मुंबई : सिकंदराबाद से गिरफ्तार किया गया लेफ्टिनेंट कर्नल स्तर का एक अधिकारी सेना भर्ती प्रश्नपत्र लीक मामले में मुख्य दोषी था. जांचकर्ताओं ने मंगलवार को यहां यह दावा किया.
गिरफ्तारी के एक दिन बाद एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल भगतप्रीत सिंह बेदी (44) ने प्रश्नपत्र लीक किए थे.
बेदी 28 फरवरी को होने वाली 'सेना संबंधी भर्ती परीक्षा' के लिए स्थानीय केंद्र के लिहाज से प्रश्नपत्रों की छपाई के लिए जिम्मेदार थे.
सैन्य कर्मियों के करीबी रिश्तेदारों के लिए होने वाली परीक्षा देश में अनेक केंद्रों पर होनी थी, लेकिन प्रश्नपत्र के लीक होने की बात सामने आने पर परीक्षा निरस्त कर दी गई.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विट्ठल पाटिल ने कहा, जांच में पता चला कि वह (बेदी) एओसी केंद्र सिकंदराबाद में परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र की छपाई के प्रभारी था और उसने इसे लीक कर दिया.
उन्होंने कहा कि सहायक पुलिस निरीक्षक शिरीष भालेराव, पुलिसकर्मी अतुल साठे और प्रवीण राजपूत के दल ने उसे सिकंदराबाद से हिरासत में लिया.
इससे पहले उनके सहयोगी वीरप्रसाद नारनेपति (41) को गिरफ्तार किया गया था जो दिल्ली में आयुध डिपो में स्टोर कीपर के रूप में तैनात थे.
अभी तक मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
प्रक्रिया के अनुसार परीक्षा से ऐन पहले हर केंद्र को एक सुरक्षित लिंक फॉर्म भेजा जाता है जिससे प्रश्नपत्र डाउनलोड किया जाता है और छापा जाता है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया, छपाई के दौरान बेदी ने एक प्रति हासिल कर ली और सुनिश्चित किया कि सीसीटीवी कैमरों में उनकी तस्वीर कैद नहीं हो. उसने इसे नारनेपति को भेज दिया जो सिकंदराबाद के एक होटल में ठहरा था.
पढ़ें :- सेना भर्ती प्रश्नपत्र लीक मामला: पुणे पुलिस ने एक और मेजर को किया गिरफ्तार
नारनेपति ने प्रश्नपत्र नरसिंह राव नामक व्यक्ति को भेजा जिसने इसे पवन को भेज दिया.
पवन ने प्रश्नपत्र को कथित रूप से मेजर रैंक के अधिकारी विकास किलारी को भेजा जिन्होंने इसे मेजर रैंक के एक अन्य अधिकारी टी मुरुगन थंगवेलू को भेजा.
किलारी और थंगवेलू को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
प्रश्नपत्र को कुछ अभ्यर्थियों को बेच दिया गया था.
सहायक सरकारी अभियोजक प्रेमकुमार अग्रवाल ने कहा कि बेदी को मंगलवार को पुणे में एक अदालत में पेश किया गया और जहां से उसे 25 मई तक की हिरासत में भेज दिया गया.