श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में 28 नवंबर को होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव (डीडीसी इलेक्शन) होने हैं. इससे ठीक पहले रोशनी घोटाला में कई बड़े स्थानीय नेताओं के नाम सामने आए हैं. प्रशासन ने कहा है कि घोटाले में जिन लोगों के भी नाम सामने आए हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साउथ जम्मू के पुलिस अधीक्षक (एसपी) दीपक धींगरा ने रोशनी घोटाला में कानूनी कार्रवाई को लेकर स्थिति स्पष्ट की है.
मीडिया से बात करते हुए दीपक धींगरा ने कहा कि कुछ लोगों को संदेह है कि बुलडोजर चलाए जाएंगे. घरों को गिराया जाएगा. उन्होंने आश्वस्त किया कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि कार्रवाई कानून के तहत की जाएगी. कानून व्यवस्था और आपसी सौहार्द बनाए रखना हम सभी की सामूहिक जवाबदेही है.
जम्मू के बठिंडी इलाके में विरोध प्रदर्शन के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों को पुलिस ने पकड़ा है, उनके पास अनुमति नहीं थी. जिन लड़कों को पकड़ा गया है उन्होंने अवैध कृत्य किए, जिसके बाद उनके ऊपर कार्रवाई की गई. उन्होंने आम लोगों से शांति व्यवस्था बरकरार रखने की अपील भी की.
गौरतलब है कि बठिंडी में कई अवैध इमारतों के निर्माण की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद अशांति फैलने की आशंका जाहिर की जा रही थी. इसे लेकर जम्मू के डीआईजी, एसएसपी और अन्य फील्ड अधिकारियों ने बटिंडी क्षेत्र के स्थानीय निवासियों के साथ बैठक की.
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मक्का मस्जिद बठिंडी में आयोजित बैठक में प्रशासन ने आश्वस्त किया कि कोई भी कार्रवाई आम जनता को परेशान करने के लिए नहीं की जाएगी. इसके बाद एक स्थानीय निवासी ने बताया कि जो लोग बाहर से आकर माहौल अशांत करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. नागरिकों ने कहा कि रोशनी घोटाला मामले को लेकर डर का माहौल बनाया जा रहा है.
इससे पहले बुधवार को जम्मू रेंज के डीआईजी विवेक गुप्ता ने भी लोगों से शांति भंग न होने देने की अपील की. उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली अफवाहों से भी बचने की अपील की.
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को रोशनी घोटाले के संबंध में कहा कि जम्मू कश्मीर में नए भूमि कानून से भूमि पर कब्जा करने के मामलों और 'रोशनी' जैसे घोटालों पर रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि यह कानून 'नेता-प्रशासन गठजोड़ के माफिया सदस्यों' के भी खिलाफ है जिन्होंने पिछली आधी सदी में अनधिकृत जमीन पर बड़ी-बड़ी इमारतें, बंगले और वाणिज्यिक परिसर बनवाए हैं.
बता दें कि केंद्रशासित क्षेत्र के प्रशासन ने एक नवंबर को जम्मू कश्मीर राज्य भूमि (मालिकाना हक सौंपने) कानून, 2001 के तहत भूमि के मालिकाना हक स्थानांतरण को रद्द कर दिया. इस कानून को रोशनी कानून भी कहा जाता है. इसके तहत 2.5 लाख एकड़ जमीन का मालिकाना हक सौंपा जाना था.