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उत्तराखंड में मनरेगा के कार्य दिवस 100 से बढ़ाकर 150 दिन किए गए

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़ा फैसला लेते हुए मनरेगा के कार्य दिवस 100 दिन से बढ़ाकर 150 दिन किए जाने की बात कही है. जिसके लिए धनराशि की व्यवस्था राज्य फंड से की जाएगी.

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Published : Jan 18, 2021, 5:11 PM IST

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देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक आयोजित की गई. बैठक में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड आजीविका एप लॉन्च किया. उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही मनरेगा के कार्य दिवसों की अवधि बढ़ाई जाएगी. सीएम ने कहा कि मनरेगा के कार्य दिवस 100 दिन से बढ़ाकर 150 दिन किये जाएंगे, जिसके लिए धनराशि की व्यवस्था राज्य फंड से की जाएगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत कुछ जनपदों में अच्छा कार्य हुआ है. कार्य प्रकृति में सुधार के लिए सभी जिले एक-दूसरे से अपने अनुभवों को साझा करें. जिलाधिकारियों द्वारा मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों की 15 दिनों में जिलास्तर पर समीक्षा की जाए. कोविड काल के दौरान की कार्य की भरपाई करने के लिए और मेहनत की आवश्यकता है.

बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य योजना एवं जिला योजना में विभागों द्वारा जो कार्य प्रस्तावित किए जाते हैं, वो मनरेगा के तहत आसानी से किए जा सकते हैं. ऐसे कार्यों को मनरेगा से करने में प्राथमिकता दी जाए, ताकि राज्य एवं जिला योजना की धराशि का किसी अन्य मद में सदुपयोग किया जा सके.

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में मनरेगा के तहत कुल 12.19 लाख जॉब कार्ड बने हैं, जिसमें से 67.19 प्रतिशत सक्रिय जॉब कार्ड धारक हैं. राज्य में 58.69 प्रतिशत सक्रिय श्रमिक हैं. जॉब कार्ड धारकों में 53.65 प्रतिशत महिलाएं हैं. राज्य में पिछले एक साल में 2 लाख 66 हजार जॉब कार्ड धारकों की संख्या बढ़ी है.

मनरेगा के तहत ससमय भुगतान एवं जॉब कार्ड सत्यापन में उत्तराखंड की राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी रैंकिंग है. मनरेगा के तहत न्यूनतम अकुशल मजदूरी प्रतिदिन 201 रुपये है. वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अनुमोदित बजट में से 80 प्रतिशत धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है. एनआरएलएम स्वयं सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे नर्सरी कार्यों से ₹10.13 लाख की आय अर्जित की गई. इसके तहत 94 स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं.

पढ़ें- DNA सैंपल के लिए तीसरी बार भी कोर्ट नहीं पहुंचे MLA महेश नेगी, 27 फरवरी तक मिली राहत

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य किया जाए. जिन नदियों के पुनर्जनन के लिए कार्य किए जा रहे हैं, उनकी जीआईएस मैपिंग हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ जनपद में फिशरीज के क्षेत्र में अच्छा कार्य हो रहा है. इस क्षेत्र में लोगों को कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एवं कार्यप्रणाली की जानकारी के लिए भ्रमण कराया जाए.

सीएम ने कहा कि पोषण वाटिका के तहत जनपद पौड़ी में अच्छा कार्य किया जा रहा है. इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा अच्छी योजना बनाई गई है. इस तरह के प्रयोग अन्य जिलों में भी किए जाएं. मनरेगा के तहत जनपदों में रोजगार दिवसों के औसत को और अधिक बढ़ाया जाए. जल संरक्षण एवं संवर्द्धन, कृषि विकास, पोषण अभियान, कलस्टर आधारित क्रियान्वयन रणनीति, सतत आजीविका संसाधन विकास एवं विपणन सुविधा विकास के क्षेत्र में मनरेगा के तहत विशेष प्रयास किए जाए.

देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक आयोजित की गई. बैठक में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड आजीविका एप लॉन्च किया. उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही मनरेगा के कार्य दिवसों की अवधि बढ़ाई जाएगी. सीएम ने कहा कि मनरेगा के कार्य दिवस 100 दिन से बढ़ाकर 150 दिन किये जाएंगे, जिसके लिए धनराशि की व्यवस्था राज्य फंड से की जाएगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत कुछ जनपदों में अच्छा कार्य हुआ है. कार्य प्रकृति में सुधार के लिए सभी जिले एक-दूसरे से अपने अनुभवों को साझा करें. जिलाधिकारियों द्वारा मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों की 15 दिनों में जिलास्तर पर समीक्षा की जाए. कोविड काल के दौरान की कार्य की भरपाई करने के लिए और मेहनत की आवश्यकता है.

बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य योजना एवं जिला योजना में विभागों द्वारा जो कार्य प्रस्तावित किए जाते हैं, वो मनरेगा के तहत आसानी से किए जा सकते हैं. ऐसे कार्यों को मनरेगा से करने में प्राथमिकता दी जाए, ताकि राज्य एवं जिला योजना की धराशि का किसी अन्य मद में सदुपयोग किया जा सके.

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में मनरेगा के तहत कुल 12.19 लाख जॉब कार्ड बने हैं, जिसमें से 67.19 प्रतिशत सक्रिय जॉब कार्ड धारक हैं. राज्य में 58.69 प्रतिशत सक्रिय श्रमिक हैं. जॉब कार्ड धारकों में 53.65 प्रतिशत महिलाएं हैं. राज्य में पिछले एक साल में 2 लाख 66 हजार जॉब कार्ड धारकों की संख्या बढ़ी है.

मनरेगा के तहत ससमय भुगतान एवं जॉब कार्ड सत्यापन में उत्तराखंड की राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी रैंकिंग है. मनरेगा के तहत न्यूनतम अकुशल मजदूरी प्रतिदिन 201 रुपये है. वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अनुमोदित बजट में से 80 प्रतिशत धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है. एनआरएलएम स्वयं सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे नर्सरी कार्यों से ₹10.13 लाख की आय अर्जित की गई. इसके तहत 94 स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं.

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य किया जाए. जिन नदियों के पुनर्जनन के लिए कार्य किए जा रहे हैं, उनकी जीआईएस मैपिंग हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ जनपद में फिशरीज के क्षेत्र में अच्छा कार्य हो रहा है. इस क्षेत्र में लोगों को कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एवं कार्यप्रणाली की जानकारी के लिए भ्रमण कराया जाए.

सीएम ने कहा कि पोषण वाटिका के तहत जनपद पौड़ी में अच्छा कार्य किया जा रहा है. इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा अच्छी योजना बनाई गई है. इस तरह के प्रयोग अन्य जिलों में भी किए जाएं. मनरेगा के तहत जनपदों में रोजगार दिवसों के औसत को और अधिक बढ़ाया जाए. जल संरक्षण एवं संवर्द्धन, कृषि विकास, पोषण अभियान, कलस्टर आधारित क्रियान्वयन रणनीति, सतत आजीविका संसाधन विकास एवं विपणन सुविधा विकास के क्षेत्र में मनरेगा के तहत विशेष प्रयास किए जाए.

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