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सोशल मीडिया पोस्ट की निगरानी करेगा गृह मंत्रालय का CTCR डिवीजन - Counter Terror and Counter Radicalization

सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित होने वाले संवेदनशील और फर्जी मैसेज पर अब से गृह मंत्रालय के काउंटर टेरर एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (CTCR) डिवीजन की कड़ी नजर रहेगी. पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें, ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की ये रिपोर्ट

गृह मंत्रालय
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Published : Jul 6, 2022, 10:26 PM IST

नई दिल्ली : उदयपुर और अमरावती में दो लोगों की हत्या के बाद गृह मंत्रालय (MHA) के काउंटर टेरर एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (CTCR) डिवीजन ने लोगों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर कड़ी नजर रखना शुरू कर दिया है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि CTCR डिवीजन सभी संदिग्ध सोशल मीडिया गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रख रहा है. अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से प्रसारित किए जा रहे नफरत फैलाने वाले और फर्जी संदेशों पर ध्यान दिया जा रहा है."

गृह मंत्रालय के CTCR डिवीजन में MHA, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारी शामिल हैं, जिसका नेतृत्व संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी करते हैं. CTCR डिवीजन के बेहतर परिणाम के लिए, इसे पांच वर्गों में विभाजित किया गया है, जिसमें काउंटर टेररिज्म (CT-1), NIA, CT- 2, कॉम्बैटिंग फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म (CFT) और मॉनिटरिंग ऑफ फंडामेंटलिस्ट्स ऑर्गनाइजेशन (MFO) शामिल हैं.

इधर, NIA ने उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल और अमरावती के केमिस्ट उमेश कोल्हे हत्याकांड की अपनी जांच तेज कर दी है. उदयपुर में 28 जून को कन्हैया लाल की बेरहमी से हत्या हुई थी, जबकि अमरावती में 21 जून को कोल्हे की हत्या कर दी गई थी. NIA की टीम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या दोनों घटनाओं में कोई संभावित संबंध है. जांच एजेंसी पहले ही आरोपियों के मोबाइल फोन सहित बरामद दस्तावेज साइबर और फोरेंसिक टीम को भेज चुकी है. जांच प्रक्रिया की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया, "हम सोशल मीडिया पोस्ट और आरोपी के चैटिंग हिस्ट्री का विवरण हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं."

जांच एजेंसी को "ब्लैक फ्रीडम ग्रुप" नाम का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी मिला है, जो कोल्हे की हत्या से जुड़ा है. प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चला कि कोल्हे ने पहले नूपुर शर्मा के विवादास्पद बयान का समर्थन करते हुए अपनी पोस्ट को शेयर किया जो बाद में वायरल हो गया. इस ग्रुप में विभिन्न समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले कई सदस्य हैं.

इस बीच, एनआईए ने बताया कि जांच एजेंसी ने बुधवार को कोल्हे की हत्या के बाद महाराष्ट्र के अमरावती जिले में 13 अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ली. मामला शुरू में 22 जून को अमरावती के कोतवाली शहर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी संख्या 0306/2022 के रूप में दर्ज किया गया था, जिसे बाद में NIA ने फिर से दर्ज किया था. NIA ने कहा कि आरोपी और संदिग्धों के अड़्डों में आज की गई तलाशी के दौरान डिजिटल डिवाइस जैसे मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड, डीवीआर, नफरत फैलाने वाले पैम्फलेट, चाकू और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्रियां जब्त की गई है.

नई दिल्ली : उदयपुर और अमरावती में दो लोगों की हत्या के बाद गृह मंत्रालय (MHA) के काउंटर टेरर एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (CTCR) डिवीजन ने लोगों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर कड़ी नजर रखना शुरू कर दिया है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि CTCR डिवीजन सभी संदिग्ध सोशल मीडिया गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रख रहा है. अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से प्रसारित किए जा रहे नफरत फैलाने वाले और फर्जी संदेशों पर ध्यान दिया जा रहा है."

गृह मंत्रालय के CTCR डिवीजन में MHA, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारी शामिल हैं, जिसका नेतृत्व संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी करते हैं. CTCR डिवीजन के बेहतर परिणाम के लिए, इसे पांच वर्गों में विभाजित किया गया है, जिसमें काउंटर टेररिज्म (CT-1), NIA, CT- 2, कॉम्बैटिंग फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म (CFT) और मॉनिटरिंग ऑफ फंडामेंटलिस्ट्स ऑर्गनाइजेशन (MFO) शामिल हैं.

इधर, NIA ने उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल और अमरावती के केमिस्ट उमेश कोल्हे हत्याकांड की अपनी जांच तेज कर दी है. उदयपुर में 28 जून को कन्हैया लाल की बेरहमी से हत्या हुई थी, जबकि अमरावती में 21 जून को कोल्हे की हत्या कर दी गई थी. NIA की टीम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या दोनों घटनाओं में कोई संभावित संबंध है. जांच एजेंसी पहले ही आरोपियों के मोबाइल फोन सहित बरामद दस्तावेज साइबर और फोरेंसिक टीम को भेज चुकी है. जांच प्रक्रिया की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया, "हम सोशल मीडिया पोस्ट और आरोपी के चैटिंग हिस्ट्री का विवरण हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं."

जांच एजेंसी को "ब्लैक फ्रीडम ग्रुप" नाम का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी मिला है, जो कोल्हे की हत्या से जुड़ा है. प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चला कि कोल्हे ने पहले नूपुर शर्मा के विवादास्पद बयान का समर्थन करते हुए अपनी पोस्ट को शेयर किया जो बाद में वायरल हो गया. इस ग्रुप में विभिन्न समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले कई सदस्य हैं.

इस बीच, एनआईए ने बताया कि जांच एजेंसी ने बुधवार को कोल्हे की हत्या के बाद महाराष्ट्र के अमरावती जिले में 13 अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ली. मामला शुरू में 22 जून को अमरावती के कोतवाली शहर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी संख्या 0306/2022 के रूप में दर्ज किया गया था, जिसे बाद में NIA ने फिर से दर्ज किया था. NIA ने कहा कि आरोपी और संदिग्धों के अड़्डों में आज की गई तलाशी के दौरान डिजिटल डिवाइस जैसे मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड, डीवीआर, नफरत फैलाने वाले पैम्फलेट, चाकू और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्रियां जब्त की गई है.

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