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महाराष्ट्र: लॉकडाउन के भय से गांव लौटते प्रवासी मजदूर

महाराष्ट्र में लॉकडाउन की आहट से एक बार फिर प्रवासी मजदूर गांव लौटने को मजबूर हैं. मुंबई के रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर मजदूरों की भारी भीड़ उमड़ने लगी है. प्रवासी मजदूरों को पिछली बार की तरह इस बार भी लॉकडाउन का डर सता रहा है, जिसके चलते वे समय रहते अपने गांव पहुंचना चाहते हैं. लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन पर भी यही हाल देखने को मिला.

लॉकडाउन
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Published : Apr 14, 2021, 2:18 PM IST

मुंबई : कोविड-19 के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार द्वारा सार्वजनिक आवागमन पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के एक दिन बाद बुधवार को लंबी दूरी की ट्रेन पकड़ने के लिए लोकमान्य तिलक टर्मिनस के बाहर कई लोग एकत्र हो गए. इस दौरान मध्य रेलवे ने लोगों से परेशान नहीं होने और रेलवे स्टेशन पर भीड़ नहीं लगाने की अपील की है. वहीं, रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेलवे पुलिस ने लोकमान्य तिलक टर्मिनस के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात भी किया.

लोकमान्य तिलक टर्मिनस के बाहर लोग एकत्र

कोविड-19 की अप्रत्याशित लहर से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को अगले 15 दिन के लिए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बुधवार रात आठ बजे से एक मई सुबह सात बजे तक पाबंदियां जारी रहेंगी.

पढ़ें- देश में कोरोना के 1.84 लाख से अधिक केस, 24 घंटे में मौत का आंकड़ा 1000 पार

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि इस दौरान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू रहेगी. मध्य रेलवे के मुख्य जनसपंर्क अधिकारी शिवाजी ने कहा कि लोगों को घबराना नहीं चाहिए और रेलवे स्टेशन पर भीड़ नहीं लगानी चाहिए. उन्होंने कहा, केवल उन यात्रियों को विशेष ट्रेन पर चढ़ने की अनुमति है, जिनके पास पहले से आरक्षित टिकट है और उन्हें ट्रेन के खुलने के समय से डेढ़ घंटा पहले स्टेशन पर पहुंचना होगा.

उन्होंने कहा कि मध्य रेलवे ट्रेनों की प्रतीक्षा सूची और किसी खास गंतव्य स्थान के लिए टिकट की मांग पर लगातार नजर रख रहा है.

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले शिवम पांडे ने बताया कि वे पिछले साल हुए बंद के दौरान होने वाले दर्द से वह वापस नहीं गुजरना चाहते. अब जब कर्फ्यू लगा दिया गया है, तो हम यहां क्या करेंगे? हम क्या खाएंगे? शहर छोड़ना मजबूरी है, क्योंकि हम उस दर्द से वापस नहीं गुजरना चाहते हैं, जो हमने लॉकडाउन के दौरान सहन किया था.

देश ने पिछले साल मार्च के अंतिम सप्ताह में राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के बाद प्रवासी मजदूरों और श्रमिकों का एक बड़ा आंदोलन देखा था. राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के कारण शहरों से प्रवासी मज़दूरों का पलायन उनके मूल स्थानों की ओर हो रहा था.

पढ़ें-उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना संक्रमित

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीते मंगलवार को बढ़ते कोविड-19 ​​मामलों के मद्देनजर धारा-144 लागू करने सहित राज्य में एक मई तक कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. नए दिशानिर्देशों के अनुसार, राज्य में सभी प्रतिष्ठान, सार्वजनिक स्थान, गतिविधियां बंद रहेंगी. केवल आवश्यक सेवाओं को छूट दी जाएगी और उनके संचालन को अप्रतिबंधित किया जाएगा.

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सिनेमा हॉल, थिएटर, ऑडिटोरियम, मनोरंजन पार्क, जिम, खेल परिसर राज्य में धारा- 144 लागू होने तक बंद रहेंगे. महाराष्ट्र में रात आठ बजे से 14 अप्रैल तक सुबह सात बजे तक सब स्थगित रहेगा.

महाराष्ट्र ने पिछले 24 घंटों में 60,212 नये कोविड-19 मामले दर्ज किए थे. मुंबई में पिछले 24 घंटों में 7,898 नए मामले और 26 मौतें हुईं, जबकि नागपुर जिले में मंगलवार को 6826 नये कोरोना मामले सामने आए, वहीं 65 मौतें हुई.

मुंबई : कोविड-19 के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार द्वारा सार्वजनिक आवागमन पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के एक दिन बाद बुधवार को लंबी दूरी की ट्रेन पकड़ने के लिए लोकमान्य तिलक टर्मिनस के बाहर कई लोग एकत्र हो गए. इस दौरान मध्य रेलवे ने लोगों से परेशान नहीं होने और रेलवे स्टेशन पर भीड़ नहीं लगाने की अपील की है. वहीं, रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेलवे पुलिस ने लोकमान्य तिलक टर्मिनस के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात भी किया.

लोकमान्य तिलक टर्मिनस के बाहर लोग एकत्र

कोविड-19 की अप्रत्याशित लहर से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को अगले 15 दिन के लिए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बुधवार रात आठ बजे से एक मई सुबह सात बजे तक पाबंदियां जारी रहेंगी.

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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि इस दौरान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू रहेगी. मध्य रेलवे के मुख्य जनसपंर्क अधिकारी शिवाजी ने कहा कि लोगों को घबराना नहीं चाहिए और रेलवे स्टेशन पर भीड़ नहीं लगानी चाहिए. उन्होंने कहा, केवल उन यात्रियों को विशेष ट्रेन पर चढ़ने की अनुमति है, जिनके पास पहले से आरक्षित टिकट है और उन्हें ट्रेन के खुलने के समय से डेढ़ घंटा पहले स्टेशन पर पहुंचना होगा.

उन्होंने कहा कि मध्य रेलवे ट्रेनों की प्रतीक्षा सूची और किसी खास गंतव्य स्थान के लिए टिकट की मांग पर लगातार नजर रख रहा है.

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले शिवम पांडे ने बताया कि वे पिछले साल हुए बंद के दौरान होने वाले दर्द से वह वापस नहीं गुजरना चाहते. अब जब कर्फ्यू लगा दिया गया है, तो हम यहां क्या करेंगे? हम क्या खाएंगे? शहर छोड़ना मजबूरी है, क्योंकि हम उस दर्द से वापस नहीं गुजरना चाहते हैं, जो हमने लॉकडाउन के दौरान सहन किया था.

देश ने पिछले साल मार्च के अंतिम सप्ताह में राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के बाद प्रवासी मजदूरों और श्रमिकों का एक बड़ा आंदोलन देखा था. राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के कारण शहरों से प्रवासी मज़दूरों का पलायन उनके मूल स्थानों की ओर हो रहा था.

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीते मंगलवार को बढ़ते कोविड-19 ​​मामलों के मद्देनजर धारा-144 लागू करने सहित राज्य में एक मई तक कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. नए दिशानिर्देशों के अनुसार, राज्य में सभी प्रतिष्ठान, सार्वजनिक स्थान, गतिविधियां बंद रहेंगी. केवल आवश्यक सेवाओं को छूट दी जाएगी और उनके संचालन को अप्रतिबंधित किया जाएगा.

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सिनेमा हॉल, थिएटर, ऑडिटोरियम, मनोरंजन पार्क, जिम, खेल परिसर राज्य में धारा- 144 लागू होने तक बंद रहेंगे. महाराष्ट्र में रात आठ बजे से 14 अप्रैल तक सुबह सात बजे तक सब स्थगित रहेगा.

महाराष्ट्र ने पिछले 24 घंटों में 60,212 नये कोविड-19 मामले दर्ज किए थे. मुंबई में पिछले 24 घंटों में 7,898 नए मामले और 26 मौतें हुईं, जबकि नागपुर जिले में मंगलवार को 6826 नये कोरोना मामले सामने आए, वहीं 65 मौतें हुई.

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