नई दिल्ली : भारत ने गुरुवार को कहा कि वह भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति में समानता सुनिश्चित करने के मुद्दे पर कनाडा के साथ चर्चा कर रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'हमने भारत में कनाडा की राजनयिक उपस्थिति में समानता की मांग की और चर्चा जारी है.' उन्होंने कहा, हमारा ध्यान कनाडा की राजनयिक उपस्थिति में समानता सुनिश्चित करने पर है. दो हफ्ते पहले, नई दिल्ली ने ओटावा से भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने के लिए कहा था.
बागची ने कहा कि यूके में 2 अक्टूबर को एक विरोध प्रदर्शन हुआ था और हमने निश्चित रूप से वहां राजनयिकों और परिसरों की सुरक्षा पर अपनी चिंताओं को यूके के अधिकारियों के सामने उठाया है, यह एक सतत बातचीत रही. उन्होंने कहा कि मुद्दा सुरक्षा के विषय का है और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि हमारे राजनयिक सामान्य रूप से कार्य करने में सक्षम हैं, हमारे परिसर सुरक्षित हैं और समुदाय को केंद्र नहीं किया गया है.
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#WATCH | MEA Spokesperson Arindam Bagchi says, "In the UK, there was a protest on 2nd October, and we certainly have taken up our concerns on the security of diplomats and premises there with the UK authorities. And this has been an ongoing thing. The issue is about security,… pic.twitter.com/TwMKozqcPi
— ANI (@ANI) October 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 5, 2023#WATCH | MEA Spokesperson Arindam Bagchi says, "In the UK, there was a protest on 2nd October, and we certainly have taken up our concerns on the security of diplomats and premises there with the UK authorities. And this has been an ongoing thing. The issue is about security,… pic.twitter.com/TwMKozqcPi
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जून में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव में आ गया था. भारत ने आरोपों को बेतुका और प्रेरित कहकर खारिज कर दिया और इस मामले के लेकर ओटावा के एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया था.
वहीं दिल्ली में अफगानिस्तान के दूतावास के परिचालन को निलंबित करने की घोषणा के कुछ दिनों बाद भारत ने गुरुवार को कहा कि नई दिल्ली में अफगान दूतावास काम कर रहा है. बागची ने कहा कि हमारी समझ यह है कि नई दिल्ली में दूतावास काम कर रहा है या काम करना जारी रख रहा है. हम दूतावास में मौजूद अफगान राजनयिकों के भी संपर्क में हैं. बागची ने कहा कि हालांकि, हमें पिछले हफ्ते कथित तौर पर दूतावास से एक संचार प्राप्त हुआ था जिसमें संकेत दिया गया था कि वह सितंबर के अंत में ऑपरेशन को निलंबित करने का इरादा रखता है. हालांकि, ऐसा निर्णय एक विदेशी मिशन का आंतरिक मामला है.
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On discussions on parity, given the much higher presence of diplomats or diplomatic presence here and their interference in our internal matters, we have sought parity in our respective diplomatic presence. Discussions are ongoing to achieve this. Given that Canadian diplomatic… pic.twitter.com/oAgGcXAhyB
— ANI (@ANI) October 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 5, 2023On discussions on parity, given the much higher presence of diplomats or diplomatic presence here and their interference in our internal matters, we have sought parity in our respective diplomatic presence. Discussions are ongoing to achieve this. Given that Canadian diplomatic… pic.twitter.com/oAgGcXAhyB
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने यह भी देखा है कि अफगान राजदूत की लंबे समय से अनुपस्थिति रही है और हाल के दिनों में बड़ी संख्या में राजनयिकों ने भारत छोड़ दिया है. दूतावास ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह 1 अक्टूबर से भारत में परिचालन बंद कर देगा, जिसमें कई आरोप लगाए गए थे कि उसे भारत सरकार से कोई समर्थन नहीं मिला. हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दावे को खारिज कर करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि वे तथ्यात्मक रूप से सही हैं. हालांकि भारत ने तालिबान शासन को मान्यता नहीं दी है. भारत के विदेश मंत्रालय ने एक अमेरिकी दूत की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की हालिया यात्रा को लेकर अमेरिका के समक्ष चिंता जताई और कहा कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग है.
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