कोटा. देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंटरेंस टेस्ट (NEET UG 2022) का परिणाम 7 सितंबर को जारी हो गया था. परीक्षा में 993000 बच्चों को सफल घोषित किया गया है. इन बच्चों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया से गुजरना होगा. जिसमें वर्तमान समय में 97293 सीटें हैं. जबकि बीते साल से इन सीटों में करीब 5900 की बढ़ोतरी हुई है. बीते साल 91400 सीटों पर प्रवेश दिया गया था.
कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा के अनुसार अभी भी कई प्रदेशों के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को नेशनल मेडिकल कमिशन ने लेटर ऑफ परमिशन (LOP) एलओपी जारी नहीं किया है. ऐसे में इन कॉलेजों को एलओपी जारी होगी. जिसके बाद सीटों की संख्या बढ़कर 1 लाख के पार जा सकती है. यह मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में अच्छा कदम होगा कि भारत में एमबीबीएस की पढ़ाई 1 लाख बच्चे कर सकेंगे.
25000 रैंक तक के विद्यार्थी को भी मिल सकती है सरकारी सीट: (NEET UG 2022 Counselling)
विद्यार्थियों में सरकारी सीटों को लेकर क्रेज रहता है. क्योंकि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुछ हजार रुपए से लेकर 3 लाख तक की फीस में पढ़ाई हो होती है. प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में यह फीस 30 लाख रुपए सालाना तक भी होती है. पारिजात मिश्रा ने बताया कि बीते साल मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की काउंसलिंग में मॉपअप राउंड तक जनरल सीट पर 21000 रैंक वाले विद्यार्थियों को भी मेडिकल कॉलेज मिल गया था. जबकि इस बार यह आंकड़ा सीटें बढ़ जाने के साथ ऑल इंडिया काउंसलिंग में 25 हजार रैंक तक जा सकता है. हालांकि ऑल इंडिया काउंसलिंग की तरह ही राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में स्टेट कट ऑफ नेशनल कटऑफ के बराबर ही रहती है. लेकिन बिहार, एमपी, छत्तीसगढ़ और झारखंड में कटऑफ करीब 40 से 50 नंबर कम रहती है.
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यूपी, एमपी में नहीं की गई सीटों में बढ़ोतरी: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी कॉलेजों का प्रपोजल है. यूनियन हेल्थ मिनिस्टर ने भी बोला था कि सभी जगह पर तकरीबन 3500 से ज्यादा सीट बढ़ने की बात कहीं थी, लेकिन अभी तक इस परिपेक्ष में कोई विशेष सीट बढ़ोतरी नहीं हुई है. हो सकता है काउंसलिंग के समय पर सीटें बढ़ाई जाएं. ऐसा भी हो सकता है कि काउंसलिंग के पहले राउंड के बाद सीटें बढ़ाई जाएं. वहीं जिस तरह कॉलेज खुल रहे हैं, सेकंड राउंड तक भी उसी तरह कॉलेज खुले तो एक लाख सीटें इसी साल हो सकती हैं.
हाल ही में इन मेडिकल कॉलेजों को जारी हुई थी LOP: (LOP issued to Colleges in India)
पारिजात मिश्रा के अनुसार नए मेडिकल कॉलेजों में आसाम के डुबरी, छत्तीसगढ़ के महासमुंद, कोरबा, गुजरात के मोरबी, पंचमहल गोधा, पोरबंदर, हरियाणा के फरीदाबाद, कर्नाटक के चिकमंगलूर, मणिपुर के चोराचांदपुर, उड़ीसा के क्योंझर, सुंदरगढ़, राजस्थान के चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, श्रीगंगानगर, तेलंगाना के वनापर्थी, भद्रादरी कोठागुडम, जगित्याल, महबूबाबाद, नगरकुरनूल, संगरेड्डी, वेस्ट बंगाल के बारासात, आरामबाग, जलपाईगुड़ी व तमरालिप्त शामिल हैं. इनमें 2850 नई सीटें थी. इसके अलावा हाल ही केरल के इडुप्पी, महाराष्ट्र के उस्मानाबाद और पश्चिमी बंगाल के उलूबेरिया के कॉलेजों को नेशनल मेडिकल कमीशन ने लेटर ऑफ परमिशन (LOP) जारी किया है.
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45 से बढ़कर 48 फीसदी हुई सरकारी सीटें: (Govt Medical Colleges in India)
एक्सपर्ट पारिजात मिश्रा ने बताया कि साल 2021 में मेडिकल काउंसलिंग कमेटी की काउंसलिंग के जरिए भारत में 606 मेडिकल कॉलेजों की 91,415 सीटों पर प्रवेश दिया गया था. इनमें 292 सरकारी और 314 डीम्ड यूनिवर्सिटी या प्राइवेट मेडिकल कॉलेज थे. तब सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में सीटों का अनुपात देखा जाए तो अभी भी 55 फीसदी सीटें प्राइवेट व 45 फीसदी सीटें सरकारी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों के पास थीं. ऐसे में सरकारी कॉलेजों में करीब 41 हजार और प्राइवेट कॉलेजों में 50 हजार 500 सीटें थीं. बीते 1 साल में देश में सरकारी कॉलेज ज्यादा खुले हैं. ऐसे में वर्तमान में 645 मेडिकल कॉलेज हो गए हैं. जिनमें करीब 325 सरकारी और 320 निजी व डीम्ड मेडिकल कॉलेज हैं. इनमें 97293 सीटें हैं. ऐसे में अब सीटों का प्रतिशत भी बढ़ गया है. सरकारी सीटों का प्रतिशत बढ़कर 48 हो गया है. इस बार सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 47000 और प्राइवेट व डीम्ड यूनिवर्सिटी में 52500 सीटे हैं.