नई दिल्ली : पुलिस की सेवा संबंधी शिकायतों का समाधान करने तथा ग्रामीणों तक पुलिस सेवा आसानी और तेजी से पहुंचाने उद्देश्य से, गृह मंत्रालय ने राज्य पुलिस बल तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) को स्वागत प्लस कार्यक्रम को शुरू करने को कहा है. ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरएंडडी) द्वारा प्रस्तुत स्वागत प्लस कार्यक्रम का उद्देश्य पुलिस बल के प्रमुख को जोड़ने वाले ऑनलाइन सार्वजनिक पोर्टल और वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आम नागरिकों को सशक्त बनाना है.
कार्यक्रम का उद्देश्य : यह देखा गया है कि राज्य पुलिस बल के शीर्ष पदाधिकारी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के प्रमुख बड़ी संख्या में शिकायतों को निवारण नहीं कर पाते हैं. इसके अलावा, नागरिकों को अपनी नियमित शिकायतों के लिए विभाग के प्रमुख के पास आना पड़ता है, जबकि ये शिकायतें उसी स्तर पर समाधान होना चाहिए, जहां वे संबंधित हैं. वहीं, प्रशासन के सभी स्तरों विशेषकर स्थानीय स्तरों पर जवाबदेही की जिम्मेदारी भी होती है.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग से शिकायतों का त्वरित समाधान करना है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अधिकारी शिकायतकर्ताओं की शिकायतें सुनेंगे तथा उनका समाधान निकालेंगे. इसके माध्यम से लंबे समय से लंबित शिकायतों को हल करने के लिए तात्कालिकता की भावना पैदा होगी. स्वागत कार्यक्रम के तहत हर स्तर पर समाधान की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जाएगा.
कार्यक्रम की विशेषताएं : स्वागत प्लस कार्यक्रम के तहत गुमनाम शिकायतें फिल्टर तो होंगी ही, साथ ही फालतू और झूठी शिकायतें भी तुरंत पता चल जाएंगी. इस कार्यक्रम में उच्च स्तर पर प्राप्त शिकायतों के समाधान पर प्रतिक्रिया के लिए एसपी स्तर या पुलिस थाना स्तर पर उन्हें भेजा जाएगा. कार्यक्रम के तहत शिकायत लेकर आने वाले शिकायतकर्ताओं को अपनी पहचान सत्यापित करने के लिए आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे प्रमाण पत्र पेश करने होंगे.
कार्यान्वयन : स्वागत प्लस कार्यक्रम एक सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) आधारित है, जिसके लिए बुनियादी आईटी व्यवस्था की आवश्यकता होती है. गुजरात, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, केरल और अंडमान और निकोबार द्वीप जैसे राज्यों में इसी तरह के सार्वजनिक शिकायत समाधान विज्ञापन काम कर रहे हैं.