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तीन सालों में केंद्रीय बलों के 436 कर्मियों ने की आत्महत्या : सरकार

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि पिछले तीन सालों में सुरक्षा बलों के 436 कर्मियों के आत्महत्या के मामले दर्ज किये गए हैं. इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में 1 जनवरी 2023 तक 84,866 पद खाली हैं.

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Published : Mar 15, 2023, 7:35 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ), असम राइफल्स और एनएसजी के 436 कर्मियों ने पिछले तीन वर्षों में आत्महत्या की है. बुधवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय द्वारा इस बात की जानकारी दी गई है. सरकार का कहना है कि इसे रोकने के लिए विभिन्न स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में बताया कि सीएपीएफ, असम राइफल्स और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 3 वर्षों के दौरान 436 कर्मियों ने आत्महत्या की है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में 135, 2021 में 157 और 2020 में 144 कर्मियों ने आत्महत्या की है. नित्यानंद राय ने बताया कि सीएपीएफ, असम राइफल्स और एनएसजी के कार्मिकों द्वारा आत्महत्याओं की घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.

इसके तहत कार्मिकों के स्थानांतरण एवं अवकाश से संबंधित पारदर्शी नीतियां बनाना, किसी कार्मिक द्वारा कठिन क्षेत्र में सेवा करने के पश्चात यथासंभव उसकी पसंदीदा तैनाती पर विचार किया जाता है. इसके अलावा कर्मियों की शिकायतों का पता लगाने और उनका निराकरण करने के लिए सैनिकों के साथ अधिकारियों का नियमित संवाद, कार्य के घंटों को नियंत्रित करके पर्याप्त आराम एवं राहत सुनिश्चित करना, कुछ कठिन क्षेत्रों में तैनाती के दौरान पिछली तैनाती वाले स्थान पर (परिवार को रखने के लिए) सरकारी आवास को अपने पास रखने की सुविधा, बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना तथा साथ ही उनकी व्यक्तिगत एवं मनोवैज्ञानिक चिंताओं के निवारण के लिए विशेषज्ञों के साथ बातचीत का आयोजन करना आदि शामिल है. गौरतलब है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों या अर्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, असम राइफल्स और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड शामिल हैं. इन बलों की संयुक्त ताकत करीब 10 लाख है.

केंद्र ने पांच महीने में सीएपीएफ में की 31,785 कर्मियों की भर्ती, 84,866 पद हैं खाली

पिछले पांच महीनों में अर्धसैनिक बलों यानी सीएपीएफ में 31,785 कर्मियों की भर्ती की गई है. वहीं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में स्वीकृत पदों की कुल संख्या 10,05,520 है, जबकि 1 जनवरी 2023 तक 84,866 पद खाली हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में ये जानकारी दी है. गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स में 84 हजार से ज्यादा पद अभी भी रिक्त हैं. आंकड़ों के मुताबिक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स में 01-01-2023 की स्थिति के अनुसार कुल 10,05,520 पद स्वीकृत हैं. इनमें से 84,866 पद रिक्त है. रिक्त पदों में सीआरपीएफ में 29,283, बीएसएफ में 19,987, सीआईएसएफ में 19,475, एसएसबी में 8,273, असम राइफल्स में 3,706 और आईटीबीपी में 4,142 पद खाली हैं. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि सीएपीएफ में रिक्तियां सेवानिवृत्ति, इस्तीफे, पदोन्नति, मृत्यु, बटालियन के नए गठन, नए पदों के सृजन आदि के कारण उत्पन्न होती हैं. उन्होंने राज्यसभा में बताया कि पिछले पांच महीनों में सीएपीएफ में 31,785 कर्मियों की भर्ती की गई है. वहीं दूसरी तरफ इन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में चिकित्सकों के 247 और नर्सों और अन्य चिकित्सा पेशेवरों के कुल 2354 पद भी रिक्त हैं.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ), असम राइफल्स और एनएसजी के 436 कर्मियों ने पिछले तीन वर्षों में आत्महत्या की है. बुधवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय द्वारा इस बात की जानकारी दी गई है. सरकार का कहना है कि इसे रोकने के लिए विभिन्न स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में बताया कि सीएपीएफ, असम राइफल्स और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 3 वर्षों के दौरान 436 कर्मियों ने आत्महत्या की है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में 135, 2021 में 157 और 2020 में 144 कर्मियों ने आत्महत्या की है. नित्यानंद राय ने बताया कि सीएपीएफ, असम राइफल्स और एनएसजी के कार्मिकों द्वारा आत्महत्याओं की घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.

इसके तहत कार्मिकों के स्थानांतरण एवं अवकाश से संबंधित पारदर्शी नीतियां बनाना, किसी कार्मिक द्वारा कठिन क्षेत्र में सेवा करने के पश्चात यथासंभव उसकी पसंदीदा तैनाती पर विचार किया जाता है. इसके अलावा कर्मियों की शिकायतों का पता लगाने और उनका निराकरण करने के लिए सैनिकों के साथ अधिकारियों का नियमित संवाद, कार्य के घंटों को नियंत्रित करके पर्याप्त आराम एवं राहत सुनिश्चित करना, कुछ कठिन क्षेत्रों में तैनाती के दौरान पिछली तैनाती वाले स्थान पर (परिवार को रखने के लिए) सरकारी आवास को अपने पास रखने की सुविधा, बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना तथा साथ ही उनकी व्यक्तिगत एवं मनोवैज्ञानिक चिंताओं के निवारण के लिए विशेषज्ञों के साथ बातचीत का आयोजन करना आदि शामिल है. गौरतलब है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों या अर्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, असम राइफल्स और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड शामिल हैं. इन बलों की संयुक्त ताकत करीब 10 लाख है.

केंद्र ने पांच महीने में सीएपीएफ में की 31,785 कर्मियों की भर्ती, 84,866 पद हैं खाली

पिछले पांच महीनों में अर्धसैनिक बलों यानी सीएपीएफ में 31,785 कर्मियों की भर्ती की गई है. वहीं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में स्वीकृत पदों की कुल संख्या 10,05,520 है, जबकि 1 जनवरी 2023 तक 84,866 पद खाली हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में ये जानकारी दी है. गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स में 84 हजार से ज्यादा पद अभी भी रिक्त हैं. आंकड़ों के मुताबिक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स में 01-01-2023 की स्थिति के अनुसार कुल 10,05,520 पद स्वीकृत हैं. इनमें से 84,866 पद रिक्त है. रिक्त पदों में सीआरपीएफ में 29,283, बीएसएफ में 19,987, सीआईएसएफ में 19,475, एसएसबी में 8,273, असम राइफल्स में 3,706 और आईटीबीपी में 4,142 पद खाली हैं. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि सीएपीएफ में रिक्तियां सेवानिवृत्ति, इस्तीफे, पदोन्नति, मृत्यु, बटालियन के नए गठन, नए पदों के सृजन आदि के कारण उत्पन्न होती हैं. उन्होंने राज्यसभा में बताया कि पिछले पांच महीनों में सीएपीएफ में 31,785 कर्मियों की भर्ती की गई है. वहीं दूसरी तरफ इन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में चिकित्सकों के 247 और नर्सों और अन्य चिकित्सा पेशेवरों के कुल 2354 पद भी रिक्त हैं.

(आईएएनएस)

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