श्रीनगर : जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (People's Democratic Party) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने बुधवार को दावा किया कि प्रशासन उन्हें महामारी और सुरक्षा के बहाने लोगों से मिलने से रोक रहा है.
उन्होंने कहा कि आज सरकार ने एक बार फिर मुझे महामारी और सुरक्षा के बहाने नूराबाद (Noorabad) जाने से रोक दिया. नूराबाद वही जगह है, जहां हाल ही में एक युवक ने आत्महत्या की थी.
महबूबा ने ट्विटर पर अपना वीडियो बयान जारी करते हुए कहा कि इस युवक के पिता एक स्कूल में शिक्षक थे, जिन्होंने कई साल पहले आतंकवाद छोड़ दिया था और अब शांति की राह पर चल रहे थे और पिछले ढाई साल से उनका वेतन सिर्फ इसलिए रोक दिया गया, क्योंकि वह कभी आतंकवाद से जुड़े हुए थे.
पूर्व मुख्यमंत्री (Ex Chief Minister) ने कहा कि अपने पिता की लाचारी देखकर इस युवक के पास पिता का बोझ कम करने के लिए आत्महत्या करने के अलावा और कोई चारा नहीं था. यह सिर्फ एक शिक्षक की बात नहीं है. कश्मीर में ऐसे कई लोग हैं. वह एक आतंकी हुआ करता थे, लेकिन अब शांति का मार्ग पर चल रहे हैं. दुर्भाग्य से आज सरकार इन सभी लोगों को परेशान कर रही है.
सरकार की पुनर्वास नीति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि ये इन लोगों को विभिन्न तरीकों से अपमानित करने के प्रयास हैं.
उन्होंने कहा, 'एक तरफ सरकार युवाओं से आतंकवाद का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने को कह रही है, वहीं दूसरी तरफ जो लोग शांति के रास्ते पर लौट रहे हैं उन्हें अपमानित किया जा रहा है.'
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सरकार नहीं चाहती कि यहां के लोगों की पीड़ा सार्वजनिक हो. वे सुरक्षा चिंताओं और महामारी की स्थिति को उसी के बहाने के रूप में इस्तेमाल कर रही है.
उन्होंने कहा, 'उपराज्यपाल और उनके अधिकारियों के लिए सुरक्षा कोई समस्या नहीं है. महामारी के बावजूद उनके लिए सुरक्षा के इंतजाम किए जाते हैं, उन्हें हर जगह जाने दिया जाता है. मुझे क्यों रोका जा रहा है? सरकार खुद ऐसे परिवारों के पास नहीं जाती और मुझे जाने भी नहीं देती. यह कैसा न्याय है?'