे हैं, लेकिन समस्या यही है कि उनके पास किसी तरह का कोई ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है जो बिल्कुल भी सही नहीं. ऐसे में अब नॉन गियर इलेक्ट्रिक गाड़ियों के 16 साल की उम्र वाले किशोरों के लिए भी लाइसेंस जारी किए जाएंगे.'
50 सीसी तक की इंजन क्षमता के लिए ही जारी होते थे डीएल : आखिर 16 से 18 साल की आयु वर्ग के लाइसेंस बनने बंद क्यों हुए? इस तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है. दरअसल, एक्ट में प्रावधान है कि 16 से 18 साल के नाबालिगों के लिए भी ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जा सकेंगे, लेकिन शर्त यह है कि ऐसी नॉन गियर बाइक की क्षमता 50 सीसी से कम होनी चाहिए. अगर इंजन की क्षमता 50 सीसी से ऊपर है तो यह ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं किए जा सकते थे. 50 सीसी इंजन क्षमता की बाइक होने पर आरटीओ कार्यालय से ड्राइविंग लाइसेंस माता-पिता के शपथ पत्र के साथ बच्चे के लिए जारी किया जाता रहा है.
इसलिए बंद हुई थी यह व्यवस्था : 16 साल से ऊपर और 18 साल से कम आयु के युवाओं के लिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था बंद इसलिए हुई क्योंकि कंपनियों ने 50 सीसी इंजन क्षमता के वाहन बनाने ही बंद कर दिए. जब वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग बंद हो गई तो फिर 16 साल की उम्र के ड्राइविंग लाइसेंस भी जारी करने परिवहन विभाग की तरफ से बंद कर दिए गए. डेढ़ से दो दशक हुए जब कंपनियों ने 50 सीसी से कम क्षमता वाले वाहनों का निर्माण बंद कर दिया. लिहाजा, ड्राइविंग लाइसेंस भी बंद कर दिए गए. पहले कई कंपनियों की गाड़ियां 50 सीसी तक की श्रेणी में आती थीं, लेकिन लगभग 20 साल पहले बंद हो चुकी हैं.
नॉन गियर इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इंजन 50 सीसी क्षमता तक का है. ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को देखते हुए ही अब फिर से 16 से 18 साल की उम्र तक के युवा के लिए लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था शुरू करने की तैयारी हो रही है. इस ड्राइविंग लाइसेंस पर 50 सीसी से ऊपर की क्षमता वाले वाहन संचालित करने का किशोरों को कोई अधिकार नहीं होगा. जब वे 18 साल के पूरे हो जाएंगे तब ड्राइविंग लाइसेंस जारी होगा जो गियर वाला होगा. इसके बाद वे 50 सीसी से ऊपर की इंजन क्षमता वाले वाहन भी चला सकेंगे.