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इंटरपोल से मेहुल चोकसी को बड़ी राहत, पहले से चल रहे केस पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव

पीएनबी में 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले में वांछित भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को इंटरपोल से बड़ी राहत मिली है. मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के ‘रेड नोटिस’ की सूची से हटाया गया है. सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि रेड नोटिस से नाम हटने के बाद भी केस पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

mehul choksi
मेहुल चोकसी
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Published : Mar 21, 2023, 7:16 AM IST

Updated : Mar 21, 2023, 11:13 AM IST

नयी दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में वांछित भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के 'रेड नोटिस' से हटा दिया गया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सूत्रों के मुताबिक, फ्रांस के लियोन शहर स्थित इंटरपोल के मुख्यालय में चोकसी द्वारा दायर याचिका के आधार पर यह कदम उठाया गया है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस घटनाक्रम पर चुप्पी साध ली है.

  • The cancellation of Red Corner Notice (RCN) against Mehul Choksi will not affect the case which is already in the advanced stage. There is a treaty in place. The moment Choksi will be arrested, the due procedure will be followed & action will be taken appropriately: Govt sources pic.twitter.com/Aq9Tq8Gfqz

    — ANI (@ANI) March 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सरकारी सूत्रों से जानकारी मिली है कि चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) रद्द करने से पहले के चल रहे केस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. बता दें, दो देशों के बीच संधि के मुताबिक जब चोकसी को गिरफ्तार किया गया, तब से लेकर अभी तक नियत प्रक्रिया का पालन किया गया और आगे भी उचित कार्रवाई की जाएगी.

'रेड नोटिस', 195-सदस्यीय देशों के संगठन इंटरपोल द्वारा दुनिया भर में कानून लागू करने वाली एजेंसियों को प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए आरोपी व्यक्ति का पता लगाने और हिरासत में लेने के लिए जारी किया गया ‘अलर्ट’ का उच्चतम स्तर है. इंटरपोल ने साल 2018 में चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था. भारत से फरार होने के लगभग 10 महीने बाद यह नोटिस जारी किया गया था. उसी साल चोकसी ने एंटीगुआ एवं बारबुडा की नागरिकता ले ली थी.

सूत्रों ने बताया कि चोकसी ने अपने खिलाफ रेड नोटिस जारी करने संबंधी सीबीआई के आवेदन को चुनौती दी थी और इस मामले को राजनीतिक साजिश का नतीजा करार दिया था. चोकसी ने अपनी याचिका में भारत में जेल की स्थिति, उसकी व्यक्तिगत सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को भी उठाया था.

ये भी पढ़ें- डोमिनिका में सीआईडी की हिरासत में मेहुल चोकसी, लाया जा सकता है भारत!

दरअसल, दो साल पहले मई के महीने में चोकसी अपने एंटीगुआ वाले घर से संदिग्ध परिस्थितियों गायब हो गए था. शुरुआती जांच में पाया गया कि चोकसी डोमिनिका भाग गया था लेकिन बाद में चोकसी सामने आया और कहा कि उसे रॉ (RAW) ने उसे किडनैप किया था. बता दें, साल 2018 में पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले खुलासा हुआ था. उसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी लेकिन उससे पहले मेहुल चोकसी देश छोड़कर भाग गया.

क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस: दरअसल, किसी शख्स के ऊपर आपराधिक मामला दर्ज हो और वह देश छोड़कर भाग जाए, तो उस शख्स को ढूंढने लिए इंटरपोल की ओर से रेड कॉनर्र नोटिस जारी किया जाता है. रेड नोटिस जारी होने का यह मतलब बिल्कुल नहीं कि संबंधित व्यक्ति दोषी ही है. इस नोटिस के जरिए पकड़े गए व्यक्ति को वापस उस देश में भेज दिया जाता है, जहां पर उसने कोई अपराध किया होता है.

(पीटीआई-भाषा)

नयी दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में वांछित भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के 'रेड नोटिस' से हटा दिया गया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सूत्रों के मुताबिक, फ्रांस के लियोन शहर स्थित इंटरपोल के मुख्यालय में चोकसी द्वारा दायर याचिका के आधार पर यह कदम उठाया गया है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस घटनाक्रम पर चुप्पी साध ली है.

  • The cancellation of Red Corner Notice (RCN) against Mehul Choksi will not affect the case which is already in the advanced stage. There is a treaty in place. The moment Choksi will be arrested, the due procedure will be followed & action will be taken appropriately: Govt sources pic.twitter.com/Aq9Tq8Gfqz

    — ANI (@ANI) March 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सरकारी सूत्रों से जानकारी मिली है कि चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) रद्द करने से पहले के चल रहे केस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. बता दें, दो देशों के बीच संधि के मुताबिक जब चोकसी को गिरफ्तार किया गया, तब से लेकर अभी तक नियत प्रक्रिया का पालन किया गया और आगे भी उचित कार्रवाई की जाएगी.

'रेड नोटिस', 195-सदस्यीय देशों के संगठन इंटरपोल द्वारा दुनिया भर में कानून लागू करने वाली एजेंसियों को प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए आरोपी व्यक्ति का पता लगाने और हिरासत में लेने के लिए जारी किया गया ‘अलर्ट’ का उच्चतम स्तर है. इंटरपोल ने साल 2018 में चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था. भारत से फरार होने के लगभग 10 महीने बाद यह नोटिस जारी किया गया था. उसी साल चोकसी ने एंटीगुआ एवं बारबुडा की नागरिकता ले ली थी.

सूत्रों ने बताया कि चोकसी ने अपने खिलाफ रेड नोटिस जारी करने संबंधी सीबीआई के आवेदन को चुनौती दी थी और इस मामले को राजनीतिक साजिश का नतीजा करार दिया था. चोकसी ने अपनी याचिका में भारत में जेल की स्थिति, उसकी व्यक्तिगत सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को भी उठाया था.

ये भी पढ़ें- डोमिनिका में सीआईडी की हिरासत में मेहुल चोकसी, लाया जा सकता है भारत!

दरअसल, दो साल पहले मई के महीने में चोकसी अपने एंटीगुआ वाले घर से संदिग्ध परिस्थितियों गायब हो गए था. शुरुआती जांच में पाया गया कि चोकसी डोमिनिका भाग गया था लेकिन बाद में चोकसी सामने आया और कहा कि उसे रॉ (RAW) ने उसे किडनैप किया था. बता दें, साल 2018 में पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले खुलासा हुआ था. उसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी लेकिन उससे पहले मेहुल चोकसी देश छोड़कर भाग गया.

क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस: दरअसल, किसी शख्स के ऊपर आपराधिक मामला दर्ज हो और वह देश छोड़कर भाग जाए, तो उस शख्स को ढूंढने लिए इंटरपोल की ओर से रेड कॉनर्र नोटिस जारी किया जाता है. रेड नोटिस जारी होने का यह मतलब बिल्कुल नहीं कि संबंधित व्यक्ति दोषी ही है. इस नोटिस के जरिए पकड़े गए व्यक्ति को वापस उस देश में भेज दिया जाता है, जहां पर उसने कोई अपराध किया होता है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 21, 2023, 11:13 AM IST
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