नई दिल्ली : कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress chief Mallikarjun Kharge) पंजाब के विधायक सुखपाल सिंह खैरा की गिरफ्तारी से नाराज हैं और उन्होंने राज्य इकाई से इस मामले को कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ने के लिए कहा है.
पुराने ड्रग्स मामले में बोलाथ विधायक खैरा की गिरफ्तारी ने पार्टी के पुराने नेताओं को नाराज कर दिया है. जो इस कार्रवाई को सत्तारूढ़ AAP द्वारा 'राजनीतिक कार्रवाई' के रूप में देख रहे हैं. यह ऐसे समय हो रहा है जब दोनों दल 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए इंडिया गठबंधन के हिस्से के रूप में एक समझौते की तलाश कर रहे हैं.
नतीजतन, खड़गे ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर राजा बराड़ और सीएलपी नेता प्रताप सिंह बाजवा से मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिन्होंने आप सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध की रणनीति तैयार करने के लिए 3 अक्टूबर को सभी नेताओं और विधायकों की एक बैठक बुलाई है (Cong Slams Punjab Aap Govt).
सीडब्ल्यूसी सदस्य सैयद नसीर हुसैन ने ईटीवी भारत को बताया, 'देखिए, हम दो अलग-अलग पार्टियां हैं. वहां एक चुनी हुई राज्य सरकार है और उसे काम करना है. लोगों पर पुराने मुकदमे हैं. अगर आपको गठबंधन की जरूरत है तो संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश नहीं की जा सकती. लेकिन क्या हुआ है यह जानने के लिए आपको मुद्दे की तह तक जाना होगा. एक पार्टी के रूप में हमें यह जानने की जरूरत है कि वास्तव में क्या हुआ.'
पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भारत भूषण आशु के अनुसार, बराड़ और बाजवा दोनों ने खड़गे को खैरा की गिरफ्तारी और राज्य में इसके संभावित नतीजों के बारे में जानकारी दी है.
भारत भूषण आशु ने ईटीवी भारत को बताया कि 'दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर खड़गेजी और एआईसीसी के संगठन प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल से बात की है. जहां हमारी कानूनी टीम इस मामले को अदालत में लड़ेगी, वहीं हमें राजनीतिक प्रतिक्रिया भी देनी होगी. हमने 3 अक्टूबर को चंडीगढ़ में सभी वरिष्ठ नेताओं और विधायकों की बैठक बुलाई है. हम राज्यव्यापी विरोध की योजना बनाएंगे. पूरी पार्टी खैरा के साथ खड़ी है.'
आशु ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों पर बैकफुट पर है और खैरा की गिरफ्तारी आप की विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने का एक प्रयास है.
आशु ने कहा कि 'प्रदेश में एकाएक बहुत सारे मामले घटित हो गए. खैरा ने आप नेता राघव चड्ढा की शादी में हुए खर्च को लेकर सवाल उठाए. हमने राज्य के खजाने को 50,000 करोड़ रुपये के नुकसान के बारे में सवाल उठाया क्योंकि राज्य सरकार रेत खनन से 20,000 करोड़ रुपये और भ्रष्टाचार को रोककर 34,000 करोड़ रुपये का राजस्व लाने में विफल रही. फिर आप नेताओं के निशाने पर रहे तरनतारन के एसएसपी का अचानक ट्रांसफर और मुक्तसर के एक वकील पर हमले का मामला सामने आया. इसलिए, राज्य सरकार काफी परेशान थी और अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए हमारे विधायक को एक पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया. अब कोई भी उन मुद्दों पर बात नहीं कर रहा है जो हम उठा रहे थे, केवल खैरा मुद्दे पर चर्चा हो रही है.'
पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि अतीत में आप सरकार ने स्वयं सहित पार्टी के कई नेताओं को झूठे मामलों में गिरफ्तार किया था. आशु ने कहा कि 'तरुण सूद, ओपी सोनी, कुशलदीप ढिल्लों और मेरे सहित कई अन्य लोगों को पहले भी झूठे मामलों में गिरफ्तार किया गया है. खैरा को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वह राज्य सरकार पर सवाल उठा रहे थे. खैरा ने कुछ भी गलत नहीं किया है. इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान इसी मामले में खैरा का बचाव करते थे क्योंकि दोनों आम आदमी पार्टी में थे. अब खैरा के कांग्रेस में होने से हालात बदल गए हैं.'