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कश्मीर में सामान्य हालात पर भाजपा का दावा सरासर गलत: महबूबा - जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात सुधरे नहीं हैं, जिसका सबूत कुलगाम जिले में दोहरा हमला है. गत शुक्रवार को इस हमले में एक पुलिसकर्मी और मजदूर मारे गए थे. उन्होंने कहा कि वे घुटन महसूस कर रहे हैं जबकि वे दिखाने की कोशिश कर रहे हैं सबकुछ ठीक है.

महबूबा
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Published : Sep 21, 2021, 10:57 PM IST

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में स्थिति सामान्य होने का भाजपा का दावा सरासर गलत है. यहां जनता खामोश है और खामोशी का मतलब यह नहीं कि हालात सुधर गए हैं. यह बात जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कही.

यहां पत्रकारों को संबोधित कर रही महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात सुधरे नहीं हैं, जिसका सबूत कुलगाम जिले में दोहरा हमला है. गत शुक्रवार को इस हमले में एक पुलिसकर्मी और मजदूर मारे गए थे. उन्होंने कहा कि वे घुटन महसूस कर रहे हैं जबकि वे दिखाने की कोशिश कर रहे हैं सबकुछ ठीक है.

उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की बात से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य संविधान के अर्टिकल 370 की बहाली कराना है. अगस्त 2019 में भाजपा सरकार ने इसे निरस्त कर दिया था, जिसे महबूबा मुफ्ती दुबारा बहाल करने की मांग कर रही हैं.

पढ़ें : वोट लेने के लिए तालिबान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान का इस्तेमाल करती है भाजपा : महबूबा मुफ्ती

उन्होंने जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक दिवसीय हड़ताल के आह्वान का जिक्र करते हुए कहा कि 22 सितम्बर को आर्टिकल 370 के खिलाफ ये लोग प्रदर्शन करने वाले हैं. कम से कम वे अपना विरोध जता रहे हैं, लेकिन कश्मीर के लोग ऐसा नहीं कर सकते हैं.

बता दें कि बड़ी कॉर्पोरेट श्रृंखलाओं को अपने आउटलेट खोलने की अनुमति देकर स्थानीय कारोबार को समाप्त करने के प्रयासों के खिलाफ 22 सितंबर को जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से प्रदर्शन का आह्वान किया गया है.

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में स्थिति सामान्य होने का भाजपा का दावा सरासर गलत है. यहां जनता खामोश है और खामोशी का मतलब यह नहीं कि हालात सुधर गए हैं. यह बात जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कही.

यहां पत्रकारों को संबोधित कर रही महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात सुधरे नहीं हैं, जिसका सबूत कुलगाम जिले में दोहरा हमला है. गत शुक्रवार को इस हमले में एक पुलिसकर्मी और मजदूर मारे गए थे. उन्होंने कहा कि वे घुटन महसूस कर रहे हैं जबकि वे दिखाने की कोशिश कर रहे हैं सबकुछ ठीक है.

उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की बात से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य संविधान के अर्टिकल 370 की बहाली कराना है. अगस्त 2019 में भाजपा सरकार ने इसे निरस्त कर दिया था, जिसे महबूबा मुफ्ती दुबारा बहाल करने की मांग कर रही हैं.

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उन्होंने जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक दिवसीय हड़ताल के आह्वान का जिक्र करते हुए कहा कि 22 सितम्बर को आर्टिकल 370 के खिलाफ ये लोग प्रदर्शन करने वाले हैं. कम से कम वे अपना विरोध जता रहे हैं, लेकिन कश्मीर के लोग ऐसा नहीं कर सकते हैं.

बता दें कि बड़ी कॉर्पोरेट श्रृंखलाओं को अपने आउटलेट खोलने की अनुमति देकर स्थानीय कारोबार को समाप्त करने के प्रयासों के खिलाफ 22 सितंबर को जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से प्रदर्शन का आह्वान किया गया है.

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