नई दिल्ली/श्रीनगर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू और कश्मीर में गुरुवार को विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों और उनके सहयोगियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के पांच ठीकानों की तलाशी ली है. इन अपने पाकिस्तानी कमांडरों के इशारे पर छद्म नामों के तहत काम करने का आरोप है. ये लोग घाटी में आतंकवादी और विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने की आपराधिक साजिश के लिए सक्रिय हैं.
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National Investigation Agency is conducting raids at multiple places in Jammu and Kashmir in a terror conspiracy case. pic.twitter.com/lM66ogFlDd
— ANI (@ANI) July 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) July 20, 2023National Investigation Agency is conducting raids at multiple places in Jammu and Kashmir in a terror conspiracy case. pic.twitter.com/lM66ogFlDd
— ANI (@ANI) July 20, 2023
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि क्षिण कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपोरा और शोपियां में और साथ ही उत्तरी कश्मीर के बारामूला और सोपोर में छापेमारी की जा रही है. सूत्रों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तान समर्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की नई शाखाओं के खिलाफ छापेमारी अभी भी जारी है.
एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि जिन आवासीय परिसरों पर छापेमारी की जा रही है, वे कई प्रतिबंधित कश्मीरी आतंकवादी संगठनों की नवगठित शाखाओं और सहयोगियों से संबंधित हैं. इन स्थानों से हाइब्रिड आतंकवादियों और ओजीडब्ल्यू तैयार किये जाने की गुप्त सूचना है.
इन सभी कैडरों और कार्यकर्ताओं की जम्मू-कश्मीर में आतंक, हिंसा और तोड़फोड़ से संबंधित गतिविधियों के लिए जांच की जा रही है. एनआईए को चिपचिपे बम, चुंबकीय बम, तात्कालिक विस्फोटक उपकरण, धन, मादक पदार्थ और हथियार और गोला-बारूद के संग्रह और वितरण में उनकी संलिप्तता का संदेह है. इस मामले में 15 दिनों के भीतर एनआईए की यह दूसरी छापेमारी है. एजेंसी ने 11 जुलाई को दक्षिण कश्मीर में पांच स्थानों पर छापेमारी की थी. एनआईए ने पहले जिन स्थानों की तलाशी ली, उनमें कश्मीर घाटी के तीन जिले अनंतनाग, शोपियां और पुलवामा शामिल हैं. इसके कारण बड़े पैमाने पर आपत्तिजनक डेटा वाले कई डिजिटल उपकरणों को जब्त किया गया था.
जम्मू-कश्मीर आतंकी साजिश का मामला पिछले साल 21 जून को एनआईए की ओर से स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किया गया था. एनआईए के अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान समर्थित संगठन जम्मू-कश्मीर में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भूमिगत कार्यकर्ताओं को संगठित करने में भी लगे हुए हैं.
एनआईए की जांच के अनुसार, साजिश के पीछे पाक स्थित गुर्गे लोगों के बीच आतंक फैलाने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग कर रहे थे. वे कश्मीर घाटी में अपने एजेंटों और कैडरों को हथियार और गोला-बारूद, विस्फोटक और नशीले पदार्थ पहुंचाने के लिए ड्रोन का भी उपयोग कर रहे थे.