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Meghalaya greenfield airport: मेघालय HC ने ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा के लिए जमीन की पहचान करने को कहा

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Published : Mar 29, 2023, 1:58 PM IST

मेघालय उच्च न्यायालय ने ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा के निर्माण को लेकर सरकार से जमीन की पहचान करने को कहा है. अदालत इस संबंध में दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

Meghalaya High Court asked to identify land for greenfield airport (representational photo)
मेघालय उच्च न्यायालय ने ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा के लिए जमीन की पहचान करने को कहा ( प्रतीकात्मक फोटो)

शिलांग: मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को ‘ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा’ के निर्माण के लिए जमीन की पहचान करने का निर्देश दिया है क्योंकि बड़े विमानों के उतरने की सुविधा के लिए शिलांग हवाई अड्डा को विस्तारित नहीं किया जा सकता है. मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी के नेतृत्व में उच्च न्यायालय की पीठ ने इस संबंध में मंगलवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिया.

पीठ ने एक आदेश में कहा, 'राज्य को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) या उमरोई हवाई अड्डा पर तैनात अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर इस मद में जमीन की पहचान का प्रयास करना चाहिए ताकि ‘ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा’ परियोजना के लिए वह जगह उपयुक्त होगी या नहीं, इस पर शुरुआती विचार जानने के लिए एएआई को आमंत्रित किया जा सके.' पीठ ने कहा कि जमीन की पहचान होने के बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाए. पीठ ने यह भी कहा कि पूरी प्रक्रिया सावधानी से संपन्न की जाए ताकि बिचौलियों को जमीन की कीमत बढ़ाने का मौका नहीं मिले.

ये भी पढ़ें- ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे को मिला नया नाम, जानें क्या कहलाएगा अब से ईटानगर एयपोर्ट

अदालत ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि यदि राज्य और केंद्र सरकार दोनों एक नया हवाई अड्डा स्थापित करने के लिए अनिच्छुक हैं तो वह इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी या अपनी इच्छा नहीं थोपेगी. किंतु अदालत ने यह भी कहा कि शिलांग के निकट एक नया हवाई अड्डा बनने से राज्य और यहां विकास की पहलों को बढ़ावा मिल सकता है. अदालत ने कहा कि वर्तमान में एटीआर और बॉम्बार्डियर जैसे छोटे विमान मौजूदा हवाई अड्डे पर उतर रहे हैं और हवाई पट्टी की लंबाई तथा आसपास की पहाड़ियों के कारण चौड़ी बॉडी वाले विमानों के लिए उमरोई में उड़ान भरना संभव नहीं हो पाता है. गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई हवाई अड्डा लगभग 140 किलोमीटर दूर है और तीन घंटे से अधिक की दूरी पर है, जबकि शिलांग हवाई अड्डा शहर से लगभग 30 मिनट की दूरी पर है.

(पीटीआई-भाषा)

शिलांग: मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को ‘ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा’ के निर्माण के लिए जमीन की पहचान करने का निर्देश दिया है क्योंकि बड़े विमानों के उतरने की सुविधा के लिए शिलांग हवाई अड्डा को विस्तारित नहीं किया जा सकता है. मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी के नेतृत्व में उच्च न्यायालय की पीठ ने इस संबंध में मंगलवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिया.

पीठ ने एक आदेश में कहा, 'राज्य को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) या उमरोई हवाई अड्डा पर तैनात अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर इस मद में जमीन की पहचान का प्रयास करना चाहिए ताकि ‘ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा’ परियोजना के लिए वह जगह उपयुक्त होगी या नहीं, इस पर शुरुआती विचार जानने के लिए एएआई को आमंत्रित किया जा सके.' पीठ ने कहा कि जमीन की पहचान होने के बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाए. पीठ ने यह भी कहा कि पूरी प्रक्रिया सावधानी से संपन्न की जाए ताकि बिचौलियों को जमीन की कीमत बढ़ाने का मौका नहीं मिले.

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अदालत ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि यदि राज्य और केंद्र सरकार दोनों एक नया हवाई अड्डा स्थापित करने के लिए अनिच्छुक हैं तो वह इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी या अपनी इच्छा नहीं थोपेगी. किंतु अदालत ने यह भी कहा कि शिलांग के निकट एक नया हवाई अड्डा बनने से राज्य और यहां विकास की पहलों को बढ़ावा मिल सकता है. अदालत ने कहा कि वर्तमान में एटीआर और बॉम्बार्डियर जैसे छोटे विमान मौजूदा हवाई अड्डे पर उतर रहे हैं और हवाई पट्टी की लंबाई तथा आसपास की पहाड़ियों के कारण चौड़ी बॉडी वाले विमानों के लिए उमरोई में उड़ान भरना संभव नहीं हो पाता है. गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई हवाई अड्डा लगभग 140 किलोमीटर दूर है और तीन घंटे से अधिक की दूरी पर है, जबकि शिलांग हवाई अड्डा शहर से लगभग 30 मिनट की दूरी पर है.

(पीटीआई-भाषा)

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