श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के वेसु निवासी सयर अब्दुल्ला दुर्घटना में अपना दाहिना हाथ खो बैठे थे जब वे मात्र 11 साल के थे. उबड़-खाबड़ कश्मीरी इलाकों में स्टीयरिंग व्हील पर पूरा नियंत्रण रखते हुए उन्हें देखकर कोई भी दूर से नहीं बता सकता है कि ड्राइवर के पास केवल एक हाथ है. जी हां यही अब्दुल्ला को खास बनाता है.
सयर 5वीं कक्षा में थे जब अपनी स्कूल बस में सवार थे और एक दुर्घटना का शिकार हुए. इसके बाद उनका एक हाथ काटना पड़ा लेकिन अब्दुल्ला के माता-पिता ने उसकी उम्र के अन्य बच्चों की तरह सामान्य बचपन देने से उसे नहीं रोका. उन्होंने उसे आत्मविश्वास के साथ जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रशिक्षित किया. 23 वर्षीय ने अब्दुल्ला अपने जीवन के जुनून के बीच अपनी विकलांग को कभी नहीं आने देते हैं. अब्दुल्ला न केवल अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाया बल्कि साहसिक खेलों में भी अपना जलवा दिखा रहे हैं, जैसे कि ऑफ-रोडिंग आदि.
ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए सयर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें हमेशा अपने परिवार और दोस्तों का समर्थन मिला. वह ऐसे लोगों से भी मिले हैं जो उन्हें हतोत्साहित करते थे. अब्दुल्ला हैदराबाद स्थित विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई कर रहे हैं और साथ ही वे अपने समर्पण, साहस और उत्साह से अपने लिए एक अलग पहचान बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
अब्दुल्ला को बचपन से ही ड्राइविंग में गहरी रुचि थी. हालांकि गाड़ी चलाना सीखना उसके लिए एक मुश्किल काम था लेकिन उन्होंने इसे सीखा और सभी बाधाओं को धता बताते हुए इसमें महारत हासिल की. वे न केवल कश्मीर की साधारण सड़कों पर बल्कि उबड़-खाबड़ और कठिन रास्तों पर भी ड्राइव करते हैं. जिसमें बड़ी कुशलता की आवश्यकता होती है.
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ऑफ-रोड ड्राइविंग प्रतियोगिताओं के लिए उनके जुनून ने सयर अब्दुल्ला को रोड क्लब आफ कश्मीर का सदस्य बनाया. जहां अब वे दो साल के लिए सदस्य हैं. आज अब्दुल्ला अन्य ड्राइवरों की तुलना में बेहतर आत्मविश्वास के साथ कश्मीर के खतरनाक मार्गों पर ड्राइव करते हैं.