नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ-साथ अभी से 2024 के लक्ष्य को भी तैयार करना शुरू कर दिया है. साथ ही जन-जन तक पहुंचने की योजना भी पार्टी में जोर-शोर से तैयार की जा रही है. इसी क्रम में नई दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संगठन मंत्रियों, सह संगठन मंत्रियों और संगठन महामंत्रियों की बैठक 19 से 21 नवंबर के बीच दिल्ली में बुलाई है.
इस बैठक में सभी राज्य के चाहे वह बीजेपी शासित प्रदेश हो या गैर भाजपाई सरकार शासित प्रदेश हों सभी राज्यों के संगठन मंत्री, सह संगठन मंत्री और सभी प्रदेश संगठन महामंत्री भाग लेंगे. इस मौके पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की संभावना है. हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है.
यदि इस बैठक के मुद्दों की बात करें तो इस बैठक में मुख्य तौर पर संगठन को और मजबूती प्रदान कैसे किया जाए ताकि इसे और आगे बढ़ाया जा सके इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा. इसके अलावा पार्टी न सिर्फ उन राज्यों में जहां पार्टी की सरकार है बल्कि उन राज्यों में भी जहां पार्टी जहां वह सरकार में नहीं है वहां भी 2024 या उससे पहले जनाधार बढ़ाना चाह रही है. बता दें कि 2022 में उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्य में चुनाव होने हैं. इसे देखते हुए बीजेपी में पहले ही से ही लगातार बैठकों का दौर जारी है.
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सूत्रों की माने तो संगठन मंत्रियों की इस बैठक में फिर से चुनावी रणनीति पर चर्चा की जाएगी. बैठक में हिस्सा लेने वाले संगठन मंत्रियों से पार्टी यह भी सलाह लेगी कि उनके राज्यों में संगठन को और मजबूती प्रदान करने के लिए क्या-क्या कार्यक्रम और सेवा कार्यक्रम की शुरुआत की जा सकती है. साथ ही संगठन मंत्रियों से उनके राज्यों के चुने हुए प्रतिनिधियों के बारे में भी फीडबैक लिया जाएगा जिससे आने वाले दिनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
इसके अलावा यदि किसी राज्य में कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी है तो उसे दूर करने के लिए भी बैठक में चर्चा की जाएगी ताकि पार्टी के किसी भी राज्य में संगठन के बीच पदाधिकारियों में मनमुटाव या तनातनी की वजह से किसी तरह का नुकसान ना हो. यदि देखा जाए तो कई राज्यों में पार्टी पदाधिकारियों के बीच तनातनी होने की वजह से केंद्रीय कार्यालय को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा है और राज्य के प्रभारियों को भेज कर मामला शांत कराना पड़ा है, जिसमें त्रिपुरा, उत्तराखंड जैसे राज्य में चल रही तनातनी किसी से छिपी नहीं है. संगठन मंत्रियों की बैठक में इन बातों को लेकर मजबूत रणनीति तय की जाएगी और यहां से कड़े निर्देश दिए जाएंगे कि आने वाले दिनों में किसी भी नेता की तरफ से अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.