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पांच मिनट की मुलाकात में ही उनकी पीएम से लड़ाई हो गई : सत्यपाल मलिक

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को चरखी दादरी में पीएम मोदी (Satya Pal Malik On Farm Laws Repealed) से हुई अपनी लड़ाई के बारे में खुल कर चर्चा की. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि पीएम मोदी काफी घमंड से भरे हुए थे. आप भी सुनें पूरी बात-

सत्यपाल मलिक
सत्यपाल मलिक
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Published : Jan 2, 2022, 10:08 PM IST

Updated : Jan 3, 2022, 12:16 PM IST

भिवानी : मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik On Farm Laws Repealed) ने कहा कि केंद्र के तीनों कृषि कानूनों का रद्द होना किसानों की ऐतिहासिक जीत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह खुद भी इन कृषि कानूनों के खिलाफ थे. मलिक ने कहा कि अन्नदाताओं ने अपने अधिकारों व हकों की लड़ाई जीती है और भविष्य में भी अगर किसानों के खिलाफ कोई सरकार कदम उठाती है तो वह पूरी ईमानदारी से इसका विरोध करेंगे और अगर कोई पद छोड़ने की बात आई तब भी वह पीछे नहीं हटेंगे.

मेघालय के राज्यपाल रविवार को हरियाणा के चरखी दादरी में किसानों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मेरे लिए किसी भी पद से पहले किसानों का हित सर्वोपरि है. उन्होंने कहा कि किसानों के अधिकारों पर आंच नहीं आने दी जाएगी और अगर इसका हनन होता है तो उनको सहन करने वाला भी दोषी कहलाता है.

मलिक ने कहा कि जब सरकार किसानों से संबंधित कानून बनाती है तो पहले किसानों की राय जाने और अगर कोई बिल बनाना है तो किसानों के फायदे के लिए बनाया जाए. उन्होंने कहा कि अगर बिल के विरोध में किसान सड़कों पर खड़े होंगे तो उसका कोई फायदा नहीं है.

सत्यपाल मलिक ने कहा कि एक बार वो किसानों की मौत की चर्चा करने के लिए पीएम मोदी से मुलाकात करने पहुंचे. सत्पाल मलिक ने कहा कि पांच मिनट की मुलाकात में ही उनकी पीएम से लड़ाई हो गई. उन्होंने किसानों की मौत का मुद्दा पीएम के सामने उठाया. राज्यपाल सत्यपाल मलिक के मुताबिक पीएम काफी घमंड में थे. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें जवाब दिया कि कुत्ता भी मरता है तो चिट्ठी लिख देते हो. इसके बाद पीएम मोदी ने उन्हें गृह मंत्री अमित शाह से बात करने के लिए कह दिया.

यह भी पढ़ें- कृषि सुधार कानून दोबारा लाने का कोई प्रस्ताव नहीं, भ्रम फैला रही कांग्रेस : कृषि मंत्री तोमर

वहीं इस बातचीत में किसानों के प्रदर्शन पर सत्यपाल मलिक (satyapal malik on farmers protest) पर कहा कि के साथ सरकार को अब इमानदारी बरतते हुए तुरंत दर्ज केसों को रद्द करके एमएसपी को कानूनी रूप देना होगा. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन समाप्त नहीं हुआ बल्कि स्थगित हुआ है, अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो फिर से आंदोलन हो सकता है. वहीं कृषि कानून रद्द होना किसानों की बड़ी जीत है, एमएसपी को लेकर भी किसान एकजुट रहेंगे.

वहीं भिवानी में हुए डाडम पहाड़ खनन हादसे पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि खनन करने वाले कोई कायदा-कानून नहीं मानते, पूरा भ्रष्टाचार से भरा है. खनन मामले की उच्च स्तर पर जांच हो और दाषियों पर कड़ी कार्रवाई हो.

भिवानी : मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik On Farm Laws Repealed) ने कहा कि केंद्र के तीनों कृषि कानूनों का रद्द होना किसानों की ऐतिहासिक जीत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह खुद भी इन कृषि कानूनों के खिलाफ थे. मलिक ने कहा कि अन्नदाताओं ने अपने अधिकारों व हकों की लड़ाई जीती है और भविष्य में भी अगर किसानों के खिलाफ कोई सरकार कदम उठाती है तो वह पूरी ईमानदारी से इसका विरोध करेंगे और अगर कोई पद छोड़ने की बात आई तब भी वह पीछे नहीं हटेंगे.

मेघालय के राज्यपाल रविवार को हरियाणा के चरखी दादरी में किसानों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मेरे लिए किसी भी पद से पहले किसानों का हित सर्वोपरि है. उन्होंने कहा कि किसानों के अधिकारों पर आंच नहीं आने दी जाएगी और अगर इसका हनन होता है तो उनको सहन करने वाला भी दोषी कहलाता है.

मलिक ने कहा कि जब सरकार किसानों से संबंधित कानून बनाती है तो पहले किसानों की राय जाने और अगर कोई बिल बनाना है तो किसानों के फायदे के लिए बनाया जाए. उन्होंने कहा कि अगर बिल के विरोध में किसान सड़कों पर खड़े होंगे तो उसका कोई फायदा नहीं है.

सत्यपाल मलिक ने कहा कि एक बार वो किसानों की मौत की चर्चा करने के लिए पीएम मोदी से मुलाकात करने पहुंचे. सत्पाल मलिक ने कहा कि पांच मिनट की मुलाकात में ही उनकी पीएम से लड़ाई हो गई. उन्होंने किसानों की मौत का मुद्दा पीएम के सामने उठाया. राज्यपाल सत्यपाल मलिक के मुताबिक पीएम काफी घमंड में थे. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें जवाब दिया कि कुत्ता भी मरता है तो चिट्ठी लिख देते हो. इसके बाद पीएम मोदी ने उन्हें गृह मंत्री अमित शाह से बात करने के लिए कह दिया.

यह भी पढ़ें- कृषि सुधार कानून दोबारा लाने का कोई प्रस्ताव नहीं, भ्रम फैला रही कांग्रेस : कृषि मंत्री तोमर

वहीं इस बातचीत में किसानों के प्रदर्शन पर सत्यपाल मलिक (satyapal malik on farmers protest) पर कहा कि के साथ सरकार को अब इमानदारी बरतते हुए तुरंत दर्ज केसों को रद्द करके एमएसपी को कानूनी रूप देना होगा. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन समाप्त नहीं हुआ बल्कि स्थगित हुआ है, अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो फिर से आंदोलन हो सकता है. वहीं कृषि कानून रद्द होना किसानों की बड़ी जीत है, एमएसपी को लेकर भी किसान एकजुट रहेंगे.

वहीं भिवानी में हुए डाडम पहाड़ खनन हादसे पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि खनन करने वाले कोई कायदा-कानून नहीं मानते, पूरा भ्रष्टाचार से भरा है. खनन मामले की उच्च स्तर पर जांच हो और दाषियों पर कड़ी कार्रवाई हो.

Last Updated : Jan 3, 2022, 12:16 PM IST
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